दर्पण लेन्स और इसके उपयोग Mirror Lens and its Uses

Safalta Experts Published by: Anonymous User Updated Tue, 31 Aug 2021 01:36 PM IST

Source: open.edu

दर्पण(Mirror) - वह पदार्थ जो आपतित किरण का कम से कम 98% परावर्तित करता हो।
  • यदि कोई वस्तु, दो दर्पण, जो कि ө के कोण पर झुके हुए हों,के बीच में रखी जाए तो कुल -
  1. n=[(360/ө)-1], प्रतिबिंब बनेंगे जब  (360/ө) यौगिक संख्या है।
  2. आवर्धन = [प्रतिबिंब की उ०/वस्तु की उ०] , (360/ө) रूढ़ संख्या है।
गोलीय दर्पण-परावर्तक सतह खोखले गोले का भाग -
  • अवतल दर्पण(concave mirror) -खोखले गोले का बाहरी सतह रजतित,अभिसारी(converging), वास्तविक एवं आभासी दोनो प्रकार के प्रतिबिंब।
  • उत्तल दर्पण(convex mirror) - भीतरी भाग रजतीत, अपसारी,सदैव काल्पनिक और छोटे प्रतिबिंब।
                 आवर्धन =( प्रतिबिम्ब की उ०/वस्तु की  उ०) 

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लेन्स (lens)
  1. उत्तल लेन्स(convex lens) - अभिसारी,सिरो में पतला और बीच में मोटा।
  2. अवतल लेन्स(concave lens) - अपसारी, बीच में पतला।
  • क्षमता (P) = 1/f, यदि f (फोकस) मीटर में हो तो क्षमता 'डायप्टर' कहलाती है।
नोट: उत्तल लेन्स की क्षमता धनात्मक तथा अवतल लेन्स की क्षमता ऋणत्मक होती है।
   लेन्स सूत्र : [1/f=(1/v) - (1/u)]

          लेन्स का आवर्धन : m = v/u = ( प्रति० की दूरी/बिंब की दूरी)

प्रतिबिंब(Image) -
  • उत्तल लेन्स - वास्तविक और काल्पनिक
  • अवतल लेन्स - केवल आभासी !
  • वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंब में अंतर-
       वास्तविक प्रतिबिंब-
  1. इसे पर्दे पर लिया जा सकता है।
  2. ये सदैव उल्टे होते है।
  3. ये दर्पण के आगे बनते है।
        आभासी प्रतिबिंब -
  1. इसे पर्दे पर नहीं लिया जा सकता।
  2. ये सदैव सीधे होते है।
  3. ये दर्पण के पीछे बनते है।
     
दर्पण एवं उनके उपयोग-
        दर्पण                                    उपयोग 
 1. समतल दर्पण                            i.आइना
                                                  ii. पारदर्शी अथवा पैरिस्कोप (दी समतल दर्पण एक दूसरे से 45° कोण पर स्थित)
                                                 iii. बहुरूपदर्शी अथवा कैलीडोस्कोप (तीन आयताकार समतल दर्पण एक दूसरे से 60°के कोण पर स्थित)।

2. उत्तल दर्पण                             i. मोटर कार के पृष्ठ दृश्य(rear view mirror) दर्पण में
                                                ii. सड़क पर लगे परावर्तक लैंपो में

3. अवतल दर्पण                           i. सोलर कुकर में
                                                ii. हजामती दर्पण(दाढ़ी बनाने) में ।
                                               iii. परावर्तन दूरबीनो(reflecting telescope) में।
                                               iv. सर्चलाइट में,मोटरकार की हैडलाइट में तथा टॉर्च में। 
                                                v. रोगियों के नाक,कान,गले में जांच हेतु डॉक्टर द्वारा।