सम्मेलन का उद्देश्य क्या है?
भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है, जो भारत सेमीकंडक्टर मिशन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।"इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन" और "सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम" क्या है?
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission (ISM)) डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग है, जिसके पास सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए रणनीति तैयार करने के लिए प्रशासनिक और financial autonomy है। मार्च 2022 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी।Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
इस मिशन का कुल परिव्यय क्या है?
कुल वित्तीय परिव्यय 76,000 करोड़ रुपये है, जिसका वहन केंद्र सरकार करेगी।
Source: Safalta
सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत कौन - कौन सी योजनाएं हैं?
1.सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना के लिए योजना।2.डिस्प्ले फैब की स्थापना के लिए योजना।
3.कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स / सिलिकॉन फोटोनिक्स / सेंसर फैब और सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) सुविधाओं की स्थापना के लिए योजना
4.डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना।
भारत में semiconductor ecosystem की स्थिति क्या है?
भारत के पास दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। भारत में अर्धचालकों की खपत 2030 तक 110 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है।April Month Current Affairs Magazine- DOWNLOAD NOW
सेमी-कंडक्टर सप्लाई चैन पर रूस-यूक्रेन युद्ध का क्या प्रभाव है?
रूस-यूक्रेन युद्ध ने नियॉन और हेक्साफ्लोरोबुटाडीन गैसों की आपूर्ति को प्रभावित किया है, जो सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण के लिए आवश्यक तत्व हैं। यूक्रेन और रूस नियॉन और हेक्साफ्लोरोबुटाडीन गैसों के प्रमुख स्रोत हैं। इस प्रकार, युद्ध के कारण इसकी सप्लाई पर प्रभाव पड़ा है।सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
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