What is Finance Commission: वित्त आयोग क्या है ? वित्त आयोग के सदस्य, अध्यक्ष और कार्य के बारे में जानिए

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Thu, 28 Apr 2022 12:15 PM IST

Source: Safalta

वित्त आयोग एक संवैधानिक और अर्ध-न्यायिक निकाय है. हमारे भारतीय संविधान की अनुच्छेद संख्या 280 में वित्त आयोग से सम्बंधित प्रावधान का वर्णन है. वित्त आयोग की नियुक्ति हर 5 साल पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. यदि राष्ट्रपति चाहें (उन्हें आवश्यक लगे) तो 5 वर्ष के पूर्व भी वित्त आयोग की नियुक्ति की जा सकती है. वित्त आयोग में कुल 5 सदस्य होते हैं जिनमें से एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते हैं. वित्त आयोग के अध्यक्ष और चारों सदस्यों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा हीं की जाती है. और ये सभी राष्ट्रपति द्वारा दिए गए आदेश में उल्लिखित समय तक अपने पद पर बने रहते हैं. वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की पुनर्नियुक्ति भी की जा सकती है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.
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वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्य
वित्त आयोग के सदस्यों की योग्यता क्या होनी चाहिए और उनकी नियुक्ति के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाना चाहिए ये निर्धारित करने का अधिकार संविधान द्वारा संसद को दिया गया है.
संसद द्वारा वित्त आयोग के सदस्य बनने के लिए जो योग्यता निर्धारित की गयी है वो निम्नलिखित है –
  • वित्त आयोग के अध्यक्ष के पद पर उनकी नियुक्ति की जा सकती है जिनके पास सार्वजानिक मामलों (पब्लिक अफेयर्स) में अनुभव हो.इसके अलावा चार सदस्यों में से
  • एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होने चाहिए या फ़िर उनके पास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त होने लायक योग्यता होनी चाहिए. 
  • एक के पास अर्थशास्त्र (इकोनॉमिक्स) का विशेष ज्ञान होना चाहिए.
  • एक के पास सरकार के वित्त और लेखा (फाइनेंस और एकाउंट्स) से सम्बंधित विशेष ज्ञान होना चाहिए.
  • एक के पास वित्तीय मामलों और प्रशासन से सम्बंधित व्यापक अनुभव होना चाहिए.
वित्त आयोग के कार्य
वित्त आयोग का कार्य निम्नलिखित मामलों के सम्बन्ध में राष्ट्रपति को अनुशंसा करना होता है –
  • करों द्वारा प्राप्त आय जो कि केंद्र और राज्य के बीच में साझा की जाती है उसका वितरण कैसे किया जाए.
  • केंद्र और राज्य के बीच वितरण हो जाने के बाद राज्यों को इस आय की कितनी राशि का आवंटन किया जाए.
  • केंद्र द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले सहायता अनुदान (भारत की संचित निधि से) जिन सिद्धांतों को ध्यान में रख दिए जाते हैं उनसे सम्बंधित अनुशंसा करना.
  • राज्य की पंचायत और नगर पालिका को जो संसाधन उपलब्ध कराये जाते हैं उसका खर्च राज्य की संचित निधि द्वारा वहन किया जाता है. अगर राज्य का वित्त आयोग इस बात की अनुशंसा करे कि इस उद्देश्य के लिए राज्य की संचित निधि में वृद्धि की जाए तो यह वित्त आयोग का काम है कि वह राज्य की संचित निधि में कैसे वृद्धि की जाए इससे सम्बंधित उपाय बताये.    
  • इसके अलावा वित्त से सम्बंधित किसी भी अन्य मामले को अगर राष्ट्रपति द्वारा उद्घृत किया जाता है तो वित्त आयोग उससे सम्बंधित अनुशंसा भी करता है.
वित्त आयोग अपनी अनुशंसा से सम्बंधित रिपोर्ट राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत करता है. इसके बाद राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को उन अनुशंसा के बाद लिए गए निर्णय के एक व्याख्यात्मक ज्ञापन के साथ संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं.    

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वित्त आयोग की सलाहकार भूमिका
वित्त आयोग राष्ट्रपति के समक्ष जो भी अनुशंसा करता है वो सभी सिर्फ सलाह होती है. यानि की वित्त आयोग की सलाह किसी भी रूप में सरकार के ऊपर बाध्यकारी नहीं हो सकती. यह सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा को कार्यान्वयन में लाना चाहते हैं या नहीं.
दूसरे शब्दों में कहें तो हमारे संविधान के अनुच्छेद 281 में वित्त आयोग की अनुशंसा से सम्बंधित प्रावधान तो हैं लेकिन कहीं भी यह वर्णित नहीं है कि वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा सरकार पर किसी भी प्रकार से बाध्यकारी होगी.
इसके सम्बन्ध में चौथे वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पी. वी. राजमन्नार ने यह कहा था कि क्यूंकि वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है और इससे अपेक्षा की जाती है कि वह अर्ध-न्यायिक हो तो वित्त आयोग द्वारा राष्ट्रपति को जो भी अनुशंसा की जाती है भारत की सरकार को उसे गंभीरता से लेना चाहिए और बिना किसी दमदार वजह के उसकी अनुशंसा को पूर्णतः अस्वीकार नहीं करना चाहिए.      
नोट – अभी केंद्र में 15वां वित्त आयोग कार्य कर रहा है. इसका गठन 27 नवम्बर 2017 को किया गया था. 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री नन्द किशोर सिंह हैं.    
 

FAQ
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
1) प्रश्न – वित्त आयोग किस प्रकार का निकाय है ?
उत्तर – वित्त आयोह एक संवैधानिक और अर्ध-न्यायिक निकाय है.
2) प्रश्न – वित्त आयोग की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है और इसमें कितने सदस्य होते हैं ?
उत्तर – वित्त आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और इसमें एक अध्यक्ष और 4 सदस्य होते हैं.
3) प्रश्न – वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता और चयन प्रक्रिया किसके द्वारा निर्धारित की जाती है ?
उत्तर – वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता और चयन प्रक्रिया का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है,
4) प्रश्न – वित्त आयोग से सम्बंधित प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित हैं ?
उत्तर – वित्त आयोग से सम्बंधित प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 280 में वर्णित हैं.
5) प्रश्न – क्या वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी होती है ? क्या संविधान में इससे सम्बंधित कोई प्रावधान है ?
उत्तर – नहीं, वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है. संविधान में इससे सम्बंधित कोई भी प्रावधान नहीं है.
 
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वित्त आयोग किस प्रकार का निकाय है ?

वित्त आयोह एक संवैधानिक और अर्ध-न्यायिक निकाय है.

वित्त आयोग की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है और इसमें कितने सदस्य होते हैं ?

वित्त आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और इसमें एक अध्यक्ष और 4 सदस्य होते हैं.

वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता और चयन प्रक्रिया किसके द्वारा निर्धारित की जाती है ?

वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता और चयन प्रक्रिया का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है,

वित्त आयोग से सम्बंधित प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित हैं ?

वित्त आयोग से सम्बंधित प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 280 में वर्णित हैं.

क्या वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी होती है ? क्या संविधान में इससे सम्बंधित कोई प्रावधान है ?

नहीं, वित्त आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है. संविधान में इससे सम्बंधित कोई भी प्रावधान नहीं है.