संविधान को लागु करने से पहले , भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1935 जैसे भारतीय प्रांतों के कामकाज को नियंत्रित करने वाले कानून थे, लेकिन भारतीय कानून के लागु होने के बाद इसको यानी 26 जनवरी 1950 से निरस्त कर दिया गया था।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन के तैयार हो गया था लेकिन इसको लागु 26 जनवरी 1950 को किया गया। भारत के संविधान को बनाने में कुल 299 लोगों का योगदान था जिनमें 15 महिलाएं थी।
14 अगस्त 1947 को विधानसभा की बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रस्तावित समितियों ने संविधान के मसौदे पर काम करना शुरू कर दिया।
संविधान को बनाने में योगदान देने वाली कुछ प्रमुख समितियाँ थीं- जैसे-
बी.आर. अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली केंद्रीय शक्ति समिति,
सरदार वल्लभ पटेल की अध्यक्षता वाली केंद्रीय संविधान समिति,
सरदार पटेल की अध्यक्षता वाली मौलिक अधिकारों पर सलाहकार समिति,
अन्य उप-समितियां भी थी।
जब संविधान की शुरुआत हुई, तो इसमें 22 भागों और 8 अनुसूचियों में 395 लेख थे, और इसमें लगभग 80,000 शब्द शामिल थे। भारतीय संविधान के पुस्तक का वजन 13 किलो है। इसके साथ ही भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 26 जनवरी के दिन को भारतीय कांग्रेस ने 1930 में स्वतंत्रता दिवस घोषित किया था लेकिन 1950 में 26 जनवरी के दिन ही संविधान लागू कर इस दिन को गणतंत्र दिवस का नाम क्या था। तब से आज तक हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं, इस दिन देश के राष्ट्रपति इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा आयोजित परेड में शामिल होते हैं।
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