Nepal's population growth records lowest in 80 years: 8 दसक में नेपाल की जनसंख्या में हुई सबसे कम वृद्धि

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 28 Jan 2022 08:44 PM IST

Highlights

विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.01 प्रतिशत है।
जारी आंकड़ों के अनुसार नेपाल में महिलाओं की आबादी 14,901,169 जबकि पुरुषों की संख्या 14,291,311 है।

Source: social media

Nepal's population growth:बुधवार को समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट ने  यह खबर जारी किया है कि 2021 में नेपाल में जनसंख्या वृद्धि दर विश्व स्तर पर जनसंख्या की औसत वृद्धि दर से कम है। जिसके बाद  इसे केंद्रिय सांख्यिकी ब्यूरो ने पब्लिक किया है।
नेपाल की जनसंख्या में बीते 80 सालों में सबसे कम वृद्धि देखी गई है, यानी 0.93 परसेंट तक। खबर में केंद्रिय सांख्यिकी ब्यूरो के उप महानिदेशक हेमराज रेग्मी ने बयान जारी किया है कि , 2021-2022 में ''नेपाल की जनसंख्या 29,192,480 तक पहुंच गई है। इसकी प्रमुख कारण नौकरी और पढ़ाई के लिए नेपालियों का विदेशों मे प्रवास करना है।'' आपको बता दें कि नेपाल 1911 से  आज तक हर 10 साल में राष्ट्रीय जनगणना करता आ रहा है।


नेपाल की जनगणना रिपोर्ट

  • विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.01 प्रतिशत है।
  • जारी आंकड़ों के अनुसार नेपाल में महिलाओं की आबादी 14,901,169 जबकि पुरुषों की संख्या 14,291,311 है।
  • नेपाल की राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसी ने साल 2021 में नवंबर महिने में आयोजित राष्ट्रीय जनगणना के प्रारंभिक स्टैटिक्स का अनावरण करते हुए कहा कि नेपाल की एवरेज एनुअल पॉपुलेशन में 0.93 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। ब्यूरो ने कहा कि इस साल जनसंख्या वृद्धि 80 साल में सबसे कम है।

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हेमराज रेग्मी का बयान


रेग्मी ने कहा, ''2011 में हुई आखरी जनगणना में औसत जनसंख्या वृद्धि दर 1.35 परसेंट थी। 2011 की जनगणना के दौरान नेपाल की जनसंख्या कुल 26,494,504 थी।'' जनगणना आंकड़ों के अनुसार, 2,169,478 नेपाल की जनसंख्या विदेश में रह रहे हैं। जिसमें 81.28 प्रतिशत पुरुष हैं। रेग्मी ने अपने बयान में आगे कहा कि नेपाल में जनसंख्या वृद्धि दर अगर विश्व स्तर पर देखें तो  जनसंख्या की औसत वृद्धि दर अन्य देशों से कम है।

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नेपाल सरकार ने लिपुलेक, कालापानी और लिंपियाधुरा की भी जनगणना की है। 


''My Republic'' पोर्टल की खबर के अनुसार CBS के महानिदेशक नबीन लाल श्रेष्ठ ने कहा कि उन्होंने लिपुलेक, कालापानी और लिंपियाधुरा की जनगणना भी की और विस्तृत जानकारी के लिए अभी इंतेजार कर रहे हैं। नेपाल के मंत्रिमंडल ने पिछले साल 2021 में  मई में, भारत के साथ सीमा विवाद के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र में दिखाने वाले एक नए राजनीतिक मैप को सपोर्ट किया था।

इसपर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ''एकतरफा कार्रवाई'' कहा था और काठमांडू को आगाह किया था कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा आर्टिफिशियल एक्सटेंशन भारत स्वीकार्य नहीं करेगा। आपको बता दें कि भारत ने भी नवंबर 2019 में नया मैप पब्लिश किया था, जिसमें उसने इन इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया था।