राष्ट्रीय आय दर तथा इनके प्रकार National Income Rate and its Types

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 04 Sep 2021 01:32 PM IST

Source: amarujala

  • राष्ट्रीय आय का अर्थ - राष्ट्रीय आय से तात्पर्य   अर्थव्यवस्था द्वारा पूरे वर्ष के दौरान उत्पादित अंतिम वस्तुओं व सेवाओं के शुद्ध   मूल्य के योग  से है। इसमें विदेशों से अर्जित शुद्ध आय भी शामिल होती है।
    वास्तव कुल राष्ट्रीय आय किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का माप है। भारत में राष्ट्रीय आय के आंकड़े वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च पर आधारित है। 
राष्ट्रीय आय = बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद - अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडी
 
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राष्ट्रीय आय के आकलन की विधियाँ 

  1. उत्पाद विधि - कृषि, वानिकी, मछली पालन, खनन पंजीकृत विनिर्माण, शहरी निर्माण।
  2. आय विधि - बिजली, रेलवे, अन्य परिवहन साधन, संचार, बैंकिंग और बीमा, वास्तविक सम्पदा, सार्वजनिक प्रशासन और सुधार।
  3. आय विधि - अपंजीकृत विनिर्माण, गैस और जल आपूर्ति, असंगठित सड़क एवं जल परिवहन, भंडारण, व्यापार, होटल और रेस्टोरेंट, भवनों का स्वामित्व एवं अन्य सेवाएं।
  4. व्यय विधि - ग्रामीण निर्माण।

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  • पक्के निर्माण में राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के वस्तु प्रवाह विधि का प्रयोग किया जाता है।                                   
  • राष्ट्रीय आय की अवधारणा -  राष्ट्रीय आय की अवधारणा एक गुणात्मक अवधारणा है, जो प्रवाह से संबंधित है।
  • वर्तमान में  चालू कीमत के साथ साथ राष्ट्रीय आय की गणना वर्ष 2004-05 के स्थिर कीमत पर भी  की जाती है। पहले यह आधार वर्ष 1999 - 2000 था।                                                                                     
  • निजी आय: निजी क्षेत्र के सभी स्त्रोतों से प्राप्त होने वाली सभी साधन आय ही निजी आय कहलाती है।
  • वैयक्तिक आय:  वैयक्तिक आय किसी देश के व्यक्तियों एवं परिवारों को एक लेखा वर्ष में सभी स्त्रोतों से प्राप्त  साधन आय तथा वर्तमान हस्तांतरण भुगतान का योग है। वैयक्तिक आय = निजी आय अवितरित लाभ निगम कर
  • प्रयोज्य आय: प्रयोज्य आय किसी व्यक्ति के सभी स्त्रोतों से प्राप्त वह आय है, जो सरकार द्वारा लगाए गए करो के भुगतान के बाद बचती है।
  • सकल घरेलू उत्पाद सकल घरेलू उत्पाद से आशय किसी देश के निवासियों द्वारा अपने देश की भौगोलिक के अंतर्गत अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य से  है।
  • सकल राष्ट्रीय उत्पाद:   किसी देश के नागरिकों द्वारा किसी समयावधि में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय का योग सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है।
  • शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद : सकल राष्ट्रीय  में से  वस्तुओं के मूल्य हास को पूंजीगत घटा देने से जो शेष बचता है उत्पाद उसे शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। 
  • शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद = सकल राष्ट्रीय उत्पाद – मूल्य हास
  • घरेलू संवृधि दर : घरेलू संवृधि दर चालू तथा स्थिर दोनो मूल्यों पर आकलित की जाती है। आर्थिक विकास दर सकल घरेलू उत्पाद में परिवर्तन की दर को व्यक्त करती है।
                घरेलू संवृधि दर = ( सकल घरेलू उत्पाद में परिवर्तन)/(गत वर्ष का सकल घरेलू उत्पाद)×100
  • संवृराष्ट्रीय द्धि दर : इसे राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर भी कहा जाता है। यह निवल राष्ट्रीय उत्पाद में परिवर्तन की दर को व्यक्त करती है।
              राष्ट्रीय संवृद्धि दर =( निवल राष्ट्रीय उत्पाद में परिवर्तन)/ (गत वर्ष का निवल राष्ट्रीय उत्पाद) × 100
  • प्रति व्यक्ति आय : प्रति व्यक्ति आय एक औसत आय होती है, जो कुल राष्ट्रीय आय तथा कुल जनसंख्या का अनुबेहतरपात होती है। प्रति व्यक्ति आय की आर्थिक संवृद्धि को एक  मापक संकेतक माना जाता हैं।