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1.उर्वरक विभाग ने सभी स्टेकहोलडर से Integrated Plant Nutrition Management Bill, 2022 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां मांगी हैं।
2.जनहित में यह सुविधा दी गई है कि उर्वरकों के मापदंड के वितरण, मूल्य और क्वालीटी पर केंद्र सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए।
विधेयक के प्रावधान (provisions of the bill)
1.इस विधेयक में ‘एकीकृत पौधा पोषण प्रबंधन प्राधिकरण’की स्थापना करने का प्रयास किया गया है।
2.इसका उद्देश्य Bio-fertilizers, nano-fertilizers, bio-stimulants and organic fertilizers सहित balanced fertilizers के विकास और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है।
3.कोई भी व्यक्ति उचित रजिसट्रेशन प्राप्त किए बिना Manufacture, import, sell या market for sale में सक्षम नहीं होगा।
4.यह विधेयक पूरे देश में उर्वरकों के उत्पादन, वितरण और मूल्य प्रबंधन के निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास करता है। इससे कारोबार में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
5.केंद्र सरकार अधिकतम मूल्य या दर तय करने में सक्षम होगी जिस पर कोई fertilizer by any dealer, importer, manufacturer or fertilizer marketing unit को बेचा जा सकता है।
6.इसका उद्देश्य केंद्र को अलग-अलग storage period वाले फर्टीलाइज़र के लिए या अन्य वर्गों के उपभोक्ताओं के लिए या विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग दरें या कीमतें तय करने के लिए मजबूत बनाना है।
भारतीय उर्वरक उद्योग की स्थिति
भारत में बहुत सारे छोटे और सीमांत किसानों का घर है। लेकिन यह अक्सर निम्न गुणवत्ता और कम उत्पादकता से ग्रस्त होता है। फसलें मुख्य रूप से मानसून बारीश पर निर्भर होती हैं और यहां समय के साथ एक ही जमीन पर खेती की जाती हैं। ऐसे में यह पद्धती कई क्षेत्रों में मिट्टी की उर्वरता को कमी लाता है। पूरे भारत में nitrogen उर्वरकों की ज्यादा मात्रा में उपयोग किया गया है। इस वजह से, भारत सरकार ने आर्थिक सुधार लाए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरक सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हों।भारत में उर्वरक उत्पादन की क्या स्थिति है
2014 से उर्वरक उत्पादन में पॉसिटीव ग्रोथ देखी जा रही है। भारत विश्व भर में फर्टीलाईज़र के सबसे बड़े कंज्यूमर में से एक है, जिसकी डोमेस्टीक बिक्री लगातार बढ़ रही है।General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें