Recommendations of National Curriculum Framework 2005

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Mon, 13 Sep 2021 01:05 PM IST

Source: owalcation

राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 के मुख्य सुझाव :  

राष्ट्रीय पाठ्य चर्चा 2005 के मुख्य सुझाव निम्नलिखित हैं - 

1- शिक्षण संबंधी सूत्रों जैसे सरल से कठिन की ओर, ज्ञात से अज्ञात की ओर, मूर्त से अमूर्त को ओर, मनोविज्ञान से तार्किक क्रम की ओर, आदि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होना चाहिए। 

2- सूचना को ज्ञान मानने से बचा जाए। ज्ञान को विद्यालय के बाहरी जीवन से जोड़ कर पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
इन बच्चों को विद्यालय से बाहरी जीवन में तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए।

3- विद्यालयों में राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार किए जाने चाहिए। इन मूल्यों को उपदेश देकर नहीं बल्कि उचित वातावरण देकर स्थापित किया जाना चाहिए। 

4- पुस्तकालय में बच्चों स्वयं पुस्तक चुनने का अवसर दिया जावे। कल्पना व मौलिक लेखन के अधिकाधिक अवसर प्रदान करना चाहिए। 

5- अच्छे विद्यार्थी की धारणा बदलाव आवश्यक है अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्क पूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षक के सामने प्रस्तुत करता है। 
 
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6- अभिभावकों को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटा उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा नहीं रखनी चाहिए। 

7- कक्षा में शांति का नियम बार बार ठीक नहीं अर्थात जीवंत कक्षागत वातावरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

8- विद्यार्थियों में अंतः क्रिया का अवसर देने वाली पाठ्यपुस्कतकों के मध्यनजर शिक्षण व विद्यार्थियों के मूल्यांकन को सतत प्रक्रिया के रूप में अपनाया जाना चाहिए। 

9- सहशेक्षिक गतिविधियों में बच्चों के अभिभावकों को भी जोड़ा तथा समुदाय को मानवीय संसाधनों के रूप में प्रयुक्त होने का अवसर देना चाहिए। 

10- शिक्षकों को अकादमिक संसाधन व नवाचार आदि समय पर पहुंचाए जाए तथा सजा व पुरस्कार की भावना को सीमित रूप में प्रयोग करना चाहिए। 

11- बच्चों की अभिव्यक्ति में मातृ भाषा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। अतः शिक्षक अधिगम परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जाना चाहिए। 

12- बच्चों के अनुभव और स्वर को प्राथमिकता देते हुए पाठ्यचर्चा पाठयपुस्तक केंद्रित नहीं होकर बाल केंद्रित होनी चाहिए तथा कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए।