Stages of Child Development in Psychology

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Mon, 06 Sep 2021 05:57 PM IST

Source: owalcation

विकास के रूप [Child Development]


विकास की प्रक्रिया में मुख्य रूप से चार प्रकार के परिवर्तन दृष्टिगत होते है - 

 
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1. आकार में परिवर्तन

शारीरिक विकास क्रम में निरंतर शरीर के आकार में परिवर्तनों को आसानी से देखा जा सकता है। आकारों में होने वाले परिवर्तनों को आसानी से देखा जा सकता है।

शारीरिक विकास क्रम में आयु वृद्धि के साथ साथ शरीर के आकार व भार में निरंतर परिवर्तन होता रहता है।

2. अनुपात में परिवर्तन

विकास क्रम में पहले  आकारों का परिवर्तन होता है लेकिन यह परिवर्तन अनुपातिक होता है। प्राणी के शरीर के सभी अंग एक ही गति से विकसित नहीं होते हैं, न ही उनमें एक साथ परिपक्वता आती है। अतः सभी अंगों के विकास का एक निश्चित अनुपात नहीं होता है। जैसे संपूर्ण विकास काल में हृदय का भार जन्म के भार का तेरह गुना बढ़ जाता है, जबकि मस्तिष्क का भार केवल चार गुना ही बढ़ सकता है। अतः विकास क्रम में शारीरिक अंगों के अनुपात में अंतर आ जाता है। 

3. पुरानी रूपरेखा में परिवर्तन 

प्राणी के विकास क्रम में नवीन विशेषताओं का उदय होने से पूर्व विशेषताओं का लोप होता रहता है। उदाहरण के लिए बचपन के बालों और दांतों का समाप्त हो जाना। इसी प्रकार बचपन की अस्पष्ट ध्वनियों, खिसकना, घुटनों के बल चलना, रोना, चिल्लाना आदि गुण समाप्त हो जाते है। 

4. नए गुणों की प्राप्ति 

विकास क्रम में जहां एक ओर पुरानी रूपरेखा में परिवर्तन होता है वहीं उसका स्थान नए गुण प्राप्त कर लेते है। उदाहरण के लिए स्थाई दांत निकलना, स्पष्ट उच्चारण करना, उछलने कूदने और दौड़ने भागने की क्षमताओं का उदय होना आदि नए गुण प्राणी को विकास क्रम में ही मिलते हैं।

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