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भारत का राष्ट्रगान-
जन गण मन अधिनायक जय हे.भारत भाग्य विधाता.
पंजाब सिंध गुजरात मराठा,
द्राविड़ उत्कल बंग.
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग.
तब शुभ नामे जागे,
तब शुभ आशीष मांगे,
गा हे तब जय गाथा.
जन-गण-मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता.
जय हे जय हे जय हे.
जय जय जय जय हे.
भारत के राष्ट्रगान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य जिसे जानना आपके लिए भी उपयोगी हो सकता है-
भारत के राष्ट्रगान से सम्बंधित कुछ रोचक बातें जो निम्नलिखित हैं -
- भारत का राष्ट्रगान नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था. रवींद्रनाथ टैगोर ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी लिखा है.
- भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियाँ मूल रूप से राग अलहैया बिलावल की स्वरलिपि में सेट की गई थीं, फिर भी, इसे राग के शास्त्रीय रूप से थोड़े से बदलाव के साथ गाया जाता है.
- 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सम्मेलन में 'जन गण मन' का पहला संस्करण गाया गया था.
- 1942 में हैम्बर्ग में पहली बार 'जन गण मन' प्रदर्शन किया गया (गाया नहीं गया).
- जन गण मन गीत को 24 जनवरी सन 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में घोषित किया गया था.
- भारत के राष्ट्रगान के आधिकारिक संस्करण में कानूनन 52 सेकंड का समय लगना चाहिए, न कि 54 सेकंड का.
- 2015 में, राजस्थान के राज्यपाल ने 'अधिनायक' शब्द को 'मंगल' शब्द से बदलने की मांग की थी, जिससे एक विवाद उत्पन्न हुआ और एक मिथक कि जिसे टैगोर ने खुद 1939 में तोड़ा था.
- सुभाष चंद्र बोस ने संस्कृत और बंगाली मिश्रित शब्दों वाले भारत के राष्ट्रगान को हिन्दुस्तानी आम भाषा में मुफ्त अनुवाद को अधिकृत किया था. इंडियन नेशनल आर्मी (INA) के कैप्टन आबिद अली
- ने राष्ट्रगान के 'सुभ सुख चैन' नामक संस्करण को आकार दिया था.
भारत के राष्ट्रगान के बारे में हम सब को क्यों जानना चाहिए ?
हर एक भारतीय जब अपने राष्ट्रगान को सुनता है तो उसके ह्रदय में एक आवेग, एक लालसा, एक स्पंदन उत्पन्न होता है. वह राष्ट्रगान के शब्दों को सुनकर गर्व से भर उठता है और सब कुछ छोड़कर उठ कर खड़ा हो जाता है. यह मार्मिक और भावोत्तेजक रचना क्षण भर के लिए हीं सही पर निश्चित रूप से हर एक भारतीय को अनायास हीं देशभक्ति के दायरे में खींच लाता है. स्कूल की असेंबली में "जन गण मन..." शब्द सुनकर हम सभी का दिल देशभक्ति और राष्ट्रवाद की सर्वोत्कृष्टता से भर जाता है. हम सभी एक भारतीय के रूप में देश के लिए अपने दिल में सभी भावनाओं के साथ राष्ट्रगान गाकर प्रसन्न और सम्मानित महसूस करते हैं. लेकिन इस सब के बाद भी हममें से अधिकांश भारतीय राष्ट्रगान के बारे में काफी कुछ नहीं जानते हैं.
राष्ट्रगान और कानून-
क्या कहता है एक्ट ?
द प्रिवेंशन ऑफ़ इन्सल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 राष्ट्रीय ध्वज समेत नेशनल सिम्बल्स, संविधान, राष्ट्रगान और भारत के मानचित्र के अपमान को प्रतिबंधित करता है. यह अधिनियम ऐसे किसी भी अपमान, चाहे वह सार्वजनिक हो या नहीं, जानबूझकर या अन्यथा के मामले में भी लागू होता है. जो कोई भी सार्वजनिक स्थान पर या किसी अन्य स्थान पर नेशनल सिम्बल्स, संविधान, राष्ट्रगान, भारत के मानचित्र या ऐसे किसी भी अन्य चिन्ह के साथ सार्वजनिक दृश्य में अनादर प्रदर्शित करता है, तो उसे एक खास अवधि के लिए कारावास (जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है) या जुर्माना, या दोनों के साथ दंडित किए जाने का कानून में प्रावधान है.
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जन गण मन का विशिष्ट संदर्भ क्या है ?
अधिनियम की धारा 3 में कहा गया है कि जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर ''जन गण मन'' के गायन को रोकता है या इस तरह के गायन के कार्यक्रम वाले किसी भी सभा में गड़बड़ी करता है, उसे एक अवधि के लिए कारावास (जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है) या जुर्माना, या दोनों के साथ दंडित किए जाने का कानून में प्रावधान है. बार-बार ऐसा कृत्य करने वाले अपराधी के लिए कारावास के दंड का प्रावधान है जिसकी अवधि कम से कम एक वर्ष की होनी अनिवार्य है. मौलिक कर्तव्यों के बारे में क्या है शामिल ?
संविधान का भाग IVA (अनुच्छेद 51A) भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का निर्धारण करता है, जिसमें संविधान का पालन करना और संविधान के आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना शामिल है.
भारत में राष्ट्रगान की उत्पत्ति क्या है?
राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाने का पहला छंद है, जो दिवंगत कवि रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई कविता की प्रथम पंक्ति है. हमारा राष्ट्रगान, पहली बार, 27 दिसंबर, सन 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, कलकत्ता के अधिवेशन में गाया गया था.
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क्या इसमें संशोधन किया जा सकता है?
यह दिवंगत कवि रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई कविता का एक हिस्सा है. नहीं इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है. अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में विशेष रूप से यूपीएससी आईएएस परीक्षा में, हमारे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान आदि के बारे में कई प्रश्न पूछे गए हैं।
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