इस दिवस को मनाने का चलन कब से शुरु हुआ
डाटा संरक्षण दिवस को मूलतः 28 जनवरी 1981 से मनाया जा रहा था, लेकिन साल 2006 में यूरोप की एक परिषद ने 26 अप्रेल 2006 को हर वर्ष डाटा संरक्षण दिवस मनाने का फैसला लिया।Source: Safalta
जिसे अब हर साल 28 जनवरी को ही मनाया जाता है।गोपनीयता कि रक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले-
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019- इस बिल को 2019 में लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यगिकी मंत्री, रविशंकर प्रसाद द्वारा 11 दिसंबर, 2019 को पेश किया गया था। जिससे लोगों को अपने व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा मिल सके।Read more Daily Current Affairs- Click Here
पर्सनल डाटा :
वह डाटा जिससे किसी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है जैसे नाम, पता, कॉन्टेक्ट डिटेल आदि।
संवेदनशील व्यक्तिगत डाटा :
कुछ प्रकार के व्यक्तिगत डाटा जैसे कि फाइनेनशियल, स्वास्थ्य-संबंधी, sexual orientation, बायोमेट्रिक, जेनेटिक, ट्रांसजेंडर की स्थिति, जाति, धार्मिक विश्वास और भी ऐसे बहुत कुछ जिसे केवल भारत में रखने की जरुरत है। इसे निश्चित रूप से विदेश में संरक्षित या संशोधित नहीं किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डाटा :
कुछ भी, जो सरकार को किसी भी समय महत्वपूर्ण लगे जैसे कि सैन्य या राष्ट्रीय सुरक्षा डाटा। जिसे केवल भारत में संग्रहित और संशोधित किया जाना चाहिए। यह डाटा मिररिंग की आवश्यकता को हटाता है। विदेश में डाटा ट्रांसफर के लिए केवल व्यक्तिगत सहमति की आवश्यकता होनी चाहिए है। इसे मांग करने पर किसी भी गैर-व्यक्तिगत डाटा के साथ सरकार को प्रदान करने के लिए डाटा फिड्युशियरी को अनिवार्य करना जरूरी होता है। भारत में यूजर्स को अपनी इच्छा से अपने अकाउंट को सत्यापित करने में सक्षम बनाने के लिए विधेयक में कंपनियों और सोशल मीडिया मध्यस्थों, जो कि एक 'महत्वपूर्ण डाटा फिड्यूशियरी' हैं, इसकी आवश्यक्ता है।Read more Daily Current Affairs- Click Here