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बढ़ चुकी है तल्खी
जाहिर है कि इन सब बातों की वजह से भारत और चीन के बीच तल्खी बहुत बढ़ चुकी है और लगता नहीं है कि दोनों देशों के सम्बन्ध फिलहाल अच्छे हो पाएँगे.
Source: safalta
गौरतलब है कि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर पिछले लम्बे समय से दोनों देशों के बीच तनातनी चलती चली आ रही है. इधर भारत के बाद चीन का अमेरिका के साथ भी टकराव बढ़ना जारी है. ताइवान के ऊपर चीन की बयानबाजी ने दोनों देशों के रिश्तों में काफी कडुआहट ला दी है.Free Demo Classes
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बढ़ने वाली है चीन की टेंशन
इन सबके बीच एक ऐसी खबर आई है जिससे चीन की टेंशन बढ़ने वाली है. दरअसल, अमेरिकी सेना भारत के साथ मिलकर चीन की सीमा के पास (वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट) संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रही है. भारत और अमेरिका यह युद्ध अभ्यास इसी वर्ष अक्टूबर के महीने में शुरू करने वाले हैं. दोनों देश मिल कर यह अभ्यास उत्तराखंड के औली नामक स्थान में करेंगे.दोनों देशों के बीच चलने वाला यह मेगा सैन्य-अभ्यास एक पखवाड़े तक जारी रहने वाला है. इस मेगा सैन्य-अभ्यास के लिए दोनों देशों की ओर से कई जटिल अभ्यासों के लिए प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं. युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतःक्रियाशीलता (interactivity) को बढ़ावा देना है.
भारत-अमेरिका रक्षा संबंध और समझौते
बताते चलें कि भारत-अमेरिका रक्षा संबंध पिछले कुछ वर्षों से घनिष्ठ तथा आत्मनीय हो रहे हैं. जून 2016 में, अमेरिका ने भारत को "प्रमुख रक्षा भागीदार" के रूप में नामित भी किया था. दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट समेत कई प्रमुख रक्षा और सुरक्षा समझौते किए हैं. (यह समझौता दो देशों को गहन सहयोग प्रदान करने के अलावा सेनाओं को सप्लाई, पुनर्निर्माण और पुनःपूर्ति या रिप्लेसमेंट के लिए एक-दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है.)सामान्य हिंदी ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
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