डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद (1950-1962) एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें दो बार राष्ट्रपति के पद के लिए चुना गया. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now.
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भारत का संविधान लागू होने के बाद (यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ) डॉ राजेंद्र प्रसाद राज्य के पहले संवैधानिक प्रमुख यानि भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे. इस समय श्री राम नाथ कोविंद भारत के वर्तमान राष्ट्रपति हैं. राम नाथ कोविंद 25 जुलाई, 2017 को निर्वाचक मंडल द्वारा प्रति नियुक्त 14वें भारतीय राष्ट्रपति बने. सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कैबिनेट सचिव का वेतन 2.5/-लाख रूपए प्रति महीने हो गया जबकि भारत के राष्ट्रपति को केवल 1.5/ लाख रुपये प्रति माह मिल रहे थे. इस तरह भारत सरकार में एक एम्प्लोय का वेतन भारत के राष्ट्रपति से अधिक हो जाता है. चूँकि भारत का राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च अधिकारी होता है और उसे देश का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है. सो यह स्थिति राष्ट्रपति के प्रतिष्ठित पद के विरुद्ध मानी गई और इसलिए भारत सरकार ने राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाने का फैसला किया था.
अक्टूबर 2017 में, भारत सरकार ने भारत के राष्ट्रपति के वेतन को 1.5 लाख/-रूपए प्रति महीने से रु. 5 लाख/-प्रति महीने करने का फैसला किया. वेतन के अतिरिक्त भारत के राष्ट्रपति को अन्य भत्ते भी मिलते हैं जिनमें उन्हें जीवन भर निःशुल्क चिकित्सा, आवास एवं उपचार की सुविधा (पूरे जीवन) प्रदान की जाती है. इस नए वेतन के बाद राष्ट्रपति को रु. 1.5 लाख/प्रति महीने पेंशन के रूप में तथा राष्ट्रपतियों के जीवनसाथी को भी 30,000/- रूपए प्रति महीने की (सेक्रेटेरियल असिस्टेंस) सचिवीय सहायता मिलेगी.
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वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति को मिलने वाले वेतन और भत्ते इस प्रकार हैं -
1. सैलरी - 5 लाख रुपये प्रति माह (नॉन टैक्सेबल)2. फ्री मेडिकल फैसिलिटीज (मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं)
3. मुफ्त आवास (फ्री एकोमोडेशन)
4. फ्री ट्रीटमेंट (मुफ्त इलाज) - (फुल लाइफ, पूरा जीवन)
5. भारत के राष्ट्रपति को मिला हुए स्टेट कार एक कस्टम बिल्ट हैविली अर्मौरेड मर्सीडीज बेंज S600 (W221) पूलमैन गार्ड है. (कस्टम-निर्मित भारी बख़्तरबंद मर्सिडीज बेंज S600 (W221) पुलमैन गार्ड है) इन सुविधाओं के अलावा, भारत सरकार अपने राष्ट्रपति के आवास, स्टाफ, भोजन और मेहमानों की मेजबानी जैसे अन्य खर्चों पर सालाना 22.5 मिलियन रुपये खर्च करती है.और आइए अब जानते हैं कि भारत के राष्ट्रपति को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले भत्ते के बारे में -
राष्ट्रपति के सेवानिवृत्ति के बाद के भत्ते -
1. उन्हें पेंशन के रूप में (मौजूदा दरों के मुताबिक) 5 लाख रुपये प्रतिमाह मिलेंगे.
2. राष्ट्रपतियों के जीवनसाथी को भी 30,000/- रूपए प्रति महीने की (सेक्रेटेरियल असिस्टेंस) सचिवीय सहायता मिलेगी.
3. एक सुसज्जित (furnished) रेंट फ्री बंगला (टाइप VIII).
4. दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन.
5. एक निजी सचिव सहित पांच निजी कर्मचारी.
6. कर्मचारी खर्च 60,000 रुपये प्रति वर्ष.
7. ट्रेन या हवाई मार्ग से किसी कम्पैनियन के साथ मुफ्त यात्रा की सुविधा.
भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों को सैलरी के रूप में भारत सरकार के द्वारा कितने रूपए दिए जाते थे, इसका विवरण नीचे दिया गया है -
पूर्व राष्ट्रपतियों की सैलरी -
1. 1951 में भारत के राष्ट्रपति को 10,000/-रूपए सैलरी और 15000/- रुपये भत्ते के रूप में मिलते थे.
2. 1985 में भारत के राष्ट्रपति को 15,000/-रूपए सैलरी और 30000/- रुपये भत्ते के रूप में मिलते थे.
3. 1989 में भारत के राष्ट्रपति को 20,000/-रूपए और 10000/- रुपये भत्ते के रूप में मिलते थे.
4. 1998 में भारत के राष्ट्रपति को 50,000/- रुपये सैलरी के रूप में मिलते थे.
5. 2008 में भारत के राष्ट्रपति को सैलरी के रूप में 1,50,000/- रुपये मिलते थे.
6. 2016 में भारत के राष्ट्रपति को सैलरी के रूप में 5,00,000/- रुपये मिलते थे.
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निष्कर्ष -
निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि भारत सरकार अपने राष्ट्रपति पर मासिक आधार पर लगभग 2 करोड़ या वार्षिक आधार पर 22.5 करोड़ खर्च करती है. इन खर्चों में दुनिया भर में उनकी यात्रा के सभी खर्च, उनकी सुरक्षा, तथा उनके पारिश्रमिक आदि शामिल हैं. अब भारत सरकार राज्य के राज्यपाल और भारत के उपराष्ट्रपति जैसे अन्य अधिकारियों के वेतन में वृद्धि करने की योजना बना रही है. इससे पहले 2008 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन में तीन गुना वृद्धि की गई थी.
राष्ट्रपति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य -
1. राजेन्द्र प्रसाद को '‘देश रत्न’' की उपाधि या उपनाम से संबोधित किया जाता है. 1950 में संविधान सभा के सदस्यों द्वारा राजेन्द्र प्रसाद को राष्ट्रपति चुना गया था.
2. राजेन्द्र प्रसाद ने वर्ष 1952 से 1962 तक दो बार राष्ट्रपति का पद भार सम्भाला. दो बार राष्ट्रपति पद पर चुने जाने वाले वे एकमात्र व्यक्ति थे.
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