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दुनिया भर में स्टील का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, दुनिया के 193+ देशों में से केवल 64 देश ही महत्वपूर्ण मात्रा में स्टील का उत्पादन करते हैं। इन 64 देशों ने 2020 में दुनिया के 98% स्टील का प्रोडक्शन किया। कोविड महामारी के चलते हुए भी मात्र 1 प्रतिशत ही स्टील के उत्पादन में गिरावट हुई थी। 2021 के डाटा के अनुसार ग्लोबल स्टील प्रोडक्शन 1,950.5 मिलियन टन तक पहुंच गया है।
विश्व के टॉप 5 स्टील प्रोडक्शन देश - 2021 में मिलियन टन (माउंट):
चीन - 1,032.8
भारत - 118.1
जापान - 96.3
संयुक्त राज्य - 86.0
रूस - 76.0 (अनुमानित)
इस्पात उत्पादन और पर्यावरण पर इसका प्रभाव
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (US Energy Information Administration) के अनुसार, स्टील प्रोडक्शन दुनिया के सबसे अधिक एनर्जी इंटेंसिव और कार्बन रिच इंडस्ट्री में से एक है। 2020 में, स्टील का प्रोडक्शन सभी ग्लोबल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 7% के लिए जिम्मेदार है। कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के एटमॉसफियर में सबसे आम ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग में अपना मुख्य योगदान देता है।Monthly Current Affairs May 2022 Hindi
सबसे अधिक स्टील का उत्पादन करने वाले शीर्ष 5 देश
चीन
1990 में, चीन जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और USSR को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में केवल चौथा सबसे बड़ा स्टील प्रोडक्शन देश है।
आज, चीन स्टील प्रोडक्शन के क्षेत्र में दुनिया का सर्वाधिक प्रोडक्शन करने वाला देश बन गया है।
बड़े पैमाने पर, राज्य के स्वामित्व वाली स्टील कंपनियों के निपटान में, चीन के पास संयुक्त राज्य अमेरिका की स्टील प्रोडक्शन क्षमता का लगभग 10 गुना है।
हालांकि, यहां तक कि सबसे आधुनिक स्टील-मैन्युफैक्चरिंग टैक्नॉलजी ग्रीनहाउस गैसों और अन्य एयर पॉल्यूशन की पर्याप्त मात्रा में रिलीज करती हैं, जो 2060 तक कार्बन-तटस्थ बनने के चीन के लक्ष्य के खिलाफ काम करती हैं।
नतीजतन, चीन ने स्टील प्रोडक्शन में कटौती करके प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया है।
चीन का —2021 का टोटल प्रोडक्शन 2020 की तुलना में कम है।
भारत
भारत 2019 में दुनिया में स्टील का दूसरा सबसे बड़ा प्रोड्यूसर बनने के लिए जापान से आगे निकल गया है, और अपने स्टील इंडस्ट्री की क्षमता, दक्षता और मॉडर्नाइजेशन का विस्तार करना जारी रखा है। भारत के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि देश में स्टील प्रोजक्शन के लिए कोई निर्धारित सालाना लक्ष्य तय नहीं रखा है जो कंपनियां कमर्शियल आइडिया और बाजार की जरूरतों के आधार पर स्टील प्रोडक्शन पर निर्णय लेती हैं।जापान
कई डेवलप्ड देशों की तरह, जापान carbon neutrality हासिल करने के लिए लगातार काम कर रहा है। जापान ने इस्पात उद्योग को जानबूझकर कम किया है ताकी वह कार्बन न्यूट्रेलिटी के लक्ष्य को पा सके, जो एयर पॉल्यूशन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके अतिरिक्त, जबकि चीनी स्टील को कभी जापानी स्टील से हीन माना जाता था, अब यह अंतर काफी कम हो गया है, जिससे चीन निर्यात बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो गया है। डोमेस्टीक लेवल पर, जापान के कंस्ट्रक्शन एरिया में इस्पात की सबसे अधिक मांग है, इसके बाद इंडस्ट्रियल मशीनरी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री हैं। जहाज कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में डिमांड कम था जो धीरे धीरे बढ़ते जा रही है।अमेरिका
हालांकि आकार के मामले में दुनिया में "केवल" चौथा, यू.एस. स्टील उद्योग कई अन्य बड़े कॉम्पीटीटर की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल और तकनीकी रूप से इनोवेटिव है। नतीजतन, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टील प्रोडक्शन में अन्य देशों की तुलना में -विशेष रूप से चीन, भारत और रूस में प्रोडक्शन की तुलना में उत्पादित स्टील के प्रति टन 320% कम कार्बन जारी करते हैं। यीएसए में वर्तमान में उत्पादित 60% से अधिक स्टील रॉ ओर के बजाय सोर्स मटेरियल के रूप में उपयोग के लिए स्क्रैप मेटल का रिसायकल करता है।रूस
रूस के पास केवल ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयरन ओर भंडार है, और यह आयरन ओर और स्टील दोनों के दुनिया के मेन एक्पोर्टर्स में से एक है। सोवियत संघ के अलग होने के बाद से रूस में स्टील प्रोडक्शन में कमी आई है, लेकिन इसका मुख्य कारण इस फैक्ट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है कि सोवियत संघ के कुछ सबसे अधिक स्टील प्रोडक्शन एरिया अब रूस से अलग हैं, जैसे कि यूक्रेन।सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
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