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साथ ही सप्लाई के क्षेत्र में आने वाली समस्या का हल करने में समाधान होगा और माल ढुलाई में होने वाले इंधन की खपत को भी कम किया जा सकेगा। वर्तमान में भारत में लॉजिस्टिक यानी माल ढुलाई के लिए ज्यादातर सड़क, उसके बाद जल परिवहन और फिर हवाई मार्ग का प्रयोग किया जाता है। भारत अपनी जीडीपी का लगभग 13 से 14 परसेंट हिस्सा माल ढुलाई के ऊपर खर्च करता है। जबकि जर्मनी और जापान जैसे देश इसके लिए मात्र 8 से 9 परसेंट ही खर्च करते हैं। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद लॉजिस्टिक नेटवर्क को भी नई मजबूती मिलेगी और इस पर होने वाले खर्च की बचत होगी। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download hereलॉजिस्टिक यानी माल ढुलाई क्या है
भारत में दूरदराज गांवों, कस्बों में हर जगह सभी चीजें उपलब्ध नहीं होती है। खाने पीने से लेकर डीजल पेट्रोल जैसे छोटे से लेकर बड़े सामान तक के लिए व्यापारी को अपना माल, फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाले कच्चा माल, जरूरी इंधन और तमाम तरह की चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना पड़ता है। कभी-कभी यह दूरी कम होती है तो कभी-कभी यह दूरी बहुत लंबी होती है और इस क्षेत्र में एक बड़ा नेटवर्क काम करता है, जो चीजों को समय पर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है। जिसे माल ढुलाई का काम कहा जाता है। बड़े पैमाने पर लोगों और बिजनेसमैन की जरूरतों के समान विदेश से लाना और अपने पास अपने पास स्टोर करना शामिल है। इसके साथ ही सड़क से माल ले जाने की दूरी और तय जगह तक पहुंचाने में टोल टैक्स, रोड टेक्स आदि विकसित देशों में लॉजिस्टिक नीति के सरल पद्धति के चलते आसान है और कम खर्चीला है। लेकिन भारत में यह महंगा है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
नई लॉजिस्टिक पॉलिसी क्या है
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी में सिंगल रेफरेंस प्वाइंट बनाया गया है जिसमें अगले 10 सालों में लॉजिस्टिक सेक्टर की लागत को 10 परसेंट तक लाना है। जो कि वर्तमान में जीडीपी के 13 से 14 परसेंट तक है। वर्तमान में माल ढुलाई का ज्यादातर काम सड़क के माध्यम से हो रहा है इस पॉलिसी के अंतर्गत अब माल ढुलाई का काम रेल ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ शिपिंग और एयर ट्रांसपोर्ट से भी संभव होगा। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सड़क में बड़े-बड़े ट्रकों के कम चलने से ट्रैफिक कम होगा और साथ ही दूसरे इंधन की भी बचत की जाएगी। इससे व्यापारी का पैसा और समय दोनों बचेगा। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
विश्व बैंक लॉजिस्टिक इंडेक्स 2018 का रिपोर्ट क्या है
इस इंडेक्स के अनुसार दुनिया के बड़े देश के मुकाबले भारत माल ढुलाई के क्षेत्र में खर्च करने वाले के स्थान में 44 से स्थान पर है इसका अर्थ है कि भारत डिवेलप देश जैसे अमेरिका चीन जापान देशों से बहुत पीछे हैं। लॉजिस्टिक के खर्च के मामले में जर्मनी नंबर वन है, यहां पर माल ढुलाई के क्षेत्र में सबसे कम खर्च किया जाता है।सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
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