Operation AAHT : ऑपरेशन आहट क्या है?

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Wed, 09 Feb 2022 01:45 PM IST

Highlights

1.इस ऑपरेशन में रेलवे मंत्रालय RPF की टीम को लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष सुरक्षा बल तैनात करेगी।
2.राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, हर साल 2,200 नए तस्करी के मामले दर्ज किए जाते हैं।

Source: social media

 
Operation AAHT :रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force – RPF) ने भारतीय रेलवे में होने वाले मानव तस्करी को रोकने के लिए ऑपरेशन आहट शुरू किया है। यह मुख्य रूप से उन ट्रेनों पर ध्यान देगा जो सीमावर्ती देशों से चल रही हैं, जैसे म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश।
यह ऑपरेशन भारतीय रेल मंत्रालय के तहत किया जा रहा है। रेलवे सुरक्षा बल RPF रेल मंत्रालय के तहत कार्य करता है।

ऑपरेशन आहट क्या है, और यह कैसे काम करता है?

इस ऑपरेशन में रेलवे मंत्रालय RPF की टीम को लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष सुरक्षा बल तैनात करेगी। यह ऑपरेशन मुख्य रूप से तस्करों से औरतों और बच्चों को बचाने के लिए सभी लंबी दूरी के ट्रेन में RPF के जवान तैनात किए जाएंगे । भारतीय रेलवे कुल 21,000 ट्रेनों का संचालन करता है। RPF के अनुसार, ज्यादातर महिलाओं और बच्चों की तस्करी के लिए तस्कर ज्यादातर रेलवे परिवहन को चुनते हैं।
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यह ऑपरेशन कैसे संचालित होगा?

 इस ऑपरेशन के तहत RPF की टीम  तस्करों के खिलाफ  सुराग जुटाएगा, और जांच पड़ताल कर सभी सुरागों का विश्लेषण करेगा। मुख्य रेलवे मार्ग जहां तस्करी होती है, पीड़ित, स्रोतों, लक्ष्य , लोकप्रिय ट्रेनों की लिस्ट एकत्र की जाएगी। RPF की टीम इस ऑपरेशन के लिए अपनी खुफिया टीम का इस्तेमाल करेगी। इस ऑपरेशन के तहत इक्कठा किए गए सभी विवरण को अन्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ शेयर किया जाएगा। ट्रेन तस्करी मामले में RPF की टीम  स्थानीय पुलिस की सहायता करेगी। इस ऑपरेशन के तहत साइबर सेल बनाये जायेंगे। जिसमें म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश से चलने वाली ट्रेनों पर अधिक ध्यान केंद्रीत किया जायेगा।
 
 

इस ऑपरेशन की जरूरत क्यों पड़ी 

देश में रेलवे परिवहन में महिलाएं और बच्चे यौन शोषण, घरेलू दासता और जबरन विवाह के लिए मानव तस्करी के प्रमुख शिकार हो रहें हैं। साथ ही, अंग ट्रांसप्लांट, नशीली दवाओं की हेरफेर आदि के लिए मानव तस्करी तेजी से हो रही है। तस्करी किए गए लोगों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है। मुख्य रूप से इन तस्करी किये गए लोगों से सर्कस में काम करवाया जाता है, भीख मांगवाया जाता है, अवैध रूप से गोद लेने, मनोरंजन उद्योग आदि में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
 

देश में कितने तस्करी केस रजिस्टर हुए हैं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, हर साल 2,200 नए तस्करी के मामले दर्ज किए जाते हैं। 2011 में, भारत सरकार ने UNTOC की लागु किया था। UNTOC (United Nations Conventions against Transnational Organised Crime) प्रोटोकॉल में मानव तस्करी की रोकथाम, दमन और दंड देना शामिल है। RPF  ने 2017 से 2021 के बीच 2000 से अधिक महिलाओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया था।
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