इस टेक्नोलॉजी की विशेषताएं
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाया गया तो यह एआई-आधारित एक्स-रे टेक्नोलॉजी संभवतः कोविड का पता लगाने के लिए वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले पीसीआर टेस्ट की जगह ले सकती है। इस एक्सरे तकनीक के माध्यम से न सिर्फ निमोनिया की पहचान होती है, बल्कि यह फेफड़ों के संक्रमण क्षेत्र की पहचान के लिए भी कारगर है। जिससे कि संक्रमण के प्रसार और ऐरिया की पहचान में भी सहायता मिलती है। इससे कोविड संक्रमण और नॉन कोविड पेसंट के बारे में पहचान करने में आसानी रहेगी। एक्सरे आधारित यह टेक्नोलॉजी कोविड जांच को ऑप्शनल तरीकों से करने में मदद मलेगी। जिससे दूर-दराज के ग्रामीण इलाको में कोविड किट की सीमित उपलब्धता और अन्य समस्याओं और चुनौतियों के लिए मददगार साबित होगा।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
तीसरी लहर के बीच क्या है राज्यों कि स्थिति
आपको बता दें कि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों के पहले के मुकाबले कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है। राज्य के जिलों में भी कोरोना के नए मामलों और इस बीमारी की चपेट में होने वाली मौतों में भी पहले के मुकाबले काफी कमी आई है। फिर भी पूर्वावधान के तौर पर अभी भी बीमारी से बचने की जरूरत है। कोरोना की तीसरी लहर के बीच कई प्रदेशों में इस बीमारी की मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है।General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें