अलंकार की जननी किसे कहते है??
अलंकार, कविता-कामिनी के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जिस प्रकार आभूषण से नारी का लावण्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है। शब्द तथा अर्थ की जिस विशेषता से काव्य का श्रृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं। कहा गया है - 'अलंकरोति इति अलंकारः' (जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है।)
Jo yantra Kavya Ki sundarta badhate Hain Unhe Alankar Kaha jata hai
जिस प्रकार सोने के हार, कुंडल, चूड़ियां इत्यादि गहनों/आभूषणों को धारण करने से नारी का सौंदर्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार से काव्य में अलंकारों के प्रयोग से काव्य की शोभा में चार चांद लग जाते हैं। अतः रीति भाव ही अलंकार की उत्पत्ति का प्रमुख कारण है।
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