शिक्षण अधिगम प्रक्रिया (Teaching Learning Process)
प्रत्येक बच्चा स्वाभाविक रूप से सीखने के लिए अभिप्रेरित होता है।
बच्चों के सीखने के तौर तरीके में विवधता होती है।
जैसे अनुभवों के माध्यम से, प्रश्न पूछने, सुनने, सोचने, चिंतन करने, अभिव्यक्त करने, छोटे एवं बड़े समूहों में गतिविधियां करने आदि से सीखते है।
बच्चों को शिक्षण से पूर्व उन्हें तैयार करने हेतु समुचित अवसर व वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता होती है।
सीखने की प्रक्रिया न केवल विद्यालय में वरन् विद्यालय के बाहर भी निरंतर चलती रहती है।
अतः शिक्षण अधिगम प्रक्रिया (Teaching Learning Process) इस प्रकार संचालित की जानी चाहिए ताकि बच्चा सीखने की प्रक्रिया में संलग्न हो जाए।
उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण करने के लिए मात्र तथ्यों को रटाने की बजाय उनमें समझ विकसित करने की आवश्यकता है।
सीखना किसी माध्यम से सम्भव हो सकता है।
अतः इसके लिए शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया आरंभ करने से पूर्व बच्चे के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक परिपेक्ष्य को जानना व समझना महत्वपूर्ण होता है।
सामान्यतः कक्षा कक्ष में शिक्षण अधिगम के दौरान निम्नांकित मुख्य बिन्दुओं को ध्यान में रखा जाता है –
- प्रस्तावना
- शिक्षण अधिगम वातावरण का निर्माण
- विषय-वस्तु का प्रस्तुतीकरण
- कथन करना व प्रश्न पूछना
- सहायक सामग्री का प्रयोग करना
- अन्तः क्रिया
- प्रजातान्त्रिक व्यवस्था
- एकाधिकार
- कक्षा अनुशासन
- मूल्यांकन
- कक्षा नियंत्रण
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