Beijing Winter Olympics:भारत, अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देश करेगें बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Sat, 05 Feb 2022 05:07 PM IST

Highlights

  • चीन ने सेना अधिकारी की फैबाओ (Qi Fabao) को मशाल वाहक के रूप में चुना है।
  • 15 जून, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प में Qi Fabao  घायल हो गए थे।

Beijing Winter Olympics: विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर भारत के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की। बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का दूरदर्शन प्रसारण नहीं करेगा। साथ ही भारत के दूत भी इसमें शामिल नहीं होंगे।
                   

इस लेख के मुख्य बिंदु

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में भारत अपना दूत नहीं भेजेगा। हालांकि, भारत समारोह में भाग लेने के लिए एक एथलीट भेज रहा है।  ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान शीतकालीन ओलंपिक आयोजित करने के लिए भारत ने चीन का समर्थन किया था।
चीन की कष्टप्रद हरकतों के लिए भारत अब अपना समर्थन वापस ले रहा है।
 
कुछ विदेशी अखबारों ने यह खुलासा किया है कि गलवन घाटी में दर्जनों में चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही। एक दिन पहले ही आस्ट्रेलिया के एक प्रतिष्ठित मीडिया ने इसी तरह का दावा किया है। उधर, अमेरिकी सीनेट की विदेश नीति समिति के सदस्य जिम रीश ने गलवन घाटी में घायल सैनिक को मशाल वाहक बनाए जाने के फैसले को शर्मनाक बताया है। रीश ने कहा है कि यह सैनिक उस टीम का हिस्सा था, जिसने वर्ष 2020 में भारत पर हमला किया था।
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भारत ओलंपिक का बहिष्कार क्यों कर रहा है?

 
चीन ने सेना अधिकारी की फैबाओ (Qi Fabao) को मशाल वाहक के रूप में चुना है। की फैबाओ 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी संघर्ष में शामिल थे। यह दोनों देशों के बीच सबसे खूनी मुठभेड़ों में से एक थी। भारत का मानना है कि चीन की फैबाओ को मशाल वाहक के रूप में चुनकर ओलंपिक का राजनीतिकरण कर रहा है।
 

की फैबाओ (Qi Fabao) कौन है

 
15 जून, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प में Qi Fabao  घायल हो गए थे। इस झड़प के दौरान कम से कम 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए थे। इस झड़प में Qi Fabao गंभीर रूप से घायल हो गये थे। लेकिन वह बच गये थे। उन्हें अब देश में हीरो माना जाता है, और इसलिए ही उसे मसाल वाहक बनाया जा रहा है। चीन को इस तथ्य को स्वीकार करने में आठ महीने लग गए कि संघर्षों के दौरान उसके सैनिकों की मौत हुई थी।
 

अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देशों किया बहिष्कार

 
अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों  ने चीन शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार किया है। वे चीन के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड के कारण बहिष्कार कर रहे हैं। अमेरिका चीन में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ जबरन नसबंदी अभियान और सामूहिक नजरबंदी शिविरों के खिलाफ है।

ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (Operation Snow Leopard)

यह भारतीय सेना का एक ऑपरेशन था। इसे LAC पर चीनी अभियानों की निगरानी के लिए लॉन्च किया गया था। इसने LAC पर भारतीय सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी। इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर्नल बिक्कमल्ला संतोष बाबू ने किया। भारतीय सेना ने मई 2020 में एक अस्थायी पुल का निर्माण किया था। इससे चीनी सैनिकों में हड़कंप मच गया था। चीनी सैनिक 6 जून, 2020 को पुल को तोड़ने के लिए आए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने 15 जून, 2020 को एक चीनी अतिक्रमण को हटाना जारी रखा। इन सभी चीनी अभियानों का नेतृत्व की फैबाओ ने किया था।
                                 
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