क्या है परय शिक्षालय
इस योजना में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस योजना के पाठ्यक्रम में छात्रों को पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की जाएगी।परय शिक्षालय योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी
नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार 2010-11 में प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर 6.61% थी।Source: social media
कोरोना महामारी के बाद, पूरे भारत में स्कूलों में आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है, महामारी के पहले बच्चे अच्छे दर से स्कुलों में भर्ती ले रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में अभी तक इंटरनेट सेवाएं नहीं हैं। इस स्थिति में, प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को लाने के लिए ओपन रूम क्लासरूम सबसे अच्छा तरीका है। यह योजना सरकार के लिए किफायती है। बंगाल सरकार अपनी परय शिक्षालय योजना को लागू करने के लिए विश्व बैंक और IMF से कर्ज ले रही है।पश्चिम बंगाल में शिक्षा की क्या स्थिती है
राज्य में साक्षरता दर क्या है
पश्चिम बंगाल में सभी निर्देश मुख्य रूप से बंगाली या अंग्रेजी में दी जाती हैं। मध्य कोलकाता में, उर्दू का भी उपयोग किया जाता है। यह राज्य मुख्य रूप से अपनी उच्च शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। राज्य में साक्षरता दर 2001 में 68.64% से बढ़कर 2011 में 77.08% हो गया है। महिला साक्षरता दर 70.54% और पुरुष साक्षरता दर 81.69% है। राज्य के शीर्ष साक्षर जिले के लिस्ट में पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल, कोलकाता, हावड़ा और हुगली आते हैं । आज तक बंगाल राज्य में 10+2+3 शिक्षा पद्धति लागु है। नई शिक्षा नीति, 2020 के अनुपालन के लिए, राज्य के शिक्षा पैटर्न को 5+3+3+4 में बदला जा सकता है।
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