Aravalli Biodiversity Park:अरावली जैव विविधता पार्क को भारत की पहली अन्य प्रभावी क्षेत्र आधारित संरक्षण उपाय साइट घोषित किया गया

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Thu, 10 Feb 2022 06:03 PM IST

Highlights

  • अरावली को दिल्ली का ग्रीन लंग्स माना जाता है।
  • अरावली से दिल्ली को 7.07% ऑक्सीजन मिलती है।
  • इसमें 43,000 से अधिक झाड़ियाँ, 1,01,000 पेड़ और 300 स्थानिक पौधों की प्रजातियाँ हैं।

Source: social media

Aravalli Biodiversity Park:देश में और पूरे विश्व में  2 फरवरी, 1971 को कैस्पियन सागर के तट पर ईरानी शहर रामसर में वेटलैंड्स पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्नित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 1997 में मनाया गया था।
आर्द्रभूमि एक ऐसा स्थान है जहां पौधे और पशु प्रजातियों की घनी विविधता पाई जाती है और ये जैव विविधता से भी संपन्न होता हैं और जो  रिसर्चर्स के अनुमान के अनुसार जो कि कम होते जा रहा है। ये ऐसे भूमि क्षेत्र हैं जो हर मौसम में  जलमग्न रहते हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस  के मौके पर अरावली जैव विविधता पार्क को पहले  (Other Effective Area – based Conservation Measures – OECM) के रूप में घोषित किया गया।
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ओईसीएम क्या है?

 ओईसीएम टैग प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) द्वारा दिया जाता है। प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ के अनुसार, ओईसीएम स्थल संरक्षित नहीं हैं, लेकिन जैव विविधता में समृद्ध हैं। अरावली पहाड़ियाँ देश की पहली ओईसीएम साइट हैं। अरावली को ओईसीएम बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण द्वारा किया गया था।

अरावली जैव विविधता पार्क क्या है?

1.यह पार्क 390 एकड़ में फैला है।
2.
इसमें अर्ध-शुष्क वनस्पति पाई जाती है।
3.इसमें 43,000 से अधिक झाड़ियाँ, 1,01,000 पेड़ और 300 स्थानिक पौधों की प्रजातियाँ हैं।
4.
पहले यह पार्क एक खनन स्थल था।
5.स्थानीय आबादी के साथ पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों, पारिस्थितिकीविदों के अपार प्रयासों से इसे शहर से जंगल में बदल दिया गया।
6.अरावली को दिल्ली का ग्रीन लंग्स माना जाता है।
7.अरावली से दिल्ली को 7.07% ऑक्सीजन मिलती है।

अरावली पर्वत का महत्व

अरावली पश्चिम में रेगिस्तान और पूर्व में उपजाऊ भूमि के बीच एक बाधा के रूप में कार्य करती है। अरावली मानसूनी बादलों को रोकती है और नैनीताल और शिमला में वर्षा लाती है। यह पहाड़ी क्षेत्र के लिए ground water recharge के रूप में काम करती है।

ओईसीएम की परिभाषा

अन्य प्रभावी क्षेत्र आधारित संरक्षण उपाय क्षेत्रों को 2018 में आयोजित जैविक विविधता सम्मेलन में परिभाषित किया गया था। अन्य प्रभावी क्षेत्र आधारित संरक्षण उपाय एक संरक्षित क्षेत्र नहीं है। यह पॉजिटिव रिजल्ट प्राप्त करने के लिए प्रशासित किये जाते हैं। 
 

इसके पॉजिटिव रिजल्ट ये हैं :- 

1.जैव विविधता का संरक्षण
2. सांस्कृतिक मूल्य
3. सामाजिक-आर्थिक मूल्य और
4. आध्यात्मिक मूल्य को महत्व देती है।
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