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Aryan Gupta

UP Board 12th Class- Commerce 2021 (For Hindi Medium Students)
Business Study
3 years ago

vigyapan ke gun and dosh bta dijiye

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Satakshi Gupta

3 years ago

विज्ञापन उत्पाद वस्तु के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने का कार्य करते हैं। एक अच्छे विज्ञापन में निम्नलिखित गुण/विशेषताएँ होनी चाहिएः - विज्ञापन में ध्यान आकर्षित करने की क्षमता हो किसी भी विज्ञापन की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह लोगों का (विशेष रूप से जिनसे उसका संबन्ध हो) ध्यान आकर्षित करे। विज्ञापन की प्रस्तुति, भाषा और स्थान ऐसा होना चाहिए जिससे लोगों की दृष्टि उस पर अवश्य पड़े। ऐसा न होने पर वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाएगा। अभिनव एवं मौलिक साज-सज्जा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित विज्ञापन हों अथवा होर्डिंग आदि के माध्यम से प्रस्तुत, उसकी साज-सज्जा इतनी मौलिक होनी चाहिए कि वह अपनी ओर लोगों की दृष्टि अपने-आप खींच ले। सामान्य से अलग कुछ विशेष आकर्षण होना विज्ञापन की शर्तं है। विज्ञापित वस्तु की मुख्य विशेषता पर बल हो जिस उत्पाद अथवा वस्तु को विज्ञापित किया जा रहा है उसकी मुख्य विशेषता विज्ञापन में होनी चाहिए जिससे लोगों में उसके प्रति धारणा स्थापित करनें में रुकावट न पैदा हो। मुख्य बातें या केन्द्रिय बिंदु को आधार बनाकर विज्ञापन आधिक तर्कसंगत तथा प्रभावी बनाया जा सकता है। विज्ञापन में सुबोधता हो विज्ञापन बनाने वाली एजेंसी को चाहिए कि वह ऐसा विज्ञापन तैयार करे जो पढ़े-लिखे तथा अनपढ़, शहरी तथा गाँव, सभी के लिए सुबोध हो। जिस विज्ञापन को समझने में दर्शक को दिमाग लगाना पड़ेगा उसके प्रति वह जुड़ाव महसूस नहीं कर पाएगा। ऐसी स्थिती में जब लोग उसे समझ ही नहीं पाएँगे, उत्पाद को उपयोग में लाने की ओर कदम कैसे बढ़ाऐेंगे? तथ्यों की तर्कपूर्ण प्रस्तुति विज्ञापनदाता को चाहिए कि वह जिस उत्पाद को विज्ञापित करना चाहता है उससे जुड़े तमाम तथ्यों को क्रमवार प्रस्तुत करे। वस्तुतः विज्ञापन को बनाने की आवश्यकता ही इसलिए महसूस की गयी कि जिसे जरुरत न हो वह भी उसके प्रति आकर्षित हो। तथ्यों की तर्कपूर्ण प्रस्तुति से लोग विज्ञापन के प्रति खुलापन महसूस करते हैं। गतिशीलता विज्ञापन में यह गुण होना चाहिए कि वह स्थिर होते हुए भी देखने अथवा पढ़ने वाले की सोच को गति प्रदान करे। इसके लिए उसमें गत्यात्मक संकेत होने आवश्यक हैं, जिससे विज्ञापन जहाँ समाप्त हो, देखने वाला उसके आगे को सोचकर उसके उपयोग के लिए अपना मन बनाए। शीर्षक आकर्षक हो विज्ञापन का शीर्षक आकर्षक होना चाहिए। वैसे चित्रात्मक विज्ञापन के लिए शीर्षक की आवश्यकता कम होती है फिर भी जहाँ आवश्यकता हो शीर्षक देने से परहेज नहीं करना चाहिए। उदाहरणस्करप 'अतुल्य भारत' आदि। इससे विज्ञापन के विषय का ज्ञान हो जाता है। रुचिकर तथा मनोहारी विज्ञापन के माध्यम से कम से कम समय में उत्पाद की जानकारी दी जाती है। लोगों के व्यस्त समय में से एक क्षण चुराकर विज्ञापन को उनके सामने प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे में विज्ञापन यदि रुचिकर नहीं होगा तो अपने अन्य कामों में लगा हुआ व्यक्ति उसकी ओर ध्यान नहीं दे पाएगा। इसलिए यह आवश्यक है कि उत्पाद का उपयोग करने वालों तथा विज्ञापन देखने वाले दोनों की रुचि का ख्याल रखा जाय।

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