National Strategy on Additive Manufacturing: भारत में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति  की घोषणा की गई

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 25 Feb 2022 07:52 PM IST

Highlights

1.यह नीति 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के सिद्धांतों पर बना है जो उत्पादन प्रतिमान (production model)में तकनीकी परिवर्तन के माध्यम से देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।
2.इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 साल के अंदर ग्लोबल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भारत की शेयर को बढ़ाकर 5% करना चाहता है।
3.देश में 2025 तक Gross Domestic Product को 1 बिलियन अमरीकी डालर तक जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।

Source: Safalta

National Strategy on Additive Manufacturing: भारत में  में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  ने भविष्य के digital manufacturing की अगली पीढ़ी के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति ( Additive Manufacturing) की घोषणा की गई।

इस लेख के मुख्य बिंदु 

1.यह नीति 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के सिद्धांतों पर बना है जो उत्पादन प्रतिमान (production model)में तकनीकी परिवर्तन के माध्यम से देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।
2.इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 साल के अंदर ग्लोबल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भारत की शेयर को बढ़ाकर 5% करना चाहता है
3.देश में 2025 तक Gross Domestic Product को 1 बिलियन अमरीकी डालर तक जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
4.एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुसार, भारत 2025 तक कुछ लक्ष्यों तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें मशीनों, सामग्रियों और नए सॉफ्टवेयर के लिए 50 भारत-specific technology का निर्माण करेगी, 100 नई Additive Manufacturing Firm Start-up और 500 नए उत्पादन शामिल हैं।
5.इन सभी नए स्टार्ट-अप और नए अवसरों के जरिए से Ministry of Electronics and Information Technology ने तीन साल की अवधि में कम से कम 1,00,000 नए कुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करना  है।
6. भारत की आईटी शक्ति का लाभ उठाना: वर्तमान में भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री काफी अच्छी स्थिति में है और कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना 'डिजिटल इंडिया' के हिस्से के रूप में अच्छी तरह से सरकुलेट हो रही है।
7. यह छोटे शहरों में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के निर्माण और प्रमुख शहरों के बाहर इंडस्ट्रियल विकास को बढ़ावा देगा।

एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग क्या है?

3D प्रिंटिंग, जिसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) के रूप में भी जाना जाता है, यह  उत्पादों के प्रोटोटाइप या मॉडल बनाने की एक विधि है जो resins, plastics, metals, thermoplastics, ceramics और fibers जैसी सामग्रियों की परतों को बिछाकर चीज़ों का बनाती है।
प्रिंट किया जाने वाला मॉडल कंप्यूटर द्वारा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके बनाया जाता है, जिसे बाद में 3D प्रिंटर को निर्देश भेजा जाता है।

 3डी प्रिंटिंग का उपयोग कैसे किया जाता है

 3डी प्रिंटिंग का पारंपरिक रूप से आज तक प्रोटोटाइपिंग के लिये प्रयोग किया जाता  है। 3D प्रिंटिंग में prosthetic devices, stents, dental crowns, automobile parts और consumer goods आदि बनाने की बहुत गुंज़ाइश है।