जिन का उच्चारण स्वतंत्रता से होता है और जो व्यंजन के उच्चारण में सहायक होते हैं उसे क्या कहते हैं?
जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है वह स्वर कहलाता है क्योंकि स्वर सीधा कंठ से होकर बिना कोई स्वर तंत्री से टकराए हुए मुंह के बाहर निकल जाता है इसे ही स्वतंत्र रूप से उच्चारण उच्चारण करना कहते हैं इसलिए जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है वह स्वर ही होता है l