जीओ पार्क में क्या विशेष होगा
जीओ पार्क में भूगर्भ शास्त्र के चमत्कार, लम्हेटा क्षेत्र का महत्व आदि सब कुछ का निर्माण किया जाएगा। इस पार्क में जियोलॉजिकल संरचनाओं के साथ-साथ मानव सभ्यता के विकास के विषय पर अध्ययन भी करने का मौका मिलेगा।
Source: Safalta
देश के इकलौते जीओ पार्क के बनने से भेड़ाघाट पर्यटन क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी, और इस क्षेत्र का विकास भी इसके बाद से तेजी से होगा।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
साइंस सेंटर निर्माण
भेड़ाघाट में साइंस सेंटर का भी निर्माण हो रहा है।
इससे शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी मदद मिलेगी, बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ेगी, पर्यटन क्षेत्र में उन्नति होगी।
जिसकी सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
ये सात एकड़ जमीन में बनाया जाएगा।
यह साइंस सेंटर मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को आवंटित करना होगा।
जिसके लिए सरकार ने 15.20 करोड़ रुपए की लागत राशि तय की है।
इसमें 8.65 करोड़ रुपए राज्य शासन और 6.55 करोड़ रुपए केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कोलकत्ता की ओर से खर्च किया जाएगा।
साइंस पार्क और जियोलॉजिकल पार्क के लिए भेड़ाघाट का ही चुना गया।
भूगर्भ शास्त्र (Geology) की दृष्टि से जबलपुर मध्यप्रदेश ही नहीं देश का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह जबलपुर की प्रकृति अनुपम देन है, 5000 वर्ग किमी क्षेत्र में लम्हेटाघाट फैला है। जिसे लम्हेटा फॉर्मेशन के नाम से जाना जाता है। लाखों साल पहले के सजीवों के साथ डायनासोर के जीवाश्म भी मिले हैं। 1928 में पहली बार विलियम स्लीमन ने यहां से डायनासोर का जीवाश्म इकट्ठा किया था। अब तो यूनेस्को ने भी इसे जीओ हेरिटेज साईट के रूप में मान्यता दे दी है। इसी कारण से साइंस पार्क और जियोलॉजिकल पार्क के लिए भेड़ाघाट का ही चुना गया है।
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