Russia and Ukraine dispute: जानिए रसिया और यूक्रेन के बीच विवाद का मुख्य कारण क्या है

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Thu, 24 Feb 2022 05:18 PM IST

Highlights

  • रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे इस विवाद की जड़ नाटो है।
  • रूस के समर्थक राष्ट्रपति को अपदस्थ करना

Source: Safalta

Russia and Ukraine dispute: रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से बना तनाव का माहौल बना हुआ था जो कि आज यानी  गुरुवार 24 फरवरी 2022 को  एक भीषण युद्ध के रूप में बदल गया है। इन दोनों देशों के बीच के तनाव के चलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर अपने सेना बल को सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दे दिया है। Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे
 

आइये जानते हैं इन मुख्य 5 बिंदुओं से कि आखिरकार क्यों रसिया ने यूक्रेन पर क्यों हमला कर दिया है। 


1. रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे इस विवाद की जड़ नाटो है।


रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे इस विवाद का मुख्य कारण नाटो है।
नाटो यानी नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन NATO जिसे 1949 में शुरू किया गया था। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है लेकिन  रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो।  रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन भी नाटो में शामिल हो जाता है तो नाटो देशों के सैनिक और ठिकाने सभी उसकी बॉर्डर के पास आ जायेंगे।


नाटो या नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन क्या है?

यह  अमेरिका, कनाडा और कई पश्चिमी यूरोपीय देशों द्वारा 4 अप्रैल, 1949 को उत्तरी अटलांटिक संधि या वाशिंगटन संधि के  द्वारा  ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में  स्थापित एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, जो 1949 के समय सोवियत संघ के खिलाफ देश को सामूहिक सुरक्षा देने के उदेश्य से नाटो का गठबंधन किया गया था। इसका हेडऑफिस ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है।


2.यूक्रेन पश्चिमी देशों के हाथों की कठपुतली


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन अब एक संप्रभु देश नहीं रह गया है बल्कि वह पश्चिमी देशों की हाथों की कठपुतली बन के रह  गया है, यूक्रेन अब पश्चिमी देशों के अनुसार ही निर्णय लेता है।


3.यूक्रेन का डिमिलिट्राइज न होना


तीसरा मुखय कारण यह है कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से इस बात की पुष्टी करने को कहा था कि वह नाटो की सदस्यता नहीं लेगा, और वह खुद को डिमिलिट्राइज करेगा इसके साथ ही वह एक तटस्थ राष्ट्र के रूप में काम करेगा, लेकिन यूक्रेन ने रूस की बात नहीं मानी जिसके चलते रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है।


4. 2014 में भी हुआ था युद्ध

एक पूर्व सोवियत गणराज्य के रूप में यूक्रेन के रूस के साथ गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। यही वजह है कि यूक्रेन में व्यापक स्तर पर रूसी भाषा बोली जाती है। लेकिन 2014 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई थी। और यही दरार अब तक कायम थी जो कि अब एक भयंकर युद्ध में बदल चुकी है।

5.रूस के समर्थक राष्ट्रपति को अपदस्थ करना

2014 में रूस ने यूक्रेन पर इस लिए हमला किया था जब यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति को 2014 में पद से हटा दिया गया था, इस बात से रूस आज तक यूक्रेन से खफा था और आज 7 साल बाद एक बार फिर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार तब से अभी तक पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही घटनाओं ने 14 हजार से अधिक जानें ले ली हैं।
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