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क्या होती है डिजिटल ब्रांडिंग
आप खुद हीं सोच कर देखिए कि आजकल आपको जिस भी नए बिज़नेस, प्रोजेक्ट, वेंचर, प्रोडक्ट, सर्विस या ब्राण्ड के बारे में जानकारी मिलती है अधिकांशतः डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से हीं मिलती है. या फिर अगर आप आज की तारीख में आपको जिन ब्रांड्स के बारे में मालूमात है उनके बारे में सोचने बैठेंगे तब भी आपको लगेगा कि हाँ यह तो ऑनलाइन देखा था कहीं. अब अगर आप किसी भी ब्राण्ड/ प्रोडक्ट या सर्विस का नाम पहली बार कहीं से सुनते हैं तो भी आप सबसे पहले उसे ऑनलाइन हीं ढूँढने जाते हैं तो मतलब ये कि अगर आज के समय में कोई ब्राण्ड ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मौजूद नहीं है मतलब ऐसा कह सकते हैं कि आपके पास गाड़ी तो है पर उसमें टायर नहीं है !
तो दोस्तों डिजिटल ब्रांडिंग बेसिकली एक ऐसी टेक्नोलॉजी ही जो कि ब्राण्ड मैनेजमेंट से सम्बन्धित है. डिजिटल ब्रांडिंग का मतलब यह है कि आप वेबसाइटों, ऐप्स, सोशल मीडिया, वीडियो आदि का प्रयोग करके अपने ब्रांड को ऑनलाइन कैसे डिज़ाइन और डेवेलप करते हैं. डिजिटल ब्रांडिंग का उपयोग करते हुए किसी भी ब्राण्ड को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डेवेलोप करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग और इन्टरनेट ब्रांडिंग के कॉम्बिनेशन का प्रयोग होता है.
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डिजिटल ब्रांडिंग करने के 10 बेहतरीन तरीके
- लोगो (Logo)
- वेबसाइट (Website)
- ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing)
- एसईओ (SEO)
- सोशल मीडिया (Social Media)
- ब्राण्ड मेसेजिंग (Brand Messaging)
- ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग (Online Advertising)
- इनफ्लुएंसर मार्केटिंग (Influencer Marketing)
- कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing)
2. वेबसाइट (Website) - लोगो के बाद दूसरी सबसे जरूरी चीज़ है आपकी वेबसाइट. जैसा कि पहले भी मैंने बताया कि आप जब भी किसी ब्राण्ड या बिज़नेस के बारे में जानना चाहते हैं तो सबसे पहले उसके बारे में ऑनलाइन सर्च करते हैं. वहां आपको उस बिज़नेस या ब्राण्ड की वेबसाइट मिलती है जिससे कि आप उसके बारे में बेहतर तरीके से सब जान और समझ पाते हैं. हम ऐसा कह सकते हैं कि वेबसाइट आपके ब्राण्ड के लिए डिजिटल स्टोर फ्रंट है.
3. ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing) - ईमेल मार्केटिंग भी मार्केटिंग करने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है. क्योंकि हम सभी जानते हैं कि ईमेल खुद-ब-खुद तो डिलीट होते नहीं हैं, हमें खुद हीं डिलीट करने पड़ते हैं और जब भी हम ईमेल डिलीट करने जाते हैं तो उसका सब्जेक्ट और सेन्डर नेम तो जरूर हीं देखते हैं. बस हो गया मार्केटर का काम. आखिर अपने ब्राण्ड के नाम पर हीं तो ध्यान दिलवाना था. और अगर टाइटल अच्छा यूज़ किया है तो इस बात की भी काफी सम्भावना होती है कि प्रोस्पेक्ट उत्सुकतावश आपका ईमेल खोल हीं लेगा. बस इसी के साथ इंटरेक्शन के चांस और भी बढ़ जाते हैं.
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4. एसईओ (SEO) - आपका ब्राण्ड आपके द्वारा ऑफर किए जाने प्रोडक्ट्स/सर्विस लोगों के सर्च रिजल्ट्स में नज़र आ रहे हैं या नहीं यह एसईओ के माध्यम से मैनेज किया जाता है. सर्च इंजन ऑप्टिमाईजेशन का इस्तेमाल करना आपके बिज़नेस के लिए बहुत हीं फायदेमंद साबित होता है. इससे आपकी ब्राण्ड प्रेसेंस बढती है.
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5. सोशल मीडिया (Social Media) - आजकल युवा हों, बच्चे हों या बुजुर्ग हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता हीं है. अगर आज के समय में कोई आपसे ये कहे कि वो सोशल मीडिया यूज़ नहीं करता तो बेशक बिना किसी सेकंड थॉट के आप ये सोचेंगे कि या तो वो झूठ बोल रहा है या फिर बेहद हीं अजीब इंसान है. तो अगर आपके कस्टमर्स सोशल मीडिया पर हैं तो आपके ब्राण्ड को भी सोशल मीडिया पर होना हीं चाहिए. सोशल मीडिया पर आप अच्छे कंटेंट का इस्तेमाल करें और गूगल एनालिटिक्स का भी इस्तेमाल करें, बड़े हीं आराम से आपके ब्राण्ड की सोशल मीडिया प्रेसेंस बन जाएगी.
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6. ब्राण्ड मेसेजिंग (Brand Messaging) - ब्राण्ड मेसेजिंग आपको अपनी टार्गेट ऑडियंस तक यह मेसेज पहुँचाने में मदद करता है कि आप कौन हैं और क्या करते हैं. ऐसे समझिए कि आपकी एक आइसक्रीम शॉप है और आपकी शॉप की खासियत है रास्पबेरी आइसक्रीम. तो बस आपको यही बात अपनी टार्गेट ऑडियंस तक आसानी से पहुंचानी है ताकि लोगों के पास एक क्लियर मेसेज रहे कि जब उन्हें आइसक्रीम चाहिए तो वो आपके पास आयें साथ हीं रास्पबेरी आइसक्रीम ट्राय करें. कुछ ध्यान देने वाली बातें ये हैं कि आप ब्राण्ड मेसेजिंग में किस प्रकार के टोन ऑफ़ वोइस का इस्तेमाल कर रहे हैं और क्या वो टोन ऑफ़ वोइस आपके प्रोडक्ट/सर्विस से मैच करती है नहीं.
7. ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग (Online Advertising) - सोशल मीडिया ऐड, मोबाइल फीड / डेस्कटॉप फीड ऐड, सर्च इंजन ऐड इत्यादि का प्रयोग करके आप ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग कर सकते हैं. अब सिर्फ एक वेबपेज बनाना हीं काफी नहीं है. आपको अपने प्रोडक्ट्स/सर्विसेज या ब्राण्ड की मार्केटिंग करने के लिए वेब के पॉवर का इस्तेमाल करना चाहिए.
8. इनफ्लुएंसर मार्केटिंग (Influencer Marketing) - इन्फ़्लुएन्सर मार्केटिंग में आपको सोशल मीडिया के ऐसे प्रोफाइल्स को ढूंढना होता है जिनके काफी ज्यादा संख्या में फोलोवर हों. जब बड़ी संख्या में फोलोवर वाले सोशल मीडिया यूजर आपके ब्राण्ड के बारे में पोस्ट करते हैं तो बहुत से लोग आपके ब्राण्ड से परिचित होने लगते हैं. आजकल इनफ्लुएंसर मार्केटिंग भी काफी पॉपुलर है.
9. कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing) - आज के समय में सिर्फ सिंपल एडवर्टाइजिंग हीं काफी नहीं है. आज आपके प्रोस्पेक्टस को ऑनलाइन हज़ार तरह के प्रोडक्ट/सर्विसेज/ब्रांड्स/एडवर्टाइजिंग इत्यादि देखने को मिलती है. अब कोई भी इतना सबकुछ याद तो नहीं रख पाएगा तो आपके ब्राण्ड के ऑडियंस आपको याद रखें इसके लिए आपको उनकी इंगेजमेंट बढ़ानी होगी. कस्टमर्स की इंगेजमेंट बढ़ाने के लिए कंटेंट मार्केटिंग सबसे बेहतरीन तरीका है. इसके लिए फोटोज, वीडियोज, प्लेलिस्ट, ब्लॉग पोस्ट्स इत्यादि का प्रयोग होता है. जैसा कि आप अभी एक ब्लॉग पढ़ रहे हैं.