भारतीय संविधान प्रस्तावना या उद्देशिका The Preamble of Indian Constitution

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 21 Aug 2021 03:27 PM IST

Source: nationalinterest.com

भारतीय संविधान प्रस्तावना  Preamble of Indian Constitution

 

प्रस्तावना
 

  • भारतीय संविधान में प्रस्तावना या उद्देशिका (Preamble) के अतिरिक्त मूल संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान में संविधान में 935 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ है।
  • संविधान की उद्देशिका में संविधान के ध्येय और उसके आदर्शों का संक्षिप्त वर्णन है।
  • प्रस्तावना संविधान का भाग है केशवानन्द भारती के वाद (1973) में इसे संविधान का अंग माना गया है इसमें संविधान के अन्य उपबंधों की भाँति ही संशोधन किया जा सकता है, परन्तु यह न्याय योग्य नहीं है।
    हां, संविधान के किसी अन्य प्रस्तावना का आश्रय लिया जा सकता है।
  • उद्देशिका में लिखित “हम भारत के लोग…..इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियम और आत्मार्पित करते है” शब्द भारत के लोगों की सर्वोच्च संप्रभुता की घोषणा करते है।
  • भारत को 26 जनवरी, 1950 को एक गणराज्य घोषित किया गया जिसका तात्पर्य है कि भारत का राष्ट्रध्यक्ष निर्वाचित होगा, आनुवंशिक नहीं।
  • उद्देशिका को न्यायालय में प्रवर्तित नहीं किया जा सकता।
  • जहां संविधान की भाषा संदिग्ध प्रतीत होती हो, वहाँ उद्देशिका की सहायता ली जा सकती है।
  • उद्देशिका में ‘समाजवादी’ , पंथनिरपेक्ष एवं ‘अखंडता’ शब्द 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़े गए है।
  • उद्देशिका में सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, अभिव्यक्ति धर्म, उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा तथा अवसर की समता, व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता और अखण्डता आदि प्रमुख शब्द प्रयोग किए गए हैं।
  • समाजवादी शब्द का अभिप्राय राज्य समाजवाद अर्थात् सभी उत्पादन एवं वितरण के साधनों का राष्ट्रीयकरण नहीं है, अपितु गरीब एवं अमीर के मध्य दूरी कम करना हैं।
  • पंथ निरपेक्ष का अभिप्राय सरकार द्वारा सभी धर्मों का समान संरक्षण एवं सम्मान करना है।