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Aman Shukla

UP Board 10th Class 2021 (For Hindi Medium Students)
About UP Board Crash Course
3 years ago

sahitik parichay jayshankar prashad

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Satakshi Gupta

3 years ago

प्रसाद ने har कालाधर ’के कलम नाम से कविता लिखना शुरू किया। जय शंकर प्रसाद के पहले कविता संग्रह, जिसका नाम, चित्रधर है, को हिंदी की ब्रज बोली में लिखा गया था, लेकिन उनकी बाद की रचनाएँ खड़ी बोली या संस्कृतनिष्ठ हिंदी में लिखी गईं। बाद में प्रसाद ने हिंदी साहित्य में एक साहित्यिक प्रवृत्ति ' छाववाद ' को प्रख्यापित किया। उन्होंने कहा कि चार खंभे (से एक माना जाता चार स्तंभ का) स्वच्छंदतावाद में हिंदी साहित्य ( छायावादी युग ), के साथ साथ सुमित्रानंदन पंत , महादेवी वर्मा , और सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' । उनकी शब्दावली हिंदी के फ़ारसी तत्व से बचती है और इसमें मुख्य रूप से संस्कृत ( ततस्मा ) शब्द और संस्कृत से प्राप्त शब्द ( तद्भव शब्द) होते हैं। उनकी कविता का विषय रोमांटिक से लेकर राष्ट्रवादी तक उनके युग के विषयों के पूरे क्षितिज पर फैला है।

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Sumit Pandey

3 years ago

jayshankar prasad

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Sumit Pandey

3 years ago

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