प्रकाश और इसके नियम Light and its Laws

Safalta Experts Published by: Anonymous User Updated Tue, 31 Aug 2021 01:13 PM IST

Source: wired

प्रकाशिकी 

  • प्रकाश (Light)- प्रकाश वह भौतिक कारण है, जिसके द्वारा हमे वस्तुओं को देखने की अनुभूति प्राप्त होती है। वास्तव में प्रकाश एक ऊर्जा है,जिसकी अनुभूति हम आंखों द्वारा करते हैं।

विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल -
निर्वात : 3.00×10⁸ मि०/से०,
पानी : 2.25×10⁸ ; कांच : 2.00×10⁸
तारपीन तेल : 2.04×10⁸ ; नायलान : 1.96×10⁸ मि/ से० ।
  • सूर्य से प्रकाश को पृथ्वी तक आने में लगभग 500 सेकंड या 8 मिनट लगते हैं। प्रकाश का वेग ज्ञात करने में रोमर (Romar), ब्राडली (Bradley), फीजो (Fizeau), फोकॉल्ट(Focault) आदि वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण हैं।
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प्रकाश का परावर्तन -
  • प्रकाश का परावर्तन निम्न दो नियमों के अनुसार होता है --
  1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा   आपतित बिंदू पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होते हैं।
  2. आपतन कोण का मान परावर्तन के बराबर होता है, यदि i आपतन कोण तथा r परावर्तन कोण हो तो, ⟨i = ⟨r
  •  समतल दर्पण प्रकाश का सबसे अच्छा परावर्तक माना जाता हैं।
      
  • पार्श्व उत्क्रमण - समतल दर्पण में देखने से हमारा दायां हाथ प्रतिविंब का बायां हाथ तथा हमारा बायां हाथ प्रतिबिंब का दायां हाथ दिखाई पड़ता है। इस घटना को पार्श्व उत्क्रमण कहते हैं।

प्रकाश का अपवर्तन(Refraction of light) -
  • प्रकाश का एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते समय उनकी( दोनो माध्यमों की) सीमा पर अपने रेखीय पथ से विचलित होना ही प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
  • अपवर्तन का नियम - (i) आपतित किरण, परावर्तित किरण एवं आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होते हैं।
(ii) sin(i)/sin(r) = नियतांक = μ(अपवर्तनांक).
  जहां i = आपतन कोण,r = अपवर्तन 
  • दूसरा नियम स्नेल का नियम भी कहलाता हैं।
  • जब प्रकाश की कोई किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है,तो वह दोनो माध्यमों के पृष्ठ पर खींची अभिलंब की ओर झुक जाती है।
  • जब प्रकाश की कोई किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है,तो वह अभिलंब से दूर हट जाती हैं।