International Mother Language Day: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है।

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Mon, 21 Feb 2022 01:00 PM IST

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सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में इंग्लिश, जापानी, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी आदि भाषा शामिल हैं

Source: Safalta

International Mother Language Day:हमारे जीवन में भाषा का बहुत महत्व है, यह मानव संचार का माध्यम है जिससे हम एक दूसरे से बातचीत करते हैं, भाषा से हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं। हर क्षेत्र का अपना ही एक अलग क्षेत्रीय भाषा होती है, जैसे भारत की मातृभाषा हिंदी है, वैसे ही पंजाब में पंजाबी, बंगाल में बंगाली, छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी आदी भाषा या बोली बोली जाती है।
मातृभाषा की सहायता से न केवल स्थानीय भाषाओं के विषय में जानने-समझने में मदद मिलती है, बल्कि एक-दूसरे से बातचीत करना भी सरल हो जाता है, भाषा के माध्यम से हम सामने वाला व्यक्ति  से क्या कहना चाह रहा है वो आसानी से समझ सकते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास


17 नवंबर 1999  को यूनेक्को की ओर से मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा  की गई थी और विश्व में पहली बार साल 2000 में इस दिन यानी 21 फरवरी को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया गया था। 21 फरवरी को ही यह दिवस मनाए जाने का सुझाव कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम द्वारा किया गया था, जिन्होंने 1952 में बांग्ला भाषा आंदोलन के दौरान ढाका में  हुई लोगों की निर्मम हत्याओं को याद  करने के लिए इस तिथी की प्रस्तावना रखी थी।

इस साल अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 की थीम क्या है? 


इस बार इस दिन का थीम है 'बहुतभाषी शिक्षा के लिए प्रोद्यौगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर'('Using Technology for Multilingual Education: Challenges and Opportunities')

दुनिया में  सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएं


आज विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में इंग्लिश, जापानी, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी आदि भाषा शामिल हैं ग्लोबलाइजेशन के इस समय में देश विदेश में अच्छे रोजगार पाने के लिए लोग मातृभाषा को छोड़ विदेशी भाषा सीख रहे हैं। एकतरह से यह भी कह सकते हैं कि यह भी दुनिया में  मातृभाषाओं के लुप्त होने के पीछे यह एक प्रमुख कारण  है।

कितनी भाषाएं फिलहाल आंकड़ों में दर्ज?


United Nations के डेटा के अनुसार दुनियाभर में बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या करीब 6900 हैं, और इनमें से 90 % भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम है, लेकिन चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में बोली जाने वाली इन 6900 भाषाओं में से करीब 43 फीसदी भाषाएं संकटापन्न हैं। संयुक्त राष्ट्र के डेटा के मुताबिक दुनिया में हर हफ्ते एक भाषा गायब होती है और जिसके बाद दुनिया एक पूरी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को खो देती है।
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