भ्रष्टाचार अवधारणा सूची कैसे तैयार की जाती है?
विश्व के बड़े विशेषज्ञ और बिजनसमैन के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार को कथित लैवल के आधार पर पहले 180 देशों की रैंकिंग की लिस्ट प्रीपेयर किया जाता है। विशेषज्ञ इसके रैंकिंग के लिए 0 से लेकर 100 अंक का उपयोग करते हैं, इनके अनुसार जो देश या क्षेत्र सबसे कम अंक यानी 0,1,2,3.... प्राप्त करती है, वो विश्व के सबसे अधिक भ्रष्ट देशों में से एक माने जाते हैं, और जो देश 80,90,100 के आस पास अंक प्राप्त करते हैं वह देश भ्रष्टाचार की नजर से बहुत अच्छा माना जाता है।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड कर
कौन कौन से देश को इस लिस्ट में कितना अंक मिला है।
इस लिस्ट में भारत की बात करें तो भारत को 40 अंक के साथ 85वां स्थान प्राप्त हुआ है। चीन को 45 अंक मिलें हैं।पाकिस्तान को 28 अंक के साथ इस सूची में 140वां स्थान मिला है।
इस लिस्ट में इंडोनेशिया को 38 और बांगलादेश को 26 अंक के साथ अलग-अलग स्थान हासिल किए हैं, वहीं डेनमार्क, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और फिनलैंड ने इस लिस्ट में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
महामारी के दौरान भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बहुत कम प्रयास किए गए।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ज्यादातर देशों ने पिछले 1 दशक में करप्शन रेट को कम करने के लिए कोई प्रगतिशील कार्य नहीं किया है, या यूं कहें तो कोई काम ही नहीं किया है। विशेषज्ञों ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कोविड महामारी ने इसकी स्थिति को और अधिक खराब कर दिया है। रिपोर्ट ने यह बयान जारी किया है कि न केवल प्रणालीगत भ्रष्टाचार और कमजोर संस्थान वाले देशों ने ही नहीं, बल्कि मजबूत और स्थापित लोकतांत्रिक देशों ने भी अधिकार, नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था को तेजी से कमजोर कर रहे है।Read more Daily Current Affairs- Click Here