इस लेख के मुख्य पॉइंट
1.पैक्ड खाद्य पदार्थों की स्वास्थ्य रेटिंग दिखाने के लिए उपयोग की जाने वाली मेथोडोलॉजी के संबंध में IIM अहमदाबाद द्वारा एक रिसर्च किया गया था।2.इस रिसर्च में स्टार रेटिंग दिखाने की बात रखी गई थी क्योंकि यह तरीका ग्राहक के समझने के लिए सरल होगा।
3.यह सिस्टम इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज में उपयोग होने वाले रेटिंग सिस्टम पर आधारित होगी, जैसे electrical appliances में energy efficiency का मुल्यांकन करने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी ब्यूरो द्वारा किया जा रहा है।
4.पैक किए गए खाद्य पदार्थों पर कई स्टार होंगे जो यह बताएंगे कि उसमें पैक किया गया खाद्य पदार्थ कितना स्वस्थ है और कितना अस्वस्थ।
5.खाद्य पदार्थ में चरबी, शुगर और नमक की मात्रा को स्टार रेटिंग के जरिए बताया जाएगा कि किस खाद्य पदार्थ में कितना उपयोग किया गया है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने यह फैसला क्यों लिया?
इस रिसर्च से यह पता चला है कि देश में एनर्जी से भरपूर पैक्ड खाद्य पदार्थ बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं जो की देश में में नॉन कम्युनिकेबल रोग को बढ़ा रहे हैं, इसके साथ ही कम उम्र में ही बच्चों का जल्द ही मोटापे का शिकार होने का यह कारण बन रही है, यही वजह है कि FSSAI ने फूड कंज्यूमर को उनके द्वारा खाए जा रहे पैक्ड खाद्य पदार्थ के आहार-पोषण चार्ट के बारे में आसानी से समझाने के तरीकों की तलाश शुरू की, जिसके लिए उन्हें ये स्टार रेटींग का तरीका सबसे बेहतर और सरल लगा ।FSSAI भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण क्या है
FSSAI को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्टेट्यूटरी बॉडी के रूप में स्थापित किया गया था। साल 2006 में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना के खाद्य सुरक्षा और मानक एक्ट के अंतरगत किया गया था, जो देश में food regulation और सुरक्षा से संबंधित एक एक्ट है। FSSAI पर खाद्य सुरक्षा को प्रभावी ढंग से रेगुलेट करके देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी सुरक्षा करने का भार है। इसका हेडऑफिस नई दिल्ली में है और इसके वर्तमान अध्यक्ष राजेश भूषण हैं। इसके साथ ही FSSAI के सीईओ अरुण सिंघल हैं।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे