इस ऑपरेशन के तहत रेल और रेलवे स्टेशन में खोय हुए या अकेले बच्चों को उनके घर वालों से मिलवाना और तस्करों से उन्हें बचाना है। भारतीय रेलवे में हर रोज बच्चे या ते अपने परीवार से बिछड़ जाते हैं या तो किडनैप हो जाते हैं ऐसे में आरपीएफ के सुरक्षा बल इन बच्चों की सहायता करते हैं।
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Source: Safalta
रेलवे के मुताबिक, इस समय में देश के 132 रेलवे स्टेशनों पर बच्चों के लिए हेल्पडेस्क कार्यरत हैं।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
इस लेख के मुख्य बिंदु
- यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी RPF को सौंपी गई है।
- इस साल जनवरी 2022 में आरपीएफ बल ने 1,045 बच्चों को बचाया है जो स्टेशन और रेल में अकेले पाए गए थे या रेलवे स्टेशनों पर छोड़ दिए गए थे।
- इस अभियान में बचाए गए बच्चों में 701 लड़के और 344 लड़कियां थीं।
- RPF के रिपोर्ट के अनुसार हर साल रेलवे स्टेशनों से कई बच्चों को किडनैप कर लिया जाता है। जिनका बाद में शोषण और तस्करी कर बेच दिया जाता है।
- वर्तमान में, देश के 132 रेलवे स्टेशनों पर child help desk मौजूद हैं। जो कि रेल में तस्करी रोकने में मुख्य भूमिका अदा कर रहे हैं।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के अलावा रेलवे द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए अन्य पहल
- ऑपरेशन महिला सुरक्षा – भारतीय रेलवे “ऑपरेशन महिला सुरक्षा” के तहत रेलवे इसमें अकेली यात्रा कर रही महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- मेरी सहेली दस्ते – रेलवे सुरक्षा बल ने जनवरी 2022 के महीने में प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर “मेरी सहेली” दस्ते को तैनात किए हैं । इसमें भी बड़े और भीड़ रेलवे स्टेशनों में अकेली महिला के सुरक्षा के लिए या उनकी किसी भी प्रकार से मदद करने के लिए इस दस्ते को तैनात किया है। “मेरी सहेली” दस्ते को भारतीय रेलवे के लगभग 13,000 ट्रेनों में शामिल किया गया था।
- मिशन जीवन रक्षा – “मिशन जीवन रक्षा” के तहत, RPF कर्मियों ने जनवरी 2022 में 20 पुरुषों और 22 महिलाओं सहित 42 लोगों को बचाया है।
- ऑपरेशन यात्री सुरक्षा – “ऑपरेशन यात्री सुरक्षा” के तहत, रेलवे सुरक्षा बल ने यात्री अपराध के खिलाफ राज्य पुलिस का भी सहयोग करते है। आरपीएफ ने इसी अवधि में 300 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो 254 यात्री-संबंधी अपराधों में शामिल थे।
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