RBI Monetary policy committee : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक में की दस प्रमुख घोषणाएं

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Thu, 10 Feb 2022 05:18 PM IST

Highlights

  • खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान।
  • वित्त वर्ष 2022 में इसके 5.3 फीसदी रहने का अनुमान।
  • रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

Source: social media

RBI Moneytry policy committe :भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 10 फरवरी 2022 कोअपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति के फैसलों की घोषणा की है। आरबीआई  की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने रेपो रेट (RR), रिवर्स रेपो रेट (RRR), बैंक रेट BR और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी (MSF) रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
केंद्रीय बैंक की एमपीसी ने नीतिगत दरों में लगातार दसवीं बार कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की विस्तार से जानकारी दी। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट चार फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर पूर्वानुसार रखा है। केंद्रीय बैंक ने इसके पहले आखिरी बार 22 मई, 2020 को पॉलिसी रेट में बदलाव किए थे। एमपीसी ने 5:1 के बहुमत से इकनॉमिक ग्रोथ और रिकवरी को बनाए रखने के लिए अनुकूल रुख बनाए रखा है।
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास  की दस प्रमुख घोषणाएं..

1. रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
2. विकास-समर्थक रुख टिकाऊ रिकवरी के संकेत दिखने तक जारी रहेगा
3. वित्त वर्ष 2023 में ये अनुमान लगाए जा रहे हैं-
  • खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान।
  • वित्त वर्ष 2022 में इसके 5.3 फीसदी रहने का अनुमान।
  • रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
4. 14-दिवसीय अवधि की परिवर्तनीय दर रेपो और परिवर्तनीय दर प्रतिवर्ती रेपो नीलामियां मुख्य चलनिधि प्रबंधन उपकरण के रूप में कार्य करेंगी
5. 1 मार्च से फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो और MSF ऑपरेशन हर दिन शाम 5:30 बजे से रात 11:59 बजे तक उपलब्ध होंगे।
6. ई-रुपये प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर कर दी गई है और अब इसे एक से अधिक बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह की सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
 8. हेल्थकेयर के लिए ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो 30 जून तक बढ़ाई गई।
9. स्वैच्छिक प्रतिधारण योजना  के तरह लिमिट 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई।
10.  लोन की किस्त नहीं बढ़ेगी, आरबीआई ने नहीं बदला रेपो रेट।
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