Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
क्या है चारा घोटाला मामला?
चारा घोटाला बिहार राज्य का सबसे बड़ा घोटाला था जिसमें जानवरों को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से भ्रष्ट तरीके से 950 करोड़ रुपये निकाल लिये गये। बिहार के सरकारी खजाने की इस चोरी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव , जगन्नाथ मिश्र के अलावा और अन्य कई लोगों पर भी आरोप लगा था। इस घोटाले के कारण लालू यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
Source: Safalta
इस घोटाले के लिए सीबीआई जाँच टीम का गठन हुआ
लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया और इस पर सीबीआई जाँच की माँग की गयी थी। इस घोटाले की गूँज न सिर्फ़ भारत में बल्कि अमेरिक, ब्रिटेन के अलावा कई देशों में सुनायी दी जिससे भारत की राजनीति बदनाम हुई। आपको बतां दे कि यह घोटाला 1996 में हुआ था लेकिन जैसे-जैसे सीबीआई जाँच हुई इसकी सभी काली करतूतें खुलती गयीं और लालू यादव व जगन्नाथ मिश्र जैसे कई और नेता जो इस वक्त सरकार के साथ इस गबन में शामिल थे उनके भी राज़ खुले। यह केस लगभग दो दशक यानी 1996 से 2021 तक चला। इस केस को जनता के सामने लाने में मीडिया ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जिसके चलते सीबीआई और न्यायपालिका अपनी-अपनी कार्रवाई में कोई लापरवाही नहीं कर पाए।
प्रसाद के अलावा और किसे सांसद से अयोग्य घोषित किया गया था?
लालू प्रसाद यादव और JDU नेता जगदीश शर्मा को इस गबन केस में मुख्य दोषी करारते हुए लोक सभा से अयोग्य ठहराया दिया गया था। चुनाव आयोग के नये नियमों के अनुसार लालू प्रसाद यादव समेत सभी मुख्य आरोपी 11 साल तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। उच्चतम न्यायालय ने चारा घोटाला में दोषी सांसदों को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से बचाने वाले प्रावधान को भी उस वक्त निरस्त कर दिया था। लोक सभा के महासचिव एस० बालशेखर ने लालू प्रसाद यादव और जगदीश शर्मा को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने की सूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हैं, जनता दल यूनाइटेड के एक अन्य नेता जगदीश शर्मा दूसरे, जिन्हें 10 साल के लिये सांसद से अयोग्य ठहराया गया था।
General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें