- 1857 के व्रिदोह का तात्कालिन कारण चर्बी लगे कारतूसों का प्रयोग था यघपि इस विद्रोह के अन्य मुख्य कारण आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, एंव धार्मिक थे।
- 29 मार्च, 1857 ई. को बैरकपुर के 34वीं नोटिस इन्फेंट्री के एक सैनिक मंगल पांडे ने गाय एवं की चबीं मिले कारतूसों को मुंह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया था, फलस्वरुप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल, 1857 ई. को फांसी दे दी गई।
- 10 मई, 1857 ई. के दिन मेरठ की पैदल टुकड़ी 20 N.I. ने क्रांति की शुरुआत की।
- 11 मई, 1857 ई. को प्रातः ही दिल्ली पहुंचकर दिल्ली पर अधिकार कर लिया।
- दिल्ली मेंविद्रोहियों को मुगल शासक बहादुरशाह ने बख्त खाँ के सहयोग से नेतृत्व प्रदान किया।
- तात्या टोपे जिनका वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग था झांसी की पराजय के बाद नेपाल चले गए।
- तात्या टोपे एक जमींदार मित्र के विश्वासघात के कारण पकड़े गए जिनको 18 अप्रैल 1859 को फांसी दे दी गई।
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेज जनरल हूरोज से लड़ते हुए 17 जून 1860ई को वीरगति प्राप्त हो गई।
- 1807ई. की क्रांति के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री लॉर्ड पामर्स्टन था।
- स्वदेशी आंदोलन के समय पर ही रविंद्रनाथ ठाकुर ने अपना प्रसिद्ध गीत आमारा सोनार बांग्ला लिखा जो बाद में बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत बना।
- बाल गंगाधर तिलक पहले कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने देश के लिए कई बार जेल की यात्रा की।
- प्लेग के समय की ज्यातियों से प्रभावित होकर पूना के चापलेक बन्धुओं (दामोदर एवं बालकृष्ण) ने प्लेग अधिकारी रैंड एवं आमर्स्ट की हत्या कर दी।
- बंगाल में पी. मित्रा ने अनुशीलन समिति का गठन किया जिसका उद्देश्य था खून का बदला खून।
- अनुशीलन समिति ने हेमचंद्र को रूसी क्रांतिकारीयों से बम बनाने की कला सीखने के लिए रूस भेजा था।
- महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर ने 1904ई. में अभीनव भारत नामक संस्था स्थापित की थी।
- अभिनव भारत संगठन के सदस्य पी. एन वापट बम बनाने की कला सीखने के लिए पेरिस गए।
- प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस ने 30 अप्रैल 1908ई. को मुजफ्फरपुर के जज किंग्जफोर्ड की हत्या का प्रयत्न किया।
- चाची ने आत्महत्या कर ली और खुदीराम बोस को 15 वर्ष की अवस्था में 11 अगस्त 1908ई. को फांसी दे दी गई।
- गांधी जी ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ हिंद स्वराज की रचना 1909ई. में लंदन जाते समय की थी।
- सन् 1915ई. में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे इन्होंने अपना राजनीतिक गुरु गोपालकृष्णन गोखले को बनाया।
- गांधीजी ने भारत आने पर 1915 में अहमदाबाद के पास साबरमती नदी तट पर सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
- भारत आने पर गांधी जी द्वारा राजनैतिक क्षेत्र में उनका सर्वप्रथम महत्वपूर्ण कार्य गिरमिटिया प्रथा (मजदूरों की भर्ती किए जाने के सम्बन्ध) में विरोध था।
- अप्रैल 1917ई. के गांधी जी द्वारा चम्पारण सत्याग्रह प्रारम्भ किया गया।
- भारत में गांधी जी द्वारा चलाया गया पहला वास्तविक किसान सत्याग्रह खेड़ा सत्याग्रह 1918 था।
- गांधीजी ने खेड़ा गुजरात में कर नहीं आंदोलन चलाया।
- 1960ई. में गांधीजी ने अहमदाबाद मिल मजदूरों की हड़ताल के समर्थन में पहली बार भूख हड़ताल की।
- अहमदाबाद के मिल मजदूरों एंव मिल मालिकों अम्बालाल साराभाई के बीच लेक्टोलस को लेकर विवाद आरंभ हुआ था और मजदूर हड़ताल पर चले गए थे।
- गांधी द्वारा स्थापित हरिजन सेवक संघ के संस्थापक अध्यक्ष घनश्याम दास बिरला थे।
- 23 नवंबर 1919 ई. को दिल्ली में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का अधिवेशन हुआ और गांधीजी ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की।
- गांधीजी ने खिलाफत आंदोलन को हिंदू मुस्लिम की एकता का अवसर माना।
- 20 जून 1920 का दिन खिलाफत दिवस के रूप में मनाया गया।
- 20 जून 1920 को इलाहाबाद में हुई हिंदू मुस्लिम की संयुक्त बैठक में असहयोग के अस्त्र को अपनाए जाने का निर्णय लिया गया।
- 1924 में खिलाफत आंदोलन उस समय समाप्त हो गया जब तुर्की में कमाल पाशा के नेतृत्व में बनी सरकार ने खिलाफत के पद को समाप्त कर दिया।
- सितंबर 1920 में लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में कोलकाता में असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम पर विचार करने के लिए कांग्रेस महासमिति के अधिवेशन का आयोजन किया गया।
- 1 अगस्त 1920ई. को गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई।
- दिसंबर 1920ई. में नागपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने असहयोग आंदोलन की पुष्टि कर दी।
- असहयोग आंदोलन के कारण थे रौलेट एक्ट, जलियांवाला बाग हत्याकांड, हण्टर कमेटी की रिपोर्ट, भारतीय स्वराज की मांग, इत्यादि।
- मुहम्मद अली पहले नेता थे जिन्होंने सर्वप्रथम असहयोग आंदोलन में गिरफ्तार किया गया।
- आंदोलन के आरंभ में महात्मा गांधी ने कैसर ए हिंद एंव जमना लाल बजाज ने रायबहादुर की उपाधि वापस कर दी।
- गांधीजी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन के खर्च की पूर्ति के लिए 1921 में तिलक स्वराज्य फण्ड की स्थापना की गई। जिसमें 1 करोड़ से अधिक रुपए जमा किया गया।
- 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में चौरा-चौरी की घटना घटी।
- 12 फरवरी 1922ई. को गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की गई।
- 13 मार्च 1922ई. को गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया न्यायधीश ब्रूम फील्ड ने गांधी जी को असंतोष बढ़ाने के अपराध में 6 वर्ष की कैद की सजा सुनाई लेकिन स्वस्थ संबंधी समस्या के कारण गांधी जी को 5 फरवरी 1924ई. को रिहा कर दिया गया।
- जून 1922 में कांग्रेस द्वारा सविनय अवज्ञा जांच समिति का गठन हकीम अजमल खाँ की अध्यक्षता में किया गया।
- मार्च 1923 में मोतीलाल नेहरू के सी आर दास के द्वारा इलाहाबाद में स्वराज पार्टी का गठन किया गया।
- नागपुर झंडा सत्याग्रह 1923 में कांग्रेस के ध्वज के प्रयोग को रोकने के विरुद्ध नागपुर में हुआ।
- बरसात सत्याग्रह 1923ई. में डकैती की घटना को रोकने के लिए अपेक्षित पुलिस दलों की नियुक्ति हेतु एक वयस्क पर 2 से 7 आने का कर लगाया गया जिसके विरुद्ध आंदोलन हुआ।
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 के मध्य ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनाल्ड की अध्यक्षता में आयोजित किया गया इसमें कांग्रेस ने भाग नहीं लिया।
- 5 मार्च 1935 को गांधी और इरविन के मध्य एक समझौता हुआ जो गांधी-इरविन समझौता के नाम से जाना जाता है।
- 23 मार्च 1932 को काकोरी षड्यंत्र केस के तहत भगतसिंह, सुखदेव, और राजगुरु को फांसी दे दी गई भगत सिंह को शहीद ए आजाद कहां जाता है।
- इंकलाब जिंदाबाद का पहली बार नारे के रूप में प्रयोग भगतसिंह के द्वारा किया गया था यघपि इसकी रचना मुहम्मद इकबाल ने की थी।
- भगत सिंह ने कहा कि क्रांति की तलवार को धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से ही आती है।
- भगवती चरण वोहरा ने फिलोसफी ऑफ द बॉम्ब की रचना की।
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में मदनमोहन मालवीय एंव ऐनी बेसन्ट ने स्वयं के खर्चे पर इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद गांधी जी ने 3 जनवरी, 1932 को सविनय अवज्ञा आंदोलन को दोबारा प्रारंभ किया सविनय अवज्ञा आंदोलन अंतिम रूप से 7 अप्रैल, 1934 को वापस लिया गया।
- गांधीजी ने द्वितीय गोलमेज की असफलता पर कहां साम्प्रदायिक मतभेद के बर्फ का पहाड़ स्वतंत्रता के सूरज की गर्मी से पिघल जाएगा।
- 16 अगस्त, 1932 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड के द्वारा साम्प्रदायिक पंचाट(कम्यूनल अवार्ड) जारी किया गया।
- गांधी जी ने 20 सितंबर, 1932 को कम्युनल अवार्ड के विरुद्ध आमरण अनशन शुरू कर दिया किंतु 26 सितंबर, 1932 को मदन मोहन मालवीय, डॉ राजेंद्र प्रसाद, पुरुषोत्तमदास, एंव सी. राजगोपालाचारी के प्रयासों से महात्मा गांधी एंव अंबेडकर के मध्य पूना समझौता हुआ जो पूना पैक्ट के नाम से जाना जाता है।
- समझौते के अंतर्गत अंबेडकर ने हरिजनों के पृथक प्रतिनिधित्व की मांग को वापस ले लिया और संयुक्त निर्वाचन के सिद्धांत को स्वीकार किया। हरिजनों के लिए सुरक्षित स्थानों 75 को बढ़ाकर 148 कर दिया गया और केंद्रीय विधान मंडल में 18% सीट आरक्षित की गई।
- 17 नवंबर, 1932 से लंदन में तृतीय गोलमेज सम्मेलन प्रारंभ हुआ जिसका कांग्रेस ने बहिष्कार किया।
- 1 अगस्त, 1933 को गांधी जी के द्वारा व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आंदोलन को प्रारंभ किया।
- बंगाल में सूर्यसेन के द्वारा इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना इसी समय की गई।
- सूर्यसेन इस अस्थायी क्रांतिकारी संगठन के राष्ट्रपति थे, 16 फरवरी, 1935 को इन्हें गिरफ्तार कर 12 जनवरी 1935 को फांसी दे दी गई।
- लॉर्ड वेलिंगटन के समय ही 1935 का भारत शासन अधिनियम बनाया गया। 1935 के अधिनियम द्वारा बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया।
- जवाहरलाल नेहरू ने 1935 के अधिनियम को दासता का अधिकार पत्र कहा। उन्होंने इसे एक ऐसी मशीन की संज्ञा दी जिसमें ब्रेक तो अनेक है लेकिन इंजन एक भी नहीं है।
- जुलाई 1934 के प्रांतीय चुनाव में कांग्रेस के द्वारा कुल 11 प्रांतों में से 6 प्रांतों- मद्रास, संयुक्त प्रांत, मध्य प्रांत, बिहार, उड़ीसा, और असम में कांग्रेस की सरकार गठित की गई और बम्बई एंव पश्चिमी सीमा प्रांत में काँग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी।
- 1939 में त्रिपुरी अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस गांधीजी के उम्मीदवार पटाभिसीतारमैया को हराकर कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
- कार्यकारिणी में गांधीजी की तटस्थता के कारण सुभाष चंद्र बोस ने त्रिपुरी कांग्रेस की अध्यक्षता से इस्तीफा देने के बाद 3 मई, 1939 को फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की।
- 8 अगस्त, 1940 को वायसराय लॉर्ड लिनलिथगों के द्वारा अगस्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
- मार्च 1940 को मुस्लिम लीग ने लाहौर अधिवेशन में पाकिस्तान का प्रस्ताव प्रस्तुत किया परंतु प्रस्ताव में पाकिस्तान शब्द का जिक्र नहीं था।
- लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता जिन्ना ने की थी।
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जबकि इसमें पाकिस्तान प्रस्ताव का मसविदा सिकंदर हयात खान ने तैयार किया एवं इसे फजलूल हक ने पेश किया जिसकी स्वीकृति खालिक उज्जमा ने दी। - 17 अक्टूबर, 1940 को व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत की गई जिसमें प्रथम सत्याग्रही विनोबा भावे एंव द्वितीय सत्याग्रही जवाहरलाल नेहरू थे।
- द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल थे।
- अमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ईवार तथा चीनी राष्ट्रपति च्यांग काई शेक के दबारा स्वरूप ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने स्टैफोर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया। यह क्रिप्स मिशन 22 मार्च, 1940 को भारत पहुँचा एंव क्रिप्स प्रस्ताव पारित किया गया।
- क्रिप्स प्रस्ताव को महात्मा गांधी ने उत्तर तिथीय चेक कहा।
- जवाहरलाल नेहरू नेत्र क्रिप्स प्रस्ताव को ऐसे बैंक की संज्ञा दी जो टूट रहा है।
- जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि उनके पुराने मित्र क्रिप्स शैतान का वकील बनकर भारत आए थे।
- 15 दिसंबर, 1941 को मोहन सिंह ने मलाया में आजाद हिंद फौज का गठन किया।
- इसी समय जापान में रास बिहारी बोस के द्वारा इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना की गई।
- 14 जुलाई, 1942 को वर्धा में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन पर एक प्रस्ताव पारित किया गया।
- आरम्भ में कांग्रेस भारत छोड़ो आंदोलन के पक्ष में नहीं थी, तो गांधी ने कहा मैं देश के बालू से ही कांग्रेस से बड़ा आंदोलन खड़ा कर दूंगा।
- 16 अगस्त, 1946 को लीग के द्वारा सीधी कार्यवाही दिवस के रूप में मनाया गया जिसका प्रमुख केंद्र नौआखाली था।
- 24 अगस्त, 1946 को पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार की घोषणा की गई जिसका गठन 2 सितंबर 1946 को हुआ।
- 26 अक्टूबर, 1946 को लीग अंतरिम सरकार में शामिल हुआ।
- 9 दिसंबर, 1946 को दिल्ली में संविधान सभा की पहली बैठक हुई जिसका मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया।
- 20 फरवरी, 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली द्वारा ऐतिहासिक घोषणा की गई जिसके तहत जून, 1948 के पहले अंग्रेज भारत छोड़ देगे।
- वेवल ने ब्रेक डाउन प्लान 30 मार्च, 1947 तक अंग्रेजों को भारत छोड़ने का सुझाव दिया।
- पटेल ने कहा कि जिन्ना विभाजन चाहते हैं या नहीं अब हम स्वयं विभाजन चाहते हैं।
- सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का बिस्मार्क कहा जाता है। उन्होंने पी.वी मेननल के साथ भारत विलय किया।
- माउंटबेटन ने 15 अगस्त, 1947 को भारतीयों को सत्य सौंपने का दिन निर्धारित किया।
- माउंटबेटन योजना के आधार पर ही 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री एटली द्वारा भारतीय स्वतंत्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया जिससे 18 जुलाई को स्वीकृति मिली विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्यों की घोषणा की गई।
- माउंटबेटन योजना को मौलाना आजाद एंव पुरषोत्तमदास टण्डन ने अस्वीकार कर दिया।
- वी.पी मेनन ने भारत को दो भागों में विभाजन की योजना बनाई।
- गांधीजी को माउंटबेटन ने वन मैन बाउंड्री फोर्स कहां।
- 15 अगस्त 1947 ई. को भारत स्वतंत्र हुआ।