इस लेख के मुख्य बिंदु
1.यह नीति 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के सिद्धांतों पर बना है जो उत्पादन प्रतिमान (production model)में तकनीकी परिवर्तन के माध्यम से देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।2.इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 साल के अंदर ग्लोबल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भारत की शेयर को बढ़ाकर 5% करना चाहता है।
3.देश में 2025 तक Gross Domestic Product को 1 बिलियन अमरीकी डालर तक जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
4.एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुसार, भारत 2025 तक कुछ लक्ष्यों तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें मशीनों, सामग्रियों और नए सॉफ्टवेयर के लिए 50 भारत-specific technology का निर्माण करेगी, 100 नई Additive Manufacturing Firm Start-up और 500 नए उत्पादन शामिल हैं।
5.इन सभी नए स्टार्ट-अप और नए अवसरों के जरिए से Ministry of Electronics and Information Technology ने तीन साल की अवधि में कम से कम 1,00,000 नए कुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करना है।
6. भारत की आईटी शक्ति का लाभ उठाना: वर्तमान में भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री काफी अच्छी स्थिति में है और कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना 'डिजिटल इंडिया' के हिस्से के रूप में अच्छी तरह से सरकुलेट हो रही है।
7. यह छोटे शहरों में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के निर्माण और प्रमुख शहरों के बाहर इंडस्ट्रियल विकास को बढ़ावा देगा।