हम वाक्य बनाते समय विभिन्न शब्दों का प्रयोग वाक्य में करते हैं। लड़का, घोड़ा, कुर्सी, मेज, किताब, कलम आदि हिंदी के शब्द हैं। शब्दों की रचना ध्वनियों के संयोग से होती हैं। शब्द की परिभाषा देते समय निम्नलिखित दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। (1) शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई हैं।
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Source: safalta
(2) शब्द भाषा की सहायक इकाई हैं। शब्द निर्माण की प्रक्रिया तीन प्रकार से हो सकती है 1. उपसर्गों के द्वारा, 2. प्रत्यायो के द्वारा, 3. समास के द्वारा । इस ब्लॉग में हम उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में बात करेंगे ।अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now.October month Current Affairs Magazine- DOWNLOAD NOW |
Table of content
उपसर्ग
उपसर्ग की परिभाषा
प्रत्यय
प्रत्यय की परिभाषा
उपसर्ग
उपसर्ग शब्दों शब्दों से मिलकर बना है उप तथा सर्ग । उप का अर्थ हैं समीप और सर्ग का अर्थ हैं किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। उपसर्ग शब्द के शुरू में लगते हैं और उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। जैसे सु+योग = सुयोग ।
उपसर्ग की परिभाषा
उपसर्ग भाषा के वे सार्थक लघुतम खंड हैं, जो शब्द के आरंभ लगकर नए नए शब्द का निर्माण करते हैं । जैसे
बे+ईमान = बेईमान, प्र+हार = प्रहार, सु+योग = सुयोग।
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उपसर्ग के उदाहरण
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अति : अत्यंत , अत्याचार, अतिरिक्त , अतिक्रमण, अतिशय।
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अनु: अनुभव, अनुभूति, अनुकरण, अनुरोध, अनुशासन ।
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अप: अपयश, अपमान, अपशब्द, अपहरण, अपवाद।
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अव: अवसान, अवसर, अवकाश, अवनति, अवगुण।
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आ : आहार, आजीवन, आगमन, आदान।
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उप : उपवन, उपकार, उपनगर, उपचार, उपदेश, उपनगर।
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प्रति: प्रतिरूप, प्रतिकूल, प्रतिनिधि, प्रतिवादी।
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सह: सहपाठी, सहमति, सहकारी, सहचर, सहयोग ।
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चिर: चिरजीवी, चिरकाल, चिरायु ।
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सु: सुगम, सुबोध, सुलभ, सुजान।
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वि: वियोग, विनाश, विदेश, विकार, विज्ञान।
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सम: समकोण, समकालीन, समकालिक।
प्रत्यय
प्रत्यय शब्दों अंत में लगते हैं। जो शब्दांश वाक्यों के अंत में लगकर उनका अर्थ बदल देते हैं। प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे: होन+हार = होनहार, आवश्यक + ता = आवश्यकता।
प्रत्यय की परिभाषा
भाषा के वे लघुतम सार्थक खंड जो शब्द के अंत में जुड़कर नए नए शब्दों का निर्माण करते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय के उदाहरण
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क : गायक, सेवक, नायक, पाठक ।
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ता: नेता, अभिनेता, विक्रेता ।
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ना: लिखना, पढ़ना।
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आन: उड़ान, मिलान, उठान, पहचान।
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आई: पढ़ाई, लिखाई, मिठाई, बुराई।
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ना : खाना, पीना।
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ई: हंसी, बोली, गरीबी, अमीरी, रईसी।
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पा: बुढ़ापा, मोटापा।
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आर: सुनार, लुहार।
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वान: धनवान, गाड़ीवान।
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गर: जादूगर , सौदागर।
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इया: डिबिया, खटिया, बिटिया, लठिया ।
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आस: मिठास, खटास।
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ला: अगला, पिछला, निचला।
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पन : अपनापन, बचपन, पीलापन ।
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आहट: घबराहट, चिकनाहट।
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आकू: लड़ाकू, पढ़ाकू।
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आवट : मिलावट, बनावट, सजावट, लिखावट।
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इयल: मरियल, अड़ियल ।
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आक : तैराक, उड़ाक ।