अल्बर्ट बंडुरा का सामाजिक शिक्षण सिद्धांत Social Learning Theory of Albert Bandura

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Mon, 20 Sep 2021 06:48 PM IST

Source: Verywell Mind

अल्बर्ट बांडुरा 4 दिसंबर , 1925 को कनाडा के एक छोटे से शहर एडमॉन्टन में पैदा हुए थे। 1953 में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय , अमेरिका में अध्यापन शुरू किया और करीब छह दशक तक  एमेरिट्स प्रोफेसर के रूप में कार्य किया ।
1960 के दशक से मनोविज्ञान के कई क्षेत्रों में कार्य किया। जैसे - सामाजिक संज्ञानात्मक सिद्धांत ,व्यवहार मनोविज्ञान , मनोचिकित्सा और व्यक्तित्व मनोविज्ञान में बहुत योगदान दिया है। वे मनोविज्ञान में संज्ञानात्मक क्रांति के अग्रदूत माने जाते हैं। अल्बर्ट बांडुरा को सामाजिक अधिगम सिद्धांत के  प्रवर्तक / जन्मदाता के रूप में जाना जाता है, जिसे 1977 में प्रतिपादित किया था। तथा उन्होंने सामाजिक  अधिगम सिद्धांत को सामाजिक संज्ञानात्मक सिद्धांत का नाम दिया है। सीखने के सामाजिक अधिगम सिद्धांत के अनुसार लोग प्रेक्षण , नकल और मॉडलिंग के माध्यम से , एक दूसरे से सीखते हैं। सामाजिक अधिगम सिद्धांत लोगों को एक सामाजिक संदर्भ में  अपना दृष्टिकोण बताता है। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।
 
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अक्सर यह सामाजिक सिद्धांत व्यवहारवादी और संज्ञानात्मक सीखने के सिद्धांतों के बीच एक पुल का काम करता है । क्यों कि इसमें ध्यान , स्मृति और प्रेरणा शामिल हैं। इसमें पर्यावरण में अवलोकन व अनुकरण के माध्यम से बच्चों को सामाजिक व्यवहार करने व सीखने पर बल दिया गया है। उनका बोबो गुडिया (1961) का प्रयोग विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार हम हमारे आसपास रहने वाले के व्यवहारों का निरीक्षण करके उनका अनुकरण करते हैं और प्रेक्षण द्वारा सीखने की प्रक्रिया को पूरा करते है । बांडुरा ने स्पष्ट किया है कि मानव क्रिया में तीन कारकों का परस्पर प्रभाव हमेशा पढ़ता है। ये कारक हैं - (1) बाहृा वातावरण ( External Environment) (2) संज्ञानात्मक एवं आंतरिक घटनाएं ( Corgnitive and Intenal events)  और (3) व्यवहार  (Behaviour) । बांडुरा के अनुसार ये तीनों एक दूसरे पर निर्भर होते हैं एवं एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।  

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