Comprehensive Economic Partnership Agreement: भारत-यूएई ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते  पर हस्ताक्षर किये

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Sun, 20 Feb 2022 02:21 PM IST

Highlights

  • चीन और अमेरिका के बाद, संयुक्त अरब अमीरात दुनिया में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है। 
  • 2020-21 तक, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 43.3 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया है।
  • आपको बता दें कि 2019-20 के पूर्व-महामारी साल में दोनों देशों के बीच व्यापार 59 बिलियन अमरीकी डालर था। 

Source: social media

Comprehensive Economic Partnership Agreement CEPA: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है। इस द्विपक्षीय व्यापार संबंध से दोनों देशों के व्यापार को अगले 5 साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने में सहायता  मिलेगी। इसके साथ ही लाखों की संख्या में दोनों देशों के युवाओं को रोजगार मिलेगा इसके साथ ही देश के कई क्षेत्रों में विकास होगा।
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समझौते के मुख्य बिंदु 

  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने भारत में इस डील पर सिग्नेचर किया है। 
  • केंद्र सरकार को उम्मीद है कि Import duty में कमी से उत्पादों की एक बड़े हिस्से को फायदा होगा।
  •  इस समझौते से संयुक्त अरब अमीरात को रत्नों, आभूषणों के साथ-साथ कपड़ों के निर्यात में भी विकास करेगा।
  •  जिससे अगले 5 सालों में कुल व्यापार 100 बिलियन अमरीकी डालर हो जाएगा। 
  • चीन और अमेरिका के बाद, संयुक्त अरब अमीरात दुनिया में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है। 
  • 2020-21 तक, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 43.3 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया है।
  • आपको बता दें कि 2019-20 के पूर्व-महामारी साल में दोनों देशों के बीच व्यापार 59 बिलियन अमरीकी डालर था। 
  • भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 
  • 10 लाख नए रोजगार के अवसर बनेगें।

समझौते से क्या लाभ होगा


इस समझौते से रत्न और आभूषण, चमड़ा, डिजिटल, कपड़ा, सरकारी खरीद, खेल के सामान, जूते, फर्नीचर, प्लास्टिक, दवाई, कृषि , चिकित्सा उपकरण और इंजीनियरिंग सामान, अर्थव्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के उपकरण और वस्तुएं  शामिल हैं, दोनों देशों के सरकार को इन सभी चीजों के निर्यात में लाभ होने की उम्मीद है।
सरकार यह अनुमान लगा रही है कि यदि दोनों देश के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 100 अरब डॉलर हो जाता है, तो युवाओं के लिए 10 लाख नए रोजगार बनेंगे। यूएई ने भारतीय आभूषणों पर शुल्क हटाने के लिए सहमत हो गया है, वहीं भारत भी 200 टन तक सोने के आयात पर शुल्क माफ करेगा।
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