Source: safalta
इनकी जयंती के अवसर पर बिरसा मुंडा जयंती मनाई जाती है, जिसे पिछले साल सरकार ने बिरसा मुंडा नाम को बदलकर जनजातीय गौरव दिवस रखा था। पूरे झारखंड में धरती आबा के नाम से जाने जाने वाले बिरसा मुंडा के जन्मदिन के अवसर पर झारखंड की स्थापना दिवस भी मनाया जाता है। झारखंड साल 2000 में बिहार से अलग होकर एक नया राज्य बना था। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download hereशिक्षा मंत्रालय में मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस
देशभर में शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सभी स्कूलों के साथ-साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। इस समारोह के दौरान बिरसा मुंडा एवं उनके जैसे और अन्य वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर, उनके योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा। शिक्षा मंत्रालय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उल्लेख करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालय, अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थान, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और केंद्रीय विद्यालय के सहयोग से शिक्षा मंत्रालय पूरे देश भर के शैक्षणिक संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस मनाएंगे। आदिवासी सेनानी जो देश के लिए जान की बाजी लगा दी, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम में सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा का नाम आता है। बिरसा मुंडा के अलावा और भी ऐसे गुमनाम आदिवासी स्वतंत्रता नायक हुए हैं जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दी है आइए जानते हैं इनके बारे में-
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी के बारे में
शहीद वीर नारायण सिंह
शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ में सोनाखान के गौरव माने जाते हैं, कहा जाता है कि उन्होंने साल 1856 के अकाल बाद व्यापारियों के अनाज के स्टॉक को लूट लिया और गरीबों में बांटा था। नारायण सिंह के बलिदान ने उन्हें आदिवासी नेता बनाया और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ राज्य के पहले शहीद बने। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
श्री अल्लूरी सीताराम राजू
आंध्र प्रदेश में भीमावरम के पास मोगल्लु नामक छोटे से गांव में श्री अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई 1897 को हुआ था, इन्होंने आदिवासी के अधिकारों के लिए जीवन भर लड़ाई लड़ी, अल्लूरी को अंग्रेजो के खिलाफ रंपा विद्रोह के नेतृत्व के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। इन्होंने विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी जिलों के आदिवासी लोगों को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए संगठित किया था। अल्लूरी सीताराम राजू को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा बंगाल के क्रांतिकारियों से मिली थी। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
रानी गोंडिल्यू
रानी गोंडिल्यू नगा समुदाय की आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेता थी। इन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया है। 13 साल की उम्र में यह अपने चचेरे भाई हाइपौ जादोनांग के हेराका धार्मिक आंदोलन में शामिल हुई थी। उनके नगा लिए लोगों की स्वतंत्रता की यात्रा स्वतंत्रता के लिए व्यापक आंदोलन का हिस्सा थी। मणिपुर क्षेत्र में महात्मा गांधी के संदेशों का प्रचार-प्रसार भी इन्होंने किया है।
सिद्धू और कान्हू मुर्मू
1857 के विद्रोह से 2 साल पहले संथाल भाइयों सिद्धू कान्हू मुर्मू ने 10,000 संथालों को इकट्ठा कर अंग्रेज के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की थी। आदिवासियों ने अंग्रेजों को अपनी मातृभूमि से भगाने के लिए शपथ ली। मुर्मू भाइयों की बहनों फूलों और झानो ने भी इस विद्रोह में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, झारखंड राज्य में स्वतंत्रता इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों की याद में हर साल 30 जून को हूल दिवस मनाया जाता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
November Current Affair E-Book | DOWNLOAD NOW |
October Current Affairs E-book | DOWNLOAD NOW |
September Month Current affair | DOWNLOAD NOW |
August Month Current Affairs 2022 | डाउनलोड नाउ |
Monthly Current Affairs July 2022 | डाउनलोड नाउ |