MLA and MP mein kya Antar hai
भारत में संघीय साशन की व्यवस्था है,यानी की हमारे देश को 2 सरकार चलाती हैं, केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार । विधायक mla राज्य सरकार का सदस्य होता है और इसकी शक्तियां सिर्फ अपने राज्य तक ही सीमित रहती हैं, जबकि mp सांसद केंद्र सरकार का सदस्य होता है इसकी शक्तियां देश भर में होती हैं।
MP- किसी संसद का सदस्य जो वोटरों द्वारा संसद का सदस्य चुना गया है उसे सांसद या MP कहते हैं. सांसद शब्द का प्रयोग ज्यादातर निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है. और उच्च सदन के सदस्यों को सीनेटर कहा जाता है और उच्च सदन को सीनेट कहते हैं. सांसद अपनी पार्टी के सदस्यों को मिलकर एक संसदीय दल का निर्माण करती है. MLA- विधानसभा या विधानमंडल के सदस्य जिन्हे वोटरों द्वारा चुना गया है उन्हें विधायक या MLA कहते हैं. विधानमंडल और विधानसभा उप-राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र होता है. अंतर विधायक विधानसभा या विधानमंडल का सदस्य होता है जबकि सांसद किसी संसद का सदस्य होता है. # विधायक और सासंद दोनों मतदाताओं के चुनाव के आधार पे ही बनाये जाते हैं. # विधायक के चुनाव के बाद जिस पार्टी के अधिक विधायक विधानसभा में होते हैं राज्य का मुख्यमंत्री भी उसी राजनितिक पार्टी का बनता है. और संसद में जिस पार्टी के अधिक सांसद मौजूद होते हैं उसी पार्टी का प्रधान मंत्री चुना जाता है. # सांसद हमेशा संसद का सदस्य होता है जिसे हम पार्लियामेंट भी कहते हैं जो तीन भाग में बटा होता है. पहला राष्ट्रपति, दूसरा राज्यसभा और तीसरा लोकसभा लेकिन यदि बाद संसद या पार्लियामेंट की जाये तो वो पुरे राष्ट्र की एक मानी जाती है। विधायक विधानसभा का सदस्य होता है और विधानसभा हर राज्य की अलग अलग होती है.
MLA and MP mein kya Antar hai