26 January: विश्व भर में भारत का नाम रौशन करने वाली भारतीय बेटियों की अनकही कहानियां

Safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Wed, 26 Jan 2022 01:10 PM IST

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देश के स्वतंत्र होने के बाद से लेकर अब तक यानी 2022 तक भारतीय महिलाएं अपने कला और कौशल के बलभूते पर विश्व  में अपना और देश का नाम रौशन कर रही हैं।

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देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, हर साल देश 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम से इस राष्ट्रीय पर्व को मनाता है। अपकों बता दें कि भारत के स्वतंत्र होने के बाद जब भारत का संविधान बन रहा था तब देश के 15 महिलाओं ने इसे बनने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
देश के स्वतंत्र होने के बाद से लेकर अब तक यानी 2022 तक भारतीय महिलाएं अपने कला और कौशल के बलभूते पर विश्व  में अपना और देश का नाम रौशन कर रही हैं। इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर चलिए अपने देश की उन बेटियों के बारें में बात करते हैं जो विश्व में अपने सशक्तिकरण का झंडा लहरई हैं। विश्व के सामने अपना लगन, मेहनत और जज्बे के बलभूते पर अपना और देश का नाम रौशन कर देशवासियों का सर आज तक गर्व से उठाते रही है।

अरुणिमा सिन्हा

आज तक माउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर कई लोगों ने जीत का परचम लहराया होगा। लेकिन 2013 में पहली बार जब भारत की दिव्यांग महिला अरुणिमा सिन्हा ने मउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर विश्वभर में भारतीय महिलाओं के योग्यता और शक्ति का परिचय दिया था, तब अरुणिमा देश में सभी महिलाओं की प्रेरणा बन गई। आपको बता दें साल 2011 में ट्रेन में सफर के दौरान कुछ बदमाशों ने अरुणिमा को चलती ट्रेन से बाहर फेक दिया था, जिसके बाद अरुणिमा ने अपना एक पैर उस हादसे में खो दिया था और वो बांए पैर से अपंग हो गई थी। जिसके बाद साल 2013 में  अरुणिमा ने माउंट एवरेस्ट पर अपने जीत का तिरंगा लहरा कर पूरे देशविसियों का सर गर्व से उंचा किया। इसके बाद अरुणिमा माउंट विंसन पर तिरंगा फहरा कर विश्व में इतने ऊंचे पर्वत पर तिरंगा फहराने वाली पहली दिव्यांग महिला बनी। आपको बता दें कि अरुणिमा वॉलीबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं और उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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कल्पना चावला

आप सबको पता होगा कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला हैं। आज भारत तकनीकी की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। भारत के साथ ही देश की महिलाओं की भागीदारी भी तकनीकी और विज्ञान की तरफ उतनी ही बढ़ रही है। कल्पना चावला इस दिशा में पहला कदम रखने वाली भारत की पहली महिला हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे देश का सर गर्व से ऊंचा हुआ था। भले ही आज कल्पना हमारे बीच नहीं हैं पर देश की इस बेटी के कार्य पर पूरे देश को नाज़ है।

अवनी चतुर्वेदी

MP के रीवा क्षेत्र से आई अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली महिला फाइटर पायलट हैं। अवनी के साथ ही मोहना सिंह और भावना कांत को भी भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रन चुना गया था।  आपको बता दें कि  इन तीन महिलाओं के चयन से पहले भारतीय वायुसेना में किसी भी महिला को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत नहीं थी।साल 2018  में जब अवनी नेअकेले MIG-21 लड़ाकू विमान उड़ाया था।  उसके बाद अवनी पहली भारतीय महिला पायलट बन गईं। इस समय भारत के बेड़े में सबसे दमदार लड़ाकू विमान राफले शामिल हो गया है, जिसे उड़ाने के लिए पहली महिला पायलट के तौर पर शिवांगी सिंह का चयन किया गया है। शिवांगी सिंह नौसेना की पहली महिला पायलट हैं। ये चारों महिलाएं हमारे देश के सेना में रह कर देश की बेटियों का मान बढ़ा रही हैं। साथ ही बहुत सी महिलाओं के लिए प्रेरेणा बनी हैं।

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गीता गोपीनाथ

 गीता गोपीनाथ साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में पहली भारतीय मुख्य अर्थशास्त्री की नियुक्त हुई थी। गीता ने हार्वर्ड से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की है। आपको बतां दें कि गीता गोपीनाथ का नाम मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बाद हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग में स्थायी सदस्यता हासिल करने वाली दूसरी भारतीय नागरिक हैं। इसके अलावा इन्होंने साल 2011 के वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की ओर से यंग ग्लोबल लीडर का खिताब  अपने नाम किया है। 2014 में  (IMF) द्वारा जारी की गई दुनिया के 25 शीर्ष के अर्थशास्त्रियों की लिस्ट में गीता गोपीनाथ का भी नाम शामिल है।