Click here to buy a course on Digital Marketing- Digital Marketing Specialization Course
नीट (NEET) के बिना बेहतरीन मेडिकल कोर्स
- नर्सिंग (Nursing)
- बायोटेक्नोलॉजिस्ट (Biotechnologist)
- माइक्रो बायोलॉजिस्ट (Micro-biologist)
- बीएससी एनेस्थेसिया (BSc Anaesthesia)
- साइकोलोजिस्ट (Psychologist)
- फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)
1. नर्सिंग
एमबीबीएस और डेंटल साइंसेज के बाद नर्सिंग एक लोकप्रिय मेडिकल स्पेशलाइजेशन है और भारत के साथ-साथ विदेशों के भी कई कॉलेजों में नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए नीट (NEET) की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, आप भारत और विदेशों में एक नर्स के रूप में उच्च-भुगतान वाले अवसरों को ढूंढ कर जॉब ज्वाइन कर सकते हैं. बहुत से आर्गेनाइजेशन्स विदेशों में नर्सिंग की जॉब के लिए भी वीजा प्रायोजन भी प्रदान करते हैं.सैलरी की बात करें तो भारत में एक रजिस्टर्ड नर्स का प्रारंभिक वेतन ₹297662 प्रति वर्ष है या इससे ज्यादा हो सकता है. भारत के शीर्ष नर्सिंग कॉलेज हैं -
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स (All India Institute of Medical Sciences (AIIMS)
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (Christian Medical College)
- आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज Armed Forces Medical College
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज (Kasturba Medical College)
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय (Chandigarh University)
2. बायोटेक्नोलॉजी (Biotechnologist)
बायोटेक्नोलॉजी के तहत फार्मास्यूटिकल, फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से सम्बन्धित कार्य शामिल हैं. इन सभी फ़ील्ड्स के अलावा भी अन्य बहुत से फ़ील्ड्स में बायोटेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान है. वर्तमान समय में बायोटेक्नोलॉजी भारत के युवा वर्ग के लिए रोज़गार के ढेरों अवसर मुहैया करा रही है. आइए अब हम कुछ प्रमुख मेडिकल एरियाज की बात करते हैं जिनमें बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले छात्रों के करियर के लिए काफी ज्यादा संभावनाएँ हैं.
- मेडिकल राइटिंग्स
- हेल्थ केयर सेंटर्स
- फार्मास्युटिकल कम्पनियाँ
- रिसर्च लैबोरेट्रीज
- एनिमल हसबेंड्री
- फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री
सैलरी एक्सपेक्टेशन्स की बात करें तो इस फील्ड में फ्रेशर्स के लिए 2-3 लाख रूपए, मिड-लेवल के लिए 4-6 लाख, सीनियर लेवल के लिए 7-10 और टॉप लेवल के लिए 10 लाख रूपए से ऊपर का स्कोप है.
3. माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) में माइक्रोओर्गेनिज्म (सूक्ष्मजीवों) जैसे बैक्टीरिया, वायरस आदि के व्यवहार, संरचना, इस्तेमाल और अस्तित्व का अध्ययन किया जाता है. माइक्रो बायोलॉजी भी बायो टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है. माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में एक्सपर्ट्स बनने वाले व्यक्ति को माइक्रो बायोलॉजिस्ट कहा जाता है ये प्रोफेशनल या साइंटिस्ट के रूप में कार्य करते है. मेडिकल माइक्रो बायोलॉजिस्ट Medical Microbiologist Microorganisms
इसके अलावा मेडिकल माइक्रो बायोलॉजिस्ट का कार्य करने वाले स्पेशलिस्ट मानव शरीर में होने वाले इन्फेक्शंस, रोगाणुओं की जाँच और उनकी रोकथाम के उपायों की तलाश करते है. इस क्षेत्र में मास्टर्स या पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आपको किसी भी चिकित्सा क्षेत्र मे कम से कम 35 से 45 हजार रूपए प्रति महीने तक आसानी से मिल जाते है. इस क्षेत्र में कुछ एक्सपीरियंस हासिल हो जाने के बाद जब आप किसी रिसर्च इंस्टिट्यूट से जुड़ते हैं तो आपकी सैलरी बढ़कर 70 से 80 हजार रूपए प्रति महीने तक हो जाती है.
4. बीएससी इन एनेस्थीसिया (B.Sc in Anesthesia)
ऑपरेशन और सर्जरी के समय की आवश्यकता होती है. एक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट के बगैर ऑपरेशन और सर्जरी हो हीं नहीं सकता. बीएससी इन एनेस्थीसिया एक अंडरग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम है जिसमें कैंडिडेट्स को एनेस्थेटिक प्रोडक्ट का नॉलेज और स्पेशलाइजेशन प्रदान किया जाता है. यह पाठ्यक्रम कैंडिडेट्स को इन विषयों के लिए थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल दृष्टिकोण प्रदान करता है. कुछ कॉलेज इस कोर्स में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं जैसे NEET, AIIMS, AICTE आदि. इस पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए औसत पाठ्यक्रम शुल्क INR 2,50,000- 4,00,000 के बीच है. सरकारी कॉलेज में निजी कॉलेज की तुलना में कोर्स की फीस तुलनात्मक रूप से कम होती है.
5. साइकोलोजिस्ट (Psychologist)
एक साइकोलोजिस्ट या मनोवैज्ञानिक (psychologist) को मानव मस्तिष्क और उसके कार्य को समझने का एक वैज्ञानिक तरीका सिखाया जाता है. मनोविज्ञान में मनुष्य की चेतना, अवचेतना, अवस्थाओं, सेंटीमेंट्स, फीलिंग्स, सोच, ख़ुशी, गम आदि का अध्ययन किया जाता है. अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार साइकोलॉजी एक विशेष और विस्तृत विज्ञान है जिसमें इंसानी मस्तिष्क और उसके कार्य करने का तरीका, इंसान का व्यवहार, इंसान की सोच और उसकी भावनाओं आदि का अध्ययन शामिल होता है. मनोविज्ञान की डिग्री के बाद आपके सामने जॉब की कोई कमी नहीं होती. प्राइवेट या सरकारी सभी हॉस्पिटलों में साइकोलोजिस्ट या मनोवैज्ञानिक की जरूरत होती है. मानसिक परेशानियों से जूझ रहे पेशेन्ट को साइकोलोजिस्ट या मनोवैज्ञानिक हीं ठीक कर सकते हैं. सैलरी की बात करें तो एक मनोवैज्ञानिक (Psychologist) की सैलरी अलग-अलग फील्ड में अलग अलग हो सकती है, जो शुरुआत में कम से कम 25,000 हजार रूपए से 50,000 हजार रूपए तक होती है. नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट पास होने पर और अपनी फिल्ड में पीएचडी (PhD) होने पर आपको 50,000 रूपए से लेकर 2 लाख रूपए प्रति महीने तक की सैलरी मिल सकती है.