26-09-2022
Bharat Vidya, E-Learning Platform, भारत विद्या क्या है, जाने विस्तार से
Bharat Vidya, E-Learning Platform : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 21 सितंबर 2022 को पुणे में ओरिएंटल और दक्षिण एशियाई अध्ययन के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भारत विद्या (E-Learning Platform) का शुभारंभ किया है, जो कि ओरिएंटल और दक्षिण एशियाई अध्ययन के लिए एक ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म है।
Source: Safalta
भारत विद्या को भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, BORI द्वारा डिजाइन और डिवेलप किया गया है। भारत विद्या अपनी तरह का पहला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो आर्ट, वस्तुकला, दर्शन, भाषा और विज्ञान के बारे में इंडोलॉजी के अलग अलग एस्पेक्ट को कवर करने वाले फ्री और पेड दोनों सिलेबस की पेशकश करता है।भारत विद्या के पाठ्यक्रम के बारे में
भारत विद्या में शुरुआत में 6 पाठ्यक्रम शामिल होंगे, जिनमें वेद विद्या, भारतीय दर्शनशास्त्र, संस्कृत शिक्षा, महाभारत के 18 पर्व, पुरातत्व के मूल सिद्धांत और कालिदास एवं भाषा जैसे पाठ्यक्रम शामिल होंगे। BORI ने अपने पाठ्यक्रमों में क्रेडिट प्रोवाइड करने के लिए भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करने वाला है। उद्घाटन समारोह के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा की है कि प्रस्तावित सिलेबस नई शिक्षा नीति 2020 का अनुपालन करती है।
भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट के बारे में
भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना 6 जुलाई 1917 को रामकृष्ण गोपाल भंडारकर के कार्यों की स्मृति में की गई थी। भंडारकर भारत में वैज्ञानिक ओरिएंटोलॉजी के अग्रणी थे और प्राचीन स्वदेशी विद्या और पूर्व या ओरिएंट के नॉलेज का अध्ययन है। इस संस्थान के पास संस्कृत, प्राकृत, भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं, शास्त्रीय आसियान और यूरोपीय भाषाओं में 1,25,000 से अधिक पुस्तकें और 28,000 से अधिक पांडुलिपियों का सबसे बड़ा संग्रह है।
World Tourism Day 2022, विश्व पर्यटन दिवस पर जानें दुनिया के सात अजूबों के बारे में विस्तार से
World Tourism Day 2022 : हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है इस साल 2022 में पर्यटन दिवस का थीम पर्यटन पर पुनर्विचार रखा गया है। पहली बार 1980 में संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। दुनिया में ऐसे कई खूबसूरत और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जहां जाना अपने आप में ही एक गर्व महसूस कराती है। दुनिया भर में ऐसे सात अजूबे हैं जो कि अलग-अलग देशों में स्थित है और यह अपने आप में ही एक खास स्थान हैं आइए जानते हैं दुनिया भर में स्थित इन सात अजूबों के बारे में, इनकी इतिहास, खासियत और यह कौन से देश में स्थित है इस विषय में विस्तार से।
1.ताजमहल - भारत
भारत की एकमात्र खास धरोहर ताजमहल है जो सात अजूबों में शामिल है। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में इस महल का निर्माण करवाया था, जो कि सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है। ताजमहल विश्व में प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जिसका निर्माण करीब 20,000 कारीगरों द्वारा किया गया था।
2.ग्रेट वॉल ऑफ चाइना
चीन की यह दीवार दुनिया के 7 अजूबों में से एक है।
चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने इस दीवार को बनवाया था।
करीब 20 साल में 21,196 किलोमीटर की यह लंबी और विशाल दीवार का निर्माण कार्य पूरा हुआ था।
इस दीवार को बनवाने के पीछे किन शी हुआंग का उद्देश्य अपने साम्राज्य की रक्षा करना था।
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पृथ्वी की लंबी कब्रिस्तान भी है।
कहा जाता है कि इसके निर्माण में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।
3. क्राइस्ट द रिडीमर- ब्राज़ील
ब्राज़ील का 125 फीट लंबी क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में से एक ऐसी धरोहर है जो ब्राजील में स्थित है। हेटर दा सिल्वा कोस्टा की डिजाइन पर इसका निर्माण ब्राजील के साथ-साथ फ्रांस में भी किया गया था। यह मूर्ति एक पहाड़ की चोटी पर बनी हुई है, जिसमें साल में 3 से 4 बार बिजली इस मूर्ति से टकराती है।
4. चिचेन इट्जा मैक्सिको
मैक्सिको में स्थित चिचेन इट्जा भी दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। यह माया सभ्यता से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर है और इसे मैक्सिको का सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थल भी कहा जाता है। इसका इतिहास 1200 साल से भी ज्यादा पुराना है। नौवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य पूर्व कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों ने इस चिचेन इट्जा का निर्माण करवाया था। यहां कई पिरामिड, मंदिर, खेल के मैदान और कॉलम है। इस चिचेन इट्जा की खासियत यह है कि यहां अजीबो गरीब आवज लोगों को सुनाई देती है।
5.कालीजीयम - इटली
इटली में स्थित कालीजीयम का निर्माण इटली के सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने करवाया था। 70 ईसवी और 82 ईसवी के मध्य इस कालीजीयम का निर्माण हुआ था। इसे बनाने में करीब 9 साल का समय लगा था। रोम का यह कालीजी़यम दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन एम्फीथियेटर है और इसके अंदर करीब 4,00,000 लोग मारे गए थे।
6. माचू पिच्चू - पेरू
दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू पिच्चू को इंकाओं का खोया हुआ शहर के रूप में जाना जाता है। यह पेरू का ऐतिहासिक देवालय भी है, जो कि साल 1983 में यूनेस्को ने माचू पिच्चू को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था। यह माचू पिच्चू दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
7. पेट्रा - जॉर्डन
पेट्रा जॉर्डन का एक ऐतिहासिक नगर है जिसका निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से किया गया है। पेट्रा के इस गुलाबी रंग के कारण पेट्रा को गुलाब शहर (Rose City) के नाम से जाना जाता है। अपने अनोखे बनावट और सैंदर्य के चलते पेट्रा भी दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। पेट्रा में कई मंदिर और मकबरे हैं।
World Tourism Day 2022, विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास, महत्व और थीम क्या है
World Tourism Day 2022 : हर साल 27 सितंबर को दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। दुनिया में हर कोई घूमने फिरने के शौकीन होते हैं और व्यस्त लाइफस्टाइल और कामकाज भरे जीवन से माइंड को फ्रेश करने के लिए घूमना फिरना बहुत हेल्दी हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है और लगातार काम करते रहने के बीच में 2 से 3 दिन का ट्रिप जीवन में एक अलग ही रंग और भर खुशी देता है और आपके माइंड को रिफ्रेश करती है। ऐसे में पर्यटन उद्देश्य और महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 27 सितंबर को विश्व स्तर पर पर्यटन दिवस मनाया जाता है।
विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास क्या है
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा साल 1980 में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। साल 1970 में इस दिन को मनाने के लिए विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। इस्तांबुल में 1997 को 12वीं UNWTO महासभा ने तय किया कि हर साल संगठन के किसी एक देश को विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए सहयोगी रखते हैं सकते हैं 1989 के बाद हर साल अलग-अलग देश विश्व पर्यटन दिवस को मनाने के लिए मेजबानी करेंगे। UNWTO के मुताबिक यह दिन 27 सितंबर पर्यटन दिवस के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में उच्च पर्यटन सीजन के आखरी और दक्षिणी गोलार्ध में पर्यटन सीजन की शुरुआत का दिन है, इसलिए 27 सितंबर के दिन को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में चुना गया है।
विश्व पर्यटन दिवस का महत्व क्या है
विश्व पर्यटन दिवस मनाने का एक खास उद्देश्य है कि विश्व स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देना क्योंकि पर्यटन एक तरह से किसी भी देश के मुख्य आय के रूप में भी देखा जाता है, साथ ही अलग-अलग एक्सपीरियंस, मनोरंजन और संस्कृतियों को जानने का एक अवसर है और किसी भी देश राज्य और क्षेत्र के आर्थिक रूप से भी एक मजबूती देता है, साथ ही यह रोजगार सम्मान संबंधों में भी नए अवसर बनाते हैं।
विश्व पर्यटन दिवस 2022 की थीम क्या है
इस साल 27 सितंबर का दिन मंगलवार को विश्व स्तर पर 42 वां विश्व पर्यावरण पर्यटन दिवस मनाया जाएगा। इस साल 2022 की थीम पर्यटन पर पुनर्विचार (Re-thinking Tourism) रखी गई है। यह थीम कोरोनावायरस के बाद पर्यटन क्षेत्र में हुए बदलाव पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही पर्यटन इंडस्ट्री को पटरी पर वापस लाने एवं भविष्य के अनुरूप आकार देने के अवसर प्रोवाइड करता है।
Important Days & Date in October 2022, अक्टूबर 2022 में पड़ने वाले महत्वपूर्ण दिन तिथि के बारे में विस्तार से
Important Days & Date in October 2022 : साल 2022 में पड़ने वाला अक्टूबर का महीना भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस महीने में पढ़ने वाले महत्वपूर्ण पर्व त्यौहार एवं जयंती प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र के सामान्य ज्ञान के विस्तार के लिए बहुत आवश्यक है। इस माह में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती, गांधी जयंती, लालबहादूर शास्त्री जयंती, स्वच्छ भारत अभियान की सालगिरह, सहित और अन्य पर्व भी पढ़ने वाले हैं। इस लेख में अक्टूबर माह में पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिन एवं तिथि के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को उनकी तैयारी के लिए मदद करेगा। अक्टूबर साल का दसवां महीना है और इस महीने में दुनिया भर के ऐसे कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं घटी हुई है, आइए जानते हैं कि अक्टूबर महीने में कौन कौन से महत्वपूर्ण दिन और तिथि हैं, जिसे प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछ सकते हैं।
अक्टूबर माह में पड़ने वाले महत्वपूर्ण दिन
अक्टूबर 2 - गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा जयंती के जन्मदिन पर गांधी जयंती मनाई जाती है। माहात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता हैं। इस दिन भारत की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी के द्वारा दिए गए उनके योगदान को सम्मानित किया जाता है। उन्होंने विश्व को अहिंसा का मार्ग दिखाया है और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दांडी मार्च, असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्व किया है। 2 अक्टूबर को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई जाती है। जन्म शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था।
4 अक्टूबर - विश्व पशु कल्याण दिवस
हर साल 4 अक्टूबर को इंसान और जानवरों के बीच एक दोस्ताना रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन विचार, इकोसिस्टम बैलेंस के महत्व पर जोर दिया जाता है। जिससे पृथ्वी पर रह रहे प्रत्येक जीवित प्राणी द्वारा सभी के अस्तित्व के लिए बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देता है। इस दिन विभिन्न पशु कल्याण संगठन पशु कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान और कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
5 अक्टूबर - विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षा के माध्यम से भावी युवा पीढ़ी को आकार देने में दुनिया भर के शिक्षकों के योगदान की सराहना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। इस साल विश्व शिक्षक दिवस 2022 की थीम है, "शिक्षा का परिवर्तन शिक्षकों के साथ शुरू होता है" रखा गया है।
8 अक्टूबर- भारतीय वायु सेना दिवस
भारतीय वायु सेना के योगदान को याद करने एवं सम्मानित करने के लिए हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है।
इंडियन एयर फोर्स में एक विशाल उत्सव का आयोजन किया जाता है, जहां इंडियन एयर फोर्स चीफ और भारतीय वायु सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस समारोह में शामिल होते हैं।
11 अक्टूबर - अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर 2011 को 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषित किया था। यह दिन लैंगिक तटस्थता पर जोर देता है और बालिकाओं को विकास के क्षेत्र में अधिक अवसर प्रदान करता है। इस दिन दुनिया भर में बालिकाओं द्वारा सामना की जाने वाली लैंगिक असमानता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाई जाती है। जो उनके लिंग के आधार पर होती है और अन्य तार्किक या तर्कसंगत कारण नहीं होता है। असमानता के मामले में शिक्षा तक पहुंच, कानूनी अधिकार, पोषण, चिकित्सा देखभाल और महिलाओं के खिलाफ हिंसा से सुरक्षा, भेदभाव और जबरन बाल विवाह जैसे महिलाओं से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। जो महिलाओं के विकास पर रोक डालते हैं।
14 अक्टूबर
विश्व अंडा दिवस हर साल 14 अक्टूबर के दूसरे शुक्रवार को विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है, इस दिन अंडे के पोषण मूल्य और नियमित आहार के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है। दुनिया भर के विभिन्न संगठन अंडे के सेवन के लाभ के बारे में इस दिन जागरूकता फैलाते हैं। 1996 में अंतरराष्ट्रीय अंडा आयोग ने अक्टूबर के दूसरे शुक्रवार को अंडा दिवस मनाने के लिए घोषित किया था।
16 अक्टूबर - विश्व खाद्य दिवस
16 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की गई थी। तब से लेकर हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन भूख, कुपोषण, स्थिरता और खाद्य उत्पादन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया जाता है। वैश्विक भूख के मुद्दे और भूख के उन्मूलन की दिशा में काम करने के लिए जागरूकता बढ़ाई जाती है और दुनिया भर के लोगों को इकट्ठा करने के लिए इस दिन विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित की जाती है।
24 अक्टूबर - विश्व पोलियो दिवस
हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो मुक्त दुनिया के विभिन्न देशों और स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व स्तर पर किए गए प्रयासों पर जोर देने के लिए 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। यह उन फ्रंटलाइन वर्कर को सम्मानित करता है जिन्होंने पोलियो को खत्म करने के लिए दुनिया के हर कोने में कड़ी मेहनत की है। विश्व पोलियो दिवस 24 अक्टूबर को जोनस स्टाल के योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने पोलियो के खिलाफ वैक्सीन डिवेलप करने वाली पहली टीम का नेतृत्व किया था।
Swachh Toycathon Initiative 2022, स्वक्ष टॉयकैथॉन क्या है और इसे क्यों लॉन्च किया जा रहा है।
Swachh Toycathon Initiative 2022 : भारत को वैश्विक खिलौना हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से पारंपरिक हस्तशिल्प और हाथ से बने खिलौने सहित भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना एनएपीटी 2020 की शुरुआत की गई थी। केंद्रीय सरकार ने 14 मंत्रालयों के साथ उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Internal Trade Promotion Department) डीपीआईआईटी वर्तमान में NAPT के विभिन्न पहलुओं को इंप्लीमेंट कर रहा है। भारत विश्व में दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के अलावा यहां युवा आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, जहां कुल आबादी का आधा हिस्सा 25 साल के उम्र से कम के हैं। खिलौनों के लिए मांग मजबूत आर्थिक विकास, खर्च करने योग्य बढ़ती इनकम और युवा आबादी के लिए कई इनोवेशन के कारण भी बढ़ रही है।
स्वक्ष टॉयकैथॉन को लॉन्च करने का कारण क्या है
विश्व में लगातार बदलती उपभोग प्रवृत्तियां और ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने के साथ-साथ पिछले कुछ सालों में प्रति व्यक्ति अपशिष्ट उत्पादन (waste production) में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है। जिससे शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक चुनौती बन गया है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का दूसरा चरण 1 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा 2026 तक कचरा मुक्त शहरों के विजन के साथ शुरू किया गया था।
स्वक्ष टॉयकैथॉन का उद्देश्य क्या है
एक तरफ विश्व स्तर पर खिलौनों की बढ़ती मांग और दूसरी तरफ सॉलिड वेस्ट के प्रभाव के साथ, स्वक्ष टॉयकैथॉन एनएपीटी और एसबीएम 2.0 के बीच एक बैलेंस है, जो खिलौनों के निर्माण में कचरे के उपयोग के लिए एक समाधान और प्रयास है। सूखे वेस्ट कचड़े का उपयोग करके खिलौने के डिजाइन में इनोवेशन लाने के लिए यह कंपटीशन व्यक्तियों और समूहों के लिए खुली रहेगी।। यह प्रतियोगिता कुशल डिजाइनों पर ध्यान केंद्रित करेगी। न्यूनतम सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हैं इसके साथ ही खिलौने के सौंदर्यशास्त्र पर भी ध्यान आकर्षित की जाएगी।
इस प्रतियोगिता को कब से लेकर कब तक आयोजन किया जा रहा है
आईआईटी गांधीनगर का सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग इस पहल के साथ साझेदारी कर रही है। यह प्रतियोगिता अमृत महोत्सव के तहत शुरू की जा रही है, जो 17 सितंबर 2022 के सेवा दिवस से लेकर 2 अक्टूबर 2022 को स्वच्छता दिवस देश में स्वच्छता से संबंधित कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक पहल के रूप में काम करेगा। यह कॉम्पीटिशन माई गांव के इनोवेटिव इंडिया पोर्टल पर आयोजित की जाएगी।
52nd Dadasaheb Phalke Award, आशा पारेख को दादासाहेब फालके अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा
52nd Dadasaheb Phalke Award : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने साल 2020 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता की घोषणा की है। जिसमें महान अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। यह पुरस्कार नई दिल्ली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान आशा पारेख जी को दिया जाएगा। पुरस्कार की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि दादा साहेब फाल्के चयन जूरी ने आशा पारेख जी को भारतीय सिनेमा में उनके अनुकरणीय जीवन भर के योगदान के लिए मान्यता और पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर 2022 को आयोजित किए जाएंगे और इसकी अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
आशा पारेख के बारे में
आशा पारेख एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक एवं फिल्म निर्माता और क्लासिकल डांसर हैं। यह एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर की शुरुआत किया था। इन्होंने दिल देके देखो में मुख्य एक्ट्रेस के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। आशा जी ने 95 से अधिक फिल्मों में काम किया है। इनकी प्रमुख फिल्मों में कटी पतंग, तीसरी मंजिलस लव इन टोक्यो, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसे मशहूर फिल्मों में काम किया है।
पद्मश्री से सम्मानित हैं आशा पारेख
आशा पारेख जी को साल 1992 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1998 से 2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में भी काम किया है। आशा पारेख जी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने के लिए 5 सदस्यों की जूरी का गठन किया गया था। 52वें दादासाहेब फालके चयन जूरी में फिल्म उद्योग के 5 सदस्य शामिल थे। आशा भोसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, पीएस नाग भरण और उदित नारायण जूरी के सदस्य के रूप में शामिल थे।
Humar Beti Hamar Maan Abhiyan, हमर बेटी हमार मान अभियान का महत्व एवं उद्देश्य क्या है
Humar Beti Hamar Maan Abhiyan : महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने यह घोषणा की है कि वे लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेंगे और उन्हें आवश्यक सेवाएं इस अभियान के दौरान दी जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर यह कहा है कि "हमर बेटी हमार मान" यानी (हमारी बेटियां हमारा सम्मान है) नाम का एक अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत महिला पुलिसकर्मी सभी जिलों के स्कूलों एवं कॉलेज का दौरा करेंगे और लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करेंगी।
हमर बेटी हमार मान अभियान का उद्देश्य क्या है
मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि हमारी बेटियां हमारी शान है और वे ही प्रदेश के उज्जवल भविष्य की नींव हैं और इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। जिस समाज की बेटियां सुरक्षित एवं सशक्त हो वही समाज विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि महिला पुलिसकर्मी हर जिले के स्कूलों और कॉलेज का नियमित दौरा करेंगे और छात्रों को उनके कानूनी अधिकार, गुड टच बैड टच, साइबर क्राइम, छेड़छाड़ और यौन शोषण आदि के बारे में जागरूक करेंगे और उनके साथ बातचीत भी करेंगे। इसके अलावा जो भी महिला एवं छात्र किसी भी परेशानी से जूझ रहा हो वह इन महिला पुलिसकर्मी से बातचीत कर सकता है।
छात्राओं की मदद के लिए जारी की जाएगी हेल्पलाइन नंबर
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि महिला पुलिस कर्मियों का एक विशेष टीम बालिकाओं के स्कूल, कॉलेज और लड़कियों एवं महिलाओं के आने जाने वाली जगहों पर तैनात किया जाएगें, उन्होंने कहा है कि छात्रों को यह सिखाया जाएगा कि वे अपनी सुरक्षा के लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं, मुख्यमंत्री ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिस पर महिला और छात्र महिलाओं के खिलाफ हुए दुर्व्यवहार छेड़छाड़ और अन्य अपराधों की शिकायत ऐप के माध्यम या हेल्पलाइन के जरिए दर्ज करा सकते हैं और उन पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध की तुरंत की जाएगी जांच
महिलाओं के खिलाफ अपराध की जांच महिला जांचकर्ताओं द्वारा प्राथमिक आधार पर होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आईजीपी की जिम्मेदारी होगी कि इस तरह के अपराधों की जांच पूरी हो और न्यायालय में चार्जसीट निर्धारित समय के भीतर दाखिल कराई जाए। यद फैसला छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला एवं छात्राओं की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए लिया गया है। अब महिला एवं छात्र अपने खिलाफ हुए अपराधों के विषय में हेल्पलाइन नंबर एवं ऐप के माध्यम से या फिर आसपास मौजूद पुलिसकर्मी से शिकायत दर्ज करवा सकती है।
New Foreign Trade Policy, विदेश व्यापार नीति की अवधि 6 महिने के लिए बढ़ाई गई है
New Foreign Trade Policy : सितंबर माह में लागू होने वाले विदेश व्यापार नीति को 6 महीनों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने विदेश व्यापार नीति 2015 - 2020 जो कि 30 सितंबर तक वैध थी उसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।नई विदेश व्यापार नीति एफटीपी क्या है
वस्तुओं और सेवाओं के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए एफटीपी में नीतिगत दिशानिर्देश और रणनीतियां तय की जाती हैं। मौजूदा नीति 1 अप्रैल, 2015 से लागू की गई थी और यह 5 साल के लिए वैध थी जिसे 6 महिने के लिए और बढ़ा दिया गया है।वाणिज्य मंत्रालय ने क्या बयान दिया है?
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार निर्यात संवर्धन परिषद और निर्यातकों से बार-बार अनुरोध मिलने के बाद सरकार ने विदेश व्यापार नीति को 6 महीने आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने यह जानकारी दी है कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया है जिसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी और 1 अक्टूबर से नई विदेश नीति लागू होने वाली थी। अमित यादव ने यह भी कहा है कि उद्योग संगठनों और निर्यात संवर्धन परिषद जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही बनाए रखने का अनुरोध एंव मांग किया गया था और इस अनुरोध को मद्देनजर रखते हुए मंत्रालय ने विदेश व्यापार नीति को 6 महीने आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय डीजीएफटी जारी करेगा नोटिफिकेशन
विदेश व्यापार नीति से जुड़े तमाम संगठनों का यह मानना है कि वैश्विक चुनौतियों और रुपए की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को मद्देनजर रखते हुए अभी मौजूदा व्यापार नीति को ही जारी रखना उचित होगा। नई विदेश व्यापार नीति को नई फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ लागू किया जाएगा। मौजूदा नीति को अगले 6 महीने के लिए बढ़ाए जाने के बारे में डीजीएफटी एक अधिसूचना जारी करेगी। 30 सितंबर तक विदेश व्यापार नीति उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने अपने पहले बयान में यह कहा था कि सितंबर के अंत तक नई विदेश व्यापार नीति लाएंगे। इसके पहले मौजूदा नीति को अप्रैल में सितंबर के लिए बढ़ाया गया था। विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत देश में होने वाले निर्यात को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के प्रावधान किए जाते हैंयॉ। इस नीति से देश की आर्थिक प्रगति को गति मिलती है और नए रोजगार के अवसर पैदा होने का लक्ष्य तय किया जाता है।
निर्यातक अभी किन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं
पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने निर्यातकों के लिए लागू प्रोत्साहन योजनाओं को खत्म कर दिया है। उदाहरण के लिए Merchandise Exports from India Scheme ,उस समय खत्म कर दिया गया, जब world trade organization के नियमों में कहा गया कि कुछ निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं व्यापार निकाय के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही हैं वे व्यापक रूप से वस्तुओं और सेवाओं पर निर्यात सब्सिडी दे रही हैं। आपको बता दें कि निर्यातक इस समय interest equalization scheme , परिवहन सब्सिडी योजना, राज्य और केंद्रीय करों और लेवी की छूट और निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (RODTEP)जैसी योजनाओं का समर्थन पा रहे हैं।World Rabies Day 2022, विश्व रेबीज दिवस का इतिहास, महत्व एवं इस साल का थीम क्या है
World Rabies Day 2022 : हर साल विश्व स्तर पर 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। यह दिन फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस पाश्चर की डेथ एनिवर्सरी के तौर पर मनाया जाता है। लुईस पाश्चर ने पहली बार रेबीज का टीका तैयार कर मेडिकल फिल्ड को एक सुरक्षा कवच दिया था। रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है और इसका कारण है लायसावायरस। शरीर में यह वायरस कुत्ते बिल्ली और बंदरों के काटने के बाद प्रवेश करता है और इसी के बचाव के लिए लुईस पाश्चर ने रेबीज का टीका तैयार किया था। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए हर साल 28 सितंबर को यानी उनकी डेथ एनिवर्सरी के अवसर पर विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है।
रेबीज दिवस का इतिहास क्या है?
विश्व रेबीज दिवस पहली बार साल 2007 में 28 सितंबर को मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन अमेरिका और एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल के बीच हुई साझेदारी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय अभियान की शुरुआत दुनिया भर में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए किया गया था।
विश्व रेबीज दिवस का महत्व क्या है?
इस दिन को मनाने का उद्देश्य रेबीज के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी के रोकथाम को बढ़ावा देना है। साथ ही रेबीज के टीके के बारे में बताना की रेबीज के टीके के माध्यम से इस बीमारी से लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह एक वायरल डिजीज है जो इंसानों और जानवरों में दिमाग की सूजन के कारण बनती है।
विश्व रेबीज दिवस 2022 की थीम क्या है?
विश्व रेबीज दिवस 2022 के लिए थीम "वन हेल्थ - जीरो डेथ" रखी गई है।
IDUAI 2022, सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है
IDUAI 2022 : सूचना तक पहुंच के महत्व और मानव अधिकारों का दावा करने एवं सतत विकास में इनके महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सूचना की सार्वभौमिक पहुंच का अंतरराष्ट्रीय दिवस आईडीयूएआई हर साल 28 सितंबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। साल 2022 28 सितंबर को आईडीयूएआई का तीसरा एडिशन मनाया जाएगा। साल 2021 में आईडीयूएआई का थीम जानने का अधिकार सूचना तक पहुंच के साथ बेहतर पुनर्निर्माण करना था, (द राइट यू नो बिल्डिंग बैक बेटर विद एक्सेस टू इनफॉरमेशन) रखा गया था।
साल 2015 में 38वें सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को के महासम्मेलन के एक प्रस्ताव में इस दिन को मनाने के लिए अपनाया गया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 28 सितंबर को आईडीयूएआई दिन मनाने की घोषणा की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 अक्टूबर 2019 को संकल्प A/RES/74/5 और 28 सितंबर को सूचना की सार्वभौमिक पहुंच के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। साल 2020 में संयुक्त राष्ट्र ने पहला सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया था।
आईडीयूएआई के बारे में
आईडीयूएआई सतत विकास के लिए मजबूत संस्थानों का निर्माण करने के लिए दुनिया भर में सूचना कानून और उनके कार्यान्वयन तक पहुंचने के विस्तार के इंपॉर्टेंट को हाईलाइट करता है।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य क्या है?
न्याय पूर्ण, शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को बढ़ावा देने में योगदान के लिए सरकारों, नागरिक समाज और लोगों को एकजुट कर सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से इस दिन को बनाया गया था। साथ ही स्थाई समाधान में तेजी लाना था।
सूचना तक सर्वभोमिक पहुंच के बारे में
सूचना तक सर्वभोमिक पहुंच का अर्थ है कि सभी को जानकारी ढूंढने, पाने और प्रोवाइड करने का हक है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच का अधिकार प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि मीडिया पब्लिक के हित के मुद्दों के बारे में इन्फॉर्म करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
28-09-2022
NavIC Navigation System, नाविक नेविगेशन सिस्टम क्या है, जाने विस्तार से
NavIC Navigation System: भारत सरकार ने विदेशी स्मार्टफोन कंपनियां जैसे सैमसंग, एप्पल, शाओमी, वीवो, ओप्पो जैसे स्मार्टफोन कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। सरकार ने इन कंपनियों को अपने स्मार्टफोन में भारतीय नेविगेशन सिस्टम नाविक के सपोर्ट के साथ लॉन्च करने का आदेश दे दिया है। इस आदेश के बाद इन कंपनियों को अपने स्मार्टफोन के हार्डवेयर में तकनीकी बदलाव होने पर आने वाली लागत का डर बढ़ गया है।
मेक इन इंडिया के तहत भारत सरकार विदेशी चीजों से अपनी निर्भरता कम करने पर लगातार कुछ न कुछ नया पहल ला रही है और नाविक भी इसमें से एक पहल है। देश में स्मार्टफोन में नेविगेशन के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने यह कहा है कि नाविक से नेविगेशन को और बेहतर किया जा सकता है, क्योंकि यह ज्यादा सटीक और इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगी।
नाविक नेवीगेशन सिस्टम क्या है
नाविक भारत का अपना सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है, इस सिस्टम को इसरो द्वारा तैयार किया गया है। नाविक को आसान भाषा में समझें तो, जिस प्रकार अमेरिका के पास जीपीएस है रूस के पास ग्लोनॉस है, यूरोप के पास गैलीलियो है और चीन के पास बायडू नेविगेशन सिस्टम है, उसी प्रकार भारत ने भी अपना स्वदेशी नाविक नेवीगेशन सिस्टम लॉन्च किया है। नाविक नेवीगेशन सिस्टम जीपीएस की तुलना में अधिक सटीक जानकारी देता है। इस सिस्टम से 5 मीटर तक एग्जैक्ट पोजिशन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
नाविक सपोर्टेड पहला स्मार्टफोन कौन सा था
रियलमी ने पहली बार भारत में नाविक नेविगेशन सपोर्ट वाला स्मार्टफोन रियलमी एक्सप्रो 5G को साल 2020 में लांच किया था। इस फोन की लॉन्चिंग के समय में यह कहा गया था कि भविष्य में लांच होने वाले सभी रियलमी स्मार्टफोन में नाविक नेवीगेशन सिस्टम का सपोर्ट रहेगा।
नाविक से जुड़े अन्य फायदे
नाविक से रक्षा क्षेत्र और इकोनॉमी को फायदे की उम्मीद बताई जा रही है। सरकारी वाहनों की एवं मछुआरों को चेतावनी देने और प्रकृति आपदाओं में मदद पहुंचाने में नाविक काम आ रही है। नाविक से विदेशी निर्भरता कम हो रही है, विशेष तौर पर रणनीतिक और संवेदनशील केस में विदेशी निर्भरता कम होने की संभावना जताई जा रही है। विदेशी रक्षा एजेंसी जीपीएस या दूसरी नेवीगेशन सिस्टम भारत में बंद होती है तब भी भारत नाविक का उपयोग करने में सक्षम होगा। कई भारतीय कंपनियां नाविक का उपयोग करके अपने व्यवसाय को ना केवल भारत में बढ़ा सकेंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विस्तार कर सकते हैं। इसके बाद नाविक को हर स्मार्टफोन तक पहुंचाना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
Dadasaheb Phalke Award Winners, दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेताओं की सूची 1969 से 2022 तक
Dadasaheb Phalke Award Winners,दादा साहब फाल्के पुरस्कार को 1969 में शुरू किया गया था। यह सिनेमा में भारत की सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रेजेंट किया जाता है, जो कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत कार्य करता है। यह कलाकारों को भारतीय सिनेमा के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करने के लिए अवार्ड प्रस्तुत किया जाता है। इस अवार्ड का नाम धुंडीराज गोविंद फालके के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारतीय सिनेमा के जनक माना जाता है। यह एक अनुभवी फिल्म निर्माता थे जिन्होंने 1913 में राजा हरिश्चंद्र नामक भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म का निर्देशन किया था। पुरस्कार विजेताओं को गोल्डन लोटस पदक, एक शॉल 10,00,000 रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाता है। सत्यजीत रे, नागी रेड्डी, राज कपूर, लता मंगेशकर, अक्कीनेनी नागेश्वर राव, दिलीप कुमार, शिवाजी गणेशन एवं आशा भोसले जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने इस पुरस्कार को अपने नाम किया है ।आइए जानते हैं साल 1969 से 2022 तक दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेताओं की सूची के बारे में-
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेताओं की सूची 1969 से 2022 तक
समारोह वर्ष | प्राप्तकर्ता नाम | फिल्म उद्योग |
2020 (68वां) | आशा पारेख | हिंदी |
2019 (67 वां) | रजनीकांत | तमिल |
2018 (66वां) | अमिताभ बच्चन | हिंदी |
2017 (65वां) | विनोद खन्ना | हिंदी |
2016 (64 वां) | काशीनाथुनी विश्वनाथ | तेलुगु |
2015 (63वां) | मनोज कुमार | हिंदी |
2014 (62वां) | शशि कपूर | हिंदी |
2013 (61वां) | गुलजा़र | हिंदी |
2012 (60वां) | प्राण | हिंदी |
2011 (59 वां) | सौमित्र चटर्जी | बंगाली |
2010 (58वां) | के.बालचंदर | तमिल, तेलुगु |
2009 (57 वां) | डी. रामनैदु | तेलुगु |
2008 (56वें) | वी.के.मुर्ति | हिंदी |
2007 (55वां) | मन्ना डे | बंगाली, हिंदी |
2006 (54वां) | तपन सिन्हा | बंगाली, हिंदी |
2005 (53वां) | श्याम बेनेगल | हिंदी |
2004 (52वें) | अदूर गोपालकृष्णन | मलयालम |
2003 (51वां) | मृणाल सेन | बंगाली |
2002 (50वां) | देव आनंद | हिंदी |
2001 (49वां) | यश चोपड़ा | हिंदी |
2000 (48वां) | आशा भोंसले | हिंदी, मराठी |
1999 (47वां) | ऋषिकेश मुखर्जी | हिंदी |
1998 (46वां) | बी.आर चोपड़ा | हिंदी |
1997 (45वां) | कवि प्रदीप | हिंदी |
1996 (44वां) | शिवाजी गणेशन | तमिल |
1995 (43वां) | राजकुमार | कन्नड़ |
1994 (42वां) | दिलीप कुमार | हिंदी |
1993 (41वां) | मजरूह सुल्तानपुरी | हिंदी |
1992 (40वां) | भूपेन हजारिका | असमिया |
1991 (39वां) | भालजी पेंढारकर | मराठी |
1990 (38वां) | अक्किनेनी नागेश्वर राव | तेलुगु |
1989 (37वां) | लता मंगेशकर | हिंदी, मराठी |
1987 (36वां) | अशोक कुमार | हिंदी |
1986 (35वां) | राज कपूर | हिंदी |
1985 (34वां) | बी. नागी रेड्डी | तेलुगु |
1984 (33वां) | वी. शांताराम | हिंदी, मराठी |
1983 (32वां) | सत्यजीत रे | बंगाली |
1982 (31वां) | दुर्गा खोटे | हिंदी, मराठी |
1981 (30वां) | एल. वी. प्रसाद | हिंदी, तमिल, तेलुगु |
1980 (29वां) | नौशाद | हिंदी |
1979(28वां) | पैदी जयराज | हिंदी, तेलुगु |
1978 (27वां) | सोहराब | हिंदी |
1976 (26वां) | रायचंद बोराल | हिंदी, बंगाली |
1975 (25वां) | नितिन बोस | हिंदी, बंगाली |
1974 (24वां) | कानन देवी | बंगाली |
1973 (23वां) | धीरेंद्र नाथ गांगुली | बंगाली |
1972 (22वां) | बोम्मिरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी | तेलुगु |
1971 (21वां) | रूबी मायर्स (सुलोचना) | हिंदी |
1970 (20वां) | पंकज मलिक | हिंदी, बंगाली |
1969 (19वां) | पृथ्वीराज कपूर | हिंदी |
1968 (18वां) | बीरेंद्रनाथ सरकार | बंगाली |
1967 (17वां) | देविका रानी | हिंदी |
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से जुड़े FAQ
1.दादा साहब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर- दादा साहब फाल्के पुरस्कार को 1969 में शुरू किया गया था।
2.इस साल दादा साहब फाल्के पुरस्कार की कौन सी साल है?
उत्तर-52वें।
3. 52वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार किसे दिया जाएगा?
उत्तर-आशा पारेख।
4.दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेताओं को क्या दिया जाता है?
उत्तर-पुरस्कार विजेताओं को गोल्डन लोटस पदक, एक शॉल, 10 लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाता है।
5. साल 1969 में दादा साहब फालके पुरस्कार किसे दिया गया था?
उत्तर-देविका रानी।
6.दादा साहब फाल्के अवार्ड का नाम किनके उपर रखा गया है?
उत्तर-इस अवार्ड का नाम धुंडीराज गोविंद फालके के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारतीय सिनेमा के जनक माना जाता है।
चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह रखा गया है
Chandigarh Airport Renamed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2022 रविवार को मासिक कार्यक्रम मन की बात में चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की थी और उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। 28 सितंबर 2022 को भगत सिंह की 115 वी जयंती के अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्मदिवस पर चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को शहीद भगत से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम दिया है।
इस लेख के मुख्य बिंदु
इस नामकरण के अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा है कि इस घोषणा के लिए प्रधानमंत्री को वह धन्यवाद देती हैं और भगत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हैं। देश की स्वतंत्रता में शहीद भगत सिंह के सर्वोच्च बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है और उन्हें सालों तक याद रखने के लिए चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम बदलकर भगत सिंह एयरपोर्ट किया गया है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ते इस निर्णय से आने वाली पीढ़ी को देश के स्वतंत्रता सेनानियों और नायकों के बारे में बताना संभव हुआ है।
कार्यक्रम के दौरान कौन कौन मौजूद रहे
हवाई अड्डे पर आयोजित कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय मंत्री डॉ विजय कुमार सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर मौजूद रहे।
विश्व हृदय दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास एवं महत्व क्या है
World Heart Day 2022 : खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते आज के समय में लोग कई तरह की बीमारियों से घिरे हुए हैं। स्ट्रेस खान-पान पर ध्यान ना देना, शराब एवं धूम्रपान के सेवन के कारणों के चलते हृदय संबंधी बीमारियां लोगों में तेजी से बढ़ रही है। चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग अब किसी भी आयु वर्ग में यह बीमारियां तेजी से बढ़ रही है, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हर साल पूरे विश्व में हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एवं हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के विभिन्न उपायों एवं प्रयासों पर प्रकाश डालने के लिए 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
विश्व हृदय दिवस का इतिहास है
पूरी दुनिया में दिल के दौरे से ज्यादातर लोग अपनी जान गवां रहे हैं। इस गंभीर रोग से बचने के प्रति लोगों का जागरूक होना बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व हृदय दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2000 में की गई थी और इसकी शुरुआत करते हुए यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर महीने के आखरी रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा, लेकिन 2014 में विश्व हृदय दिवस के लिए 1 तारीख निश्चित की गई जो कि 29 सितंबर रखी गई। तब से लेकर आज तक हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है और लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है।
हृदय स्वास्थ्य के बारे में
सही समय पर सही उपचार से किसी भी रोगों से निपटा जा सकता है। विश्व में ह्रदय रोग तेजी से बढ़ने के कारण लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की बहुत आवश्यक है और इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि ह्रदय स्वास्थ्य के प्रति कुछ सावधानियां भी अपनाई जाए और उन्हें अपने जीवन में सख्ती से पालन किया जाए, जिससे हृदय रोग के मामलों में कमी लाई जा सकती है। हृदय रोग का मुख्य कारण तनाव, थकान और स्ट्रेस होता है। वहीं डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या भी ह्रदय रोग को जन्म देती है। इसके लिए अगर लाइफ स्टाइल में सही बदलाव किया जाए और हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाई जाए तो आप गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें
1.नियमित रूप से व्यायाम और एक्सरसाइज करें।
2.अपनी डेली रूटीन में योगा, एक्सरसाइज़ और वॉक को शामिल करें।
3.अपने आहार में नमक और फैट, केलोरी की मात्रा को कम करें।
4.डाइट में ताजा फल और हरी सब्जियों को शामिल करें।
5. स्ट्रेस फ्री जीवन जिएं, स्ट्रेस ज्यादा होने पर योगा एवं मेडिटेशन का सहारा लेकर इसे कंट्रोल करें।
6. धूम्रपान एवं शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। यह ह्रदय रोक के साथ-साथ अन्य बीमारियों का जन्म देता है।
7. भरपूर नींद लें, कम से कम 8 घंटे का नींद स्वस्थ सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।
International Day of Awareness of Food Loss and Waste, खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है
International Day of Awareness of Food Loss and Waste : हर साल 29 सितंबर को खाद अपव्यय के मुद्दे को हल करने के वैश्विक प्रभाव प्रयासों को बढ़ावा देने और इसे लागू करने के लिए साल 2020 से लेकर अब तक खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2019 में 29 सितंबर को खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता के अंतरराष्ट्रीय दिवस को नामित किया था।
खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य क्या है
हर साल इस दिन को मनाने के लिए थीम तय किया जाता है, साल 2021 में स्टॉप फूड लॉस एंड वेस्ट फॉर द पीपल फॉर द प्लेनेट रका गया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि स्थाई भोजन की आदतों के जरिए जलवायु परिवर्तन की समस्या को दूर करने की दिशा में एकजुट होकर काम करना, इसके साथ ही जिम्मेदार खपत और प्रोडक्शन के साथ-साथ शून्य भूख की दिशा में कदम उठाना था।
खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस का इतिहास क्या है
साल 2019 में 74 वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 सितंबर को हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता के अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिए नामित किया था। खाद्य सुरक्षा और पोषण को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने में स्थाई खाद्य उत्पादन की मौलिक भूमिका को मान्यता दी गई थी। साल 2020 से लेकर आज तक यह दिन मनाया जाता है साल 2022 में इसका तीसरा संस्करण मनाया जाएगा।Lt General Anil Chauhan Biography in Hindi, कौन है देश के दूसरे सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान? जाने यहां
Anil Chauhan Chief of Defense Staff : केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर अनिल चौहान को देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। इसके अलावा अनिल चौहान सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे। अनिल चौहान इस पद पर पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे। दिसंबर में बिपिन रावत की आकासमिक निधन के बाद अब तक यह पद खाली था, जिसे अब अनिल चौहान संभालेंगे। नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए सीडीएस पद की शुरुआत की थी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर अनिल चौहान को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में अप्वॉइंट किया है, जो भारत सरकार सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे।
अनिल चौहान का करियर
लगभग 40 सालों से अधिक के करियर में अनिल चौहान ने कई कमांड स्टाफ और सहायक नियुक्तियां की थी और इन्हें जम्मू - कश्मीर और उत्तर पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी व्यापक एक्सपीरियंस है। अनिल चौहान पहले भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशालय डीजीएमओ के रूप में भी काम किए हुए हैं। इसके अलावा पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के रूप में भी काम किए हैं।
अनिल चौहान की शिक्षा
अनिल चौहान केंद्रीय विद्यालय कोलकाता, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के पूर्व छात्र हैं। अनिल चौहान घरवाल के राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अनिल चौहान को 1981 में गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था और 31 मई 2021 में ये रिटायर हुए थे। इन्होंने अपने सैन्य करियर के दौरान कई कमांड स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियां की है।
अनिल चौहान के अवॉर्ड्स
अनिल चौहान को अपने करियर के दौरान उनकी सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल (2020), उत्तम युद्ध सेवा मेडल (2018), अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
29-09-2022
इंटरनेशनल ट्रांसलेशन क्यों मनाया जाता है, जाने इस साल के थीम के बारे में
International Translation Day 2022 : हर साल 30 सितंबर को इंटरनेशनल ट्रांसलेशन डे मनाया जाता है। इस दिन लैंग्वेज प्रोफेशनल को उनके काम के लिए सम्मानित करने और अनुवाद के वैश्विक महत्व को स्वीकार करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के महत्व एवं इतिहास के बारे में साल 2022 में।
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस 2022 की थीम क्या है
साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस की थीम ए वर्ल्ड विदाउट बैरियर (बाधा रहित दुनिया) है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर एफआईटी ने अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाते हुए अपनी वार्षिक पोस्टर प्रतियोगिता की भी घोषणा की है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेशन के मुताबिक यह प्रतियोगिता किसी भी प्रोफेशनल डिजाइनर के लिए है।
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस इतिहास क्या है
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस हर साल 30 सितंबर को सेंट जेरोम की पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है। सेंट जेरोम बाइबल ट्रांसलेटर थे, जिन्हें अनुवादकों के संरक्षक संत के रूप में जाना जाता है और उनकी याद में विश्व अनुवाद दिवस मनाया जाता है। विश्व स्तर पर ट्रांसलेशन कम्युनिटी की एकता दिखाने के लिए एफआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे साल 1991 में शुरू किया गया था। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर की स्थापना साल 1953 में हुई थी। जिसके बाद साल 1991 में पूरी दुनिया को अनुवाद समुदाय की पहचान को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की थी। 24 मई 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाने के लिए ,घोषित करते हुए एक प्रस्ताव पास किया था। इस दिन को पूरे विश्व में भाषा के प्रति महत्व को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
Yogi Adityanath Biography, जाने योगी आदित्यनाथ के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से
Yogi Adityanath Biography : योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री है। इन्होंने पहली बार 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था। जिसके बाद साल 2022 में विधानसभा चुनाव दोबारा जीत ली है और एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए हैं। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लोकसभा संसद हैं, जो भारतीय राजनीति में अपने कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए विख्यात हैं। इन्होंने साल 1958 में भारत के 12वें लोकसभा चुनाव में जीतकर सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में उभरे थे। उस दौरान इनकी उम्र 26 साल की थी। यह नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। आइए जानते हैं इनके जीवन परिचय के बारे में विस्तार से।
विषय सूची
1.योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन
2.योगी आदित्यनाथ के हिंदू युवा वाहिनी संगठन के बारे में
3.योगी आदित्यनाथ की राजनैतिक सफर
4.योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी से संबंध
5. योगी आदित्यनाथ से जुड़े FAQ-
योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था। बचपन में इनका नाम अजय रखा गया था। इनके पिता का नाम महंत आनंद सिंह बिष्ट था जो महाराज गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत थे, इनकी मृत्यु के पश्चात अब योगी आदित्यनाथ इस मंदिर के महंत हैं। योगी आदित्यनाथ का पूरा नाम अजय सिंह बिश्त है और इन्हें योगी आदित्य नाम से जाना जाता है। योगी आदित्यनाथ ने एच.एन.बी गढ़वाल विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय में स्नातक किया हुआ है। उन्होंने हिंदू युवाओं को एक साथ एकजुट कर हिंदू युवा वाहिनी संगठन का निर्माण किया है। योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिश्त एक फॉरेस्ट रेंजर थे, पोस्ट से रिटायर होने के बाद यह गोरखनाथ मंदिर के महंत बने। इनके भाई महेंद्र सिंह बिश्त भारतीय आर्मी में कार्यरत हैं और अन्य दो भाई कॉलेज में काम करते हैं। इनकी एक बड़ी बहन एवं दो छोटी बहनें हैं यानी यह कुल मिलाकर सात भाई बहन हैं।
योगी आदित्यनाथ के हिंदू युवा वाहिनी संगठन के बारे में
हिंदू युवा वाहिनी योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित केवल हिंदुओं का एक संगठन है। इस संगठन पर पुलिस ने साल 2005 में मउ में हुए दंगों के आरोप लगाए थे। इस दंगे में हिंदू दल ने मुख्तार अंसारी नामक एक विधायक, जिनके ऊपर बीजेपी के एक विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप था, उनके विरोध में हिंदू युवा वाहिनी संगठन ने दंगा किया था, साथ ही इस संगठन पर 2007 में हुए गोरखपुर दंगे का भी आरोप लगाया गया था।
योगी आदित्यनाथ के राजनैतिक सफर के बारे में
योगी आदित्यनाथ देश के 12वें लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से चुनाव जीतकर 26 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में उभरे थे। साल 1998 - 99 में यह कमेटी ऑफ फूड, सिविल सप्लाई, डिपार्टमेंट ऑफ शुगर एंड एडिबल ऑयल, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स आदि में काम किए हुए हैं। साल 1999 में लोकसभा में दोबारा निर्वाचित हुए और अपने सभी पुराने पदों पर बने रहे। साल 2004 में एक बार फिर अपनी इसी सीट से चुनाव जीता और सभी पुराने पदों पर बने रहे। साल 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें लोगों ने एक बार फिर अपना प्रतिनिधि चुना था और इस बार इन्हें पर्यटन, परिवहन और संस्कृति के कमिटी मेंबर बनाया गया। इसके बाद साल 2014 में भारत के 16वें लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट से चुनाव जीतकर दोबारा लोकसभा सांसद बने थे। इन राजनीतिक पदों के अलावा यह हिंदू महासभा के भी अध्यक्ष हैं। गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत, अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद इन्हें इस मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया है। यह मंदिर नाथ संप्रदाय के पुराने रीति-रिवाजों का पालन करती है।
योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी से संबंध
योगी आदित्यनाथ काफी समय से भाजपा से संबंध रखते हैं। साल 2006 में उन्होंने गोरखपुर में एक विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया था, इसी समय लखनऊ में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी और योगी के बीच तनाव देखा गया था, लेकिन बाद में सामान्य हो गया था।
योगी आदित्यनाथ से जुड़े FAQ-
1. योगी आदित्यनाथ का पूरा नाम क्या है?
उत्तर- अजय सिंह बिश्त।
2. योगी आदित्यनाथ की शिक्षा क्या है?
उत्तर-गणित में बीएससी स्नातक किया हुआ है।
3.योगी आदित्यनाथ कितने भाई बहन हैं?
उत्तर- यो कुल 7 भाई बहन हैं।
4.योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम क्या है?
उत्तर-आनंद सिंह बिश्त।
5.योगी आदित्यनाथ किस पार्टी से जुड़े हुए हैं?
उत्तर-भाजपा भारतीय जनता पार्टी।
6.योगी आदित्यनाथ के संगठन का नाम क्या है?
उत्तर-हिंदू युवा वाहिनी।
7.योगी आदित्यनाथ कहां से सांसद हैं?
उत्तर-गोरखपुर सीट से सांसद हैं।
8.योगी आदित्यनाथ किस राज्य के मुख्यमंत्री हैं?
उत्तर- उत्तर प्रदेश।
9.योगी आदित्यनाथ ने पहली बार मुख्यमंत्री पद के लिए कब शपथ लिया था?
उत्तर-साल 2017- 19 मार्च रविवार को।
10. योगी आदित्यनाथ कितने बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ले चुके हैं?
उत्तर- दो बार-
पहला - साल 2017
दूसरा - साल 2022
RBI Repo Rate Hikes, आरबीआई ने लगातार चौथी बार बढ़ाया रेपो रेट, 50 बेसिक पॉइंट की हुई बढ़ोतरी
RBI Repo Rate Hikes : आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया है। आरबीआई रेपो रेट में 50 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी करते हुए रेपो रेट को 50 बेसिक पॉइंट बढ़ाते हुए रेपो रेट को 5.40 फिसदी से बढ़ाकर 5.90 परसेंट कर दिया है। आरबीआई के मौद्रिक नीति कमिटी के बाद गवर्नर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा कि है कि अब रेपो रेट में 50 बेसिक प्वाइंट और बढ़ाए जाएंगे। अब तक 5 महीने में 1.90 परसेंट की बढ़ोतरी रेपो रेट में हो चुकी है।
इस बदलाव का क्या असर होगा
आरबीआई के रेपो रेट में 50 पॉइंट बढ़ाने के बाद से होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और अन्य पर्सनल लोन महंगे हो जाएगें। वहीं जिन लोगों ने पहले से ही होमलेन लोन या अन्य लोन ले रखा है उनकी ईएमआई और महंगी होगी। आरबीआई गवर्नर यह फैसला मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की 3 दिनों की मीटिंग के बाद 50 बेसिक पॉइंट बढ़ाने का फैसला किया गया है।
लगातार चौथी बार हुआ कर्ज मंहगा
28 सितंबर से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक शुरू हुई थी, अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 7 परसेंट तक रहा जिसके चलते आरबीआई महंगाई पर थोड़ा रोक लगाने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला लिया है।
फाइनैंशल ईयर साल 2022-23 में आरबीआई ने लगातार चौथी बार देश में रेपो रेट के बेसिक पॉइंट में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।
4 मई को रेपो रेट में 40 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके बाद 4.40 परसेंट किया गया था।
8 जून को 50 बेसिक प्वाइंट की और बढ़ोतरी की गई थी।
अगस्त में 50 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी कर रेपोरेट बढ़ा दिया गया था।
अब एक बार फिर 30 सितंबर को 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। आरबीआई के इस फैसले के बाद रेपो रेट में 1.90 परसेंट की बढ़ोतरी हो चुकी है। आरबीआई के इस फैसले के बाद प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंक कर्ज महंगे कर सकते हैं।
International Coffee Day 2022, अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का इतिहास और महत्व क्या है
International Coffee Day 2022 : चाय की तरह कॉफी भी दुनियाभर के करोड़ों लोगों के पसंदीदा ड्रिंक में से एक है। बहुत सारे लोगों की कॉफी के बिना काम की शुरुआत नहीं होती है। ऐसी ही कॉफी के प्रति लोगों की पसंद, आदत और लत को देखते हुए 1 दिन को कॉफी के लिए समर्पित किया गया है। इसलिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1 अक्टूबर को कॉफी दिवस मनाया जाता है और इस दिन को मनाने के पीछे कॉफी से जुड़े किसानों की तकलीफ को पहचानना और उनकी सहायता करना है।
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का इतिहास क्या है
1963 में लंदन स्थित अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन ने पहली बार इंटरनेशनल कॉफी डे के तौर पर 1 अक्टूबर 2015 को घोषित किया था। तब से लेकर हर साल इस दिन को पूरी दुनिया में पुरे उत्साह के साथ 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह संगठन कॉफी और इसके रणनीतिक दस्तावेज के डेवलपमेंट से जुड़े मामलों को देखता है। कई सारे देश अपने अपने देश में अलग-अलग राष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाते हैं। साल 1997में अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन ने चीन में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाया था। नेपाल ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस 17 नवंबर 2005 को मनाया था। कॉफी की खेती में किसानों की मेहनत और कॉफी उद्योग से जुड़े लोगों के कार्यों को सराहने के लिए यह दिन बनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का महत्व क्या है
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस को मनाने के पीछे कॉफी की खेती करने वाले हजारों लाखों किसानों को समर्थन करना है। उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत कॉफी ही होता है और कॉफी दिवस को मनाने का उद्देश्य और महत्व यह है कि कॉफी की खेती करने वाले किसानों के आय को एक मजबूती देना, उनके बीच आने वाली मुसीबतों को दुनिया के सामने उजागर करना, और कॉफी के उद्दयोग को बढ़ावा देना है। कॉफी दिवस विशेष रूप से कॉफी के किसानों के प्रति समर्पित है, जो कॉफी के फसल के लिए कड़ी मेहनत के साथ खेती करते हुए इसकी सप्लाई में कोई रुकावट नहीं आने देते हैं।
01-10-2022
68th National Film Awards 2022, 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के गोल्डन और सिल्वर लोटस अवार्ड्स विनर लिस्ट
68th National Film Awards 2022 : 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए हैं। महान अभिनेत्री आशा पारेख को भारतीय सिनेमा में उनके जीवन भर के उत्कृष्ट योगदान के लिए 2020 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया है। 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2021 में आयोजित होने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थगित कर दिया गया था। आइए जानते हैं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं की सूची के बारे में - अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download hereराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं की सूची
1.तमिल फिल्म सोराई पोट्रू को बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया है
2.तानाजी द अनसंग वॉरियर को 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में संतोषजनक मनोरंजन प्रदान करने वाली सबसे लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार दिया गया है।
3.feature-length non-dangi, बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का पुरस्कार टेस्टिमोनी ऑफ ऐना को मिला है।
4.अंतिम संस्कार एक मराठी फिल्म ने सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता है।
5.अजय देवगन और सूर्या को तानाजी-द अनसंग वैरीयर और सोराई पोट्रू के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है।
6.सोराई पोट्रू के लिए अपर्णा बलमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया है।
7.मलयालम फिल्म एके अय्यपनुम कोशियूम के लिए सच्चिदानंद केआर को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार को मिला है।
8. मराठी फिल्म सुमी को 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट बच्चों की फिल्म का पुरस्कार मिला है।
9.मनोज मुंतशिर को साइना के बेहतरीन लिरिक्स के लिए सम्मानित किया गया।
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68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार - गोल्डन लोटस अवार्ड्स
पुरस्कार | फिल्म | भाषा |
बेस्ट फीचर फिल्म | सोरारई पोट्रु | तामिल |
बेस्ट डायरेक्शन | अय्यप्पनम कोशियुम | मलयालम |
संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म |
तानाजी-द अनसंग वैरीयर | हिंदी |
सर्वश्रेष्ठ बच्चों की फिल्म | सुमी | मराठी |
एक डायरेक्टर की बेस्ट डेब्युट फिल्म | मंडेला | तामिल |
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार - सिल्वर लोटस अवार्ड्स
अवॉर्ड | फिल्म | भाषा |
पर्यावरण संरक्षण पर बेस्ट फिल्म | तलेदंडा | कन्नडा |
सामाजिक मुद्दों पर बेस्ट फिल्म | मैयत | मराठी |
बेस्ट अभिनेता | सोरारई पोट्रु | तामिल |
बेस्ट अभिनेता | तानाजी-द अनसंग वैरीयर | हिंदी |
बेस्ट एक्ट्रेस | सोरारई पोट्रु | तामिल |
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर | अय्यप्पनम कोशियुम | मलयालम |
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस | शिवरंजिनीयम इनुम सिला पेंगलुम | तामिल |
बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट | सुमी (फिल्म) | मराठी |
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (फिमेल) | अय्यप्पनम कोशियुम | मलयालम |
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मेल) | एम आई वसंतराव | मराठी |
बेस्ट सिनेमैटोग्राफर | अविजात्रिक | बंगाली |
बेस्ट स्क्रीनप्ले राइटर | सोरारई पोट्रु | तामिल |
बेस्ट स्क्रीनप्ले डायलॉग | मंडेला | तामिल |
बेस्ट ऑडियोग्राफी लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट | Dollu | कन्नडा |
बेस्ट ऑडियोग्राफी साउंड डिजाइनर | एम आई वसंतराव | मराठी |
बेस्ट ऑडियोग्राफी रिकॉर्डिस्ट ऑफ द फाइनल मिक्सड ट्रेक |
मलिक | मलयालम |
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन सॉन्ग | आला वैकुंठपुरमुलु | तेलुगू |
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर बैकग्राउंड स्कोर | सोरारई पोट्रु | तामिल |
बेस्ट लिरिक्स | साइना | हिंदी |
बेस्ट एडिटिंग | शिवरंजिनीयम इनुम सिला पेंगलुम | तामिल |
बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन | कप्पेला | मलयालम |
बेस्ट मेकअप आर्टिस्ट | नाट्यम | तेलुगू |
बेस्ट कोरियोग्राफी | नाट्यम | तेलुगू |
बेस्ट स्टंट कोरियोग्राफर | अय्यप्पनम कोशियुम | मलयालम |
15 Facts Related to Swachh Bharat Abhiyan, स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े 15 महत्वपूर्ण फैक्ट
Swachh Bharat Abhiyan 15 Facts : स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित एक स्वक्षता दौड़ के साथ शुरू किया गया था। इस अभियान को दो भागों में बांटा गया था एक ग्रामीण क्षेत्रों में और दूसरा शहरी क्षेत्रों में। इस अभियान का संचालन आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है। स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य देश में स्वच्छता को बढ़ावा देना एवं स्वस्थ जीवन के लिए नागरिकों को जागरूक करना था। आइए जानते हैं स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े 15 महत्वपूर्ण तथ्य -
स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े 15 महत्वपूर्ण फैक्ट
1.स्वच्छ भारत अभियान वास्तव में पिछली सरकार द्वारा लागू की गई निर्मल भारत अभियान का ही पुनर्गठन है।
2. स्वच्छ भारत अभियान को अब तक भारत में सबसे बड़े स्वच्छता कार्यक्रम के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें 30 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और छात्र इस अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
3.हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस मनाया जाता है।
4. स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत घरेलू शौचालय बनाने वाले प्रत्येक परिवार को ₹12000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
5. स्वच्छता गतिविधियों में छात्रों एवं शिक्षकों को शामिल करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक अन्य छोटा सा अभियान शुरू किया गया था जिसका नाम "बाल स्वच्छता अभियान" था।
6. स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, शिल्पा शेट्टी, सौरव गांगुली, पवन कल्याण, शिव लाल यादव जैसे कई भारतीय प्रसिद्ध हस्तियों को अप्वॉइंट किया गया है।
7.स्वच्छ भारत अभियान के एक हिस्से के रूप में एक प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अभियान भी शुरू किया गया था इस अभियान का उद्देश्य पूरी तरह से भारत को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करना था।
8. अक्टूबर महीने की पहली छमाही यानी 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान के हिस्से के रूप में हर साल स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जाता है।
9. स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने स्वच्छता में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
10. सफाई कर्मचारियों और हाथ से मैला ढोने वालों को रोजगार और सहायता देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत एक "स्वच्छता उद्यमी योजना" की भी शुरुआत की गई है।
11. स्वच्छ भारत अभियान के लिए गैर सरकारी और निजी संगठनों को दान या सहायता राशि के लिए प्रोत्साहित करने के लिए "स्वच्छ भारत कोष" की स्थापना की गई है।
12. स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भारत की सबसे स्वच्छ राजधानी के रूप में घोषित किया गया है।
13. 10 लाख से अधिक आबादी वाला गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर को स्वच्छ भारत अभियान के तहत सबसे बड़ा स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।
14.हरियाणा सरकार ने स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को घरेलू शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए "कोई शौचालय नहीं, कोई दुल्हन नहीं" का नारा जारी किया है।
15.स्वच्छ भारत अभियान के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
GK quiz on Gandhi Jayanti, गांधी जयंती से जुड़े महत्वपूर्ण MCQ
GK quiz on Gandhi Jayanti : हर साल 2 अक्टूबर को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर गांधी जयंती मनाया जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। महात्मा गांधी जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और भलाई के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे, इस साल गांधी जी की 153वीं जयंती मनाई जाएगी। आज के इस लेख में हम आपको महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलन कार्यों एवं भारत की स्वतंत्रता में उनके द्वारा निभाए गए मुख्य भूमिका से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं। आइए इनको हल करते हैं -
1. यह कथन किसका है "ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो, ऐसे सीखो कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो" ?
a.नरेंद्र मोदी
b.महात्मा गांधी
c.लाला लाजपत राय
d.लाल बहादुर शास्त्री
उत्तर महात्मा गांधी
2.अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस कब मनाया जाता है?
a.15 अगस्त
b.20 मई
c.2 अक्टूबर
d.17 सितंबर
उत्तर 2 अक्टूबर
3. गांधी जी द्वारा "Unto This Last" को गुजराती में अनुवाद कर इस शीर्षक को क्या नाम दिया था ?
a. मानवता
b.त्याग
c.समर्पण
d.सर्वोदय
उत्तर - सर्वोदय
4.महात्मा गांधी का जन्म स्थल क्या है?
a.पोरबंदर
b.पुणे
c.गांधीनगर
d. अहमदाबाद
उत्तर - पोरबंदर
5.निम्नलिखित में से कौन सा नारा गांधी जी द्वारा दिया गया है?
a.अहिंसा परमो धर्म
b.करो या मरो
c.तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा
d. स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
उत्तर- करो या मरो
6. दांडी मार्च महात्मा गांधी और उनके स्वयंसेवकों द्वारा किस साल शुरू किया गया था?
a. 1920
b.1930
c.1932
d.1935
उत्तर- 1930
7.दांडी मार्च यात्रा साबरमती आश्रम से दांडी तक कितने दिनों में समाप्त किया गया था?
a.25
b.24
c.20
d.17
उत्तर - 24 दिनों में
8. साबरमती आश्रम किस राज्य में स्थित है?
a.महाराष्ट्र
b.गुजरात
c.राजस्थान
d.पंजाब
उत्तर - गुजरात
9.महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई निम्नलिखित कौन सी पुस्तक है?
a. हिंद स्वराज
b.सत्याग्रह
c.सत्य के साथ मेरे प्रयोगों की कहानी
d.उपरोक्त में से सभी
उत्तर - उपरोक्त में से सभी
10.महात्मा गांधी द्वारा स्वतंत्रता के लिए पहला आंदोलन कौन सा था?
a. खेड़ा सत्याग्रह
b.दांडी मार्च
c.नमक आंदोलन
d.चंपारण सत्याग्रह
उत्तर - चंपारण सत्याग्रह
11.साल 1920 में महात्मा गांधी द्वारा किस आंदोलन की शुरुआत की गई थी?
a.असहयोग आंदोलन
b.करो या मरो आंदोलन
c.दांडी
d.सत्याग्रह आंदोलन
उत्तर- असहयोग आंदोलन
12.1982 में आई फिल्म गांधी में महात्मा गांधी का रोल किसने अदा किया था?
a.दिलीप कुमार
b.राज कपूर
c.संजय दत्त
d.बेन किंग्सले
उत्तर- बेन किंग्सले
13.मैन ऑफ द ईयर टाइम्स मैगजीन ने महात्मा गांधी को किस साल घोषित किया था?
a.1932
b.1935
c.1930
d.1931
उत्तर 1930
14. 30 महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई थी?
a.30 दिसंबर 1947
b.30 दिसंबर 1948
c.30 जनवरी 1948
d.30 जनवरी 1947
उत्तर 30 जनवरी 1948
15.मैन ऑफ द ईयर टाइम्स मैगजीन ने महात्मा गांधी को किस साल घोषित किया था?
a.1932
b.1935
c.1930
d.1931
उत्तर 1930
16. 30 महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई थी
a.30 दिसंबर 1947
b.30 दिसंबर 1948
c.30 जनवरी 1948
d.30 जनवरी 1947
उत्तर 30 जनवरी 1948
10 Facts Related to Mahatma Gandhi, महात्मा गांधी से जुड़े 15 महत्वपूर्ण फैक्ट
10 Facts Related to Mahatma Gandhi : भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महात्मा गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, हर साल 2 अक्टूबर को उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल गांधी जयंती मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। साल 2022 में महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई जाएगी। अहिंसा को अपना परम धर्म मानते हुए महात्मा गांधी ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में इनका उत्कृष्ट योगदान है, महात्मा गांधी के इसी अहिंसा के रास्ते को याद कर उनके जन्म दिवस के अवसर पर पूरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा दिवस के रूप में 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी के विचार ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि विश्व के हर वर्ग के लोगों का मार्गदर्शन करती है। आइए जानते हैं महात्मा गांधी से जुड़े 10 रोचक तथ्य जिनके बारे में शायद ही किसी ने सुना होगा।
महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य
1.महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 शुक्रवार को हुआ था, वहीं भारत की आजादी भी 15 अगस्त 1947 दिन शुक्रवार को मिली थी और गांधी जी की हत्या का दिन भी शुक्रवार को 30 जनवरी 1948 को हुई थी।
2. गांधी जी के जन्म दिवस के अवसर पर पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है।
3. महात्मा गांधी अपने माता पिता के सबसे छोटे संतान थे। इनके दो बड़े भाई और एक बहन थी।
4. अफ्रीका में महात्मा गांधी अपने सत्याग्रह के दौरान लगभग 1100 एकड़ में एक कॉलनी ट़लस्टॉय फॉर्म स्थापना की थी।
5. महात्मा गांधी सभी भारतीयों से समानता दिखाने के लिए बिना सिले हुए कपड़े पहना करते थे और इस विषय पर उनका कहना था कि वह तभी अपने पूरे शरीर को ढक देंगे, जब सभी भारतीयों के पास पूरे तन का कपड़ा होगा।
6.महात्मा गांधी के आंदोलनों के दौरान अंग्रेजी हुकूमत किसी को भी तस्वीर लेने की इजाजत नहीं देते थी, इस पर अंग्रेजी शासन का यह मानना था कि तस्वीर से आंदोलन और बड़ा और व्यापक हो सकता है।
7.विश्व के इन सभी बड़े नेताओं ने गांधी जी के सिद्धांतों का पालन किया है, आंग सान सु की, नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग।
8. गांधीजी को फुटबॉल खेल से बहुत लगाव था और दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी तीन फुटबॉल क्लबों के संस्थापक थे।
9. भीमराव अंबेडकर महात्मा गांधी के विरोधी थे, लेकिन महात्मा गांधी के आग्रह पर ही उन्हें संविधान सभा में शामिल किया गया था।
10. स्वतंत्रता आंदोलनों के दौरान महात्मा गांधी 13 बार गिरफ्तार हुए थे और इस दौरान उन्होंने 17 बड़े अनशन किए थे एवं लगातार 114 दिन तक भूखे रहे थे।
11. सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।
12.एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स गोल फ्रेम का चश्मा महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए पहनते थे।
13. महात्मा गांधी की तस्वीर 1996 से भारतीय नोटों से छापी जा रही है।
15. महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार कभी नहीं मिला है, लेकिन उन्हें पांच बार नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था।
16. 1930 में गांधी जी को अमेरिका के टाइम मैगजीन द्वारा मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
17. भारत में 53 प्रमुख सड़कों और भारत के बाहर 48 लड़कों का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है, भारत की तुलना में नीदरलैंड में महात्मा गांधी के नाम से ज्यादा सड़के हैं।
ICC Cricket New Rules, आईसीसी क्रिकेट के नए नियम क्या हैं, जाने विस्तार से
ICC Cricket New Rules : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी के नए नियम 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी हो रहे हैं। जारी किए गए नए नियमों को बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कैप्टन सौरव गांगुली की अगुवाई वाली आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने हाल ही में मंजूरी दी है। आइए जानते हैं इन 8 जरूरी नियमों के बारे में जिनका बदलाव किया गया
1. कैच आउट -
बल्लेबाज कैच आउट होता है तो, नया बल्लेबाज स्ट्राइक पर आएगा भले ही बल्लेबाज खलने से पहले एक दूसरे को पार हो गए हों। अब किसी बैट्समैन के कैच आउट होने पर नए बैट्समैन को ही अगली गेंद खेलनी होगी। पहले नियम था कि किसी बैट्समैन के आउट होने पर अगर बैट्समैन अपने छोर बदल लेते थे तो नए बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर रहता था और दूसरे छोर पर रहने वाले बैट्समैन अगली गेंद खेलता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हर स्थिति में नया बल्लेबाज ही अगली गेंद खेलेगा। अगर ओवर की आखिरी गेंद पर विकेट गिर जाता है तो दूसरे छोर पर रहने वाला बल्लेबाज अगली बॉल खेलेगा और नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर रहेगा।
2.लार पर प्रतिबंध
बॉल चमकाने के लिए अब लार या थूंक का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसे हाइजीन और स्वस्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए इस नियम को लाया गया है। अब इसे स्थाई रूप से लागू कर दिया गया।
3.स्ट्राइक के लिए घटाया गया 1 मिनट
अब विकेट गिरने के बाद नए बैट्समैन को टेस्ट और वनडे मैच में 2 मिनट के भीतर स्ट्राइक लेने के लिए तैयार होना पड़ेगा। जबकी टी - 20 में 90 सेकंड का ही रहेगा।
3. पिच से बाहर जाती गेंद पर नहीं मिलेगा रन -
अगर कोई बैटमैन बॉल खेलने की कोशिश में पिच से पूरी तरह बाहर जाता है तो बॉल डेड बॉल हो जाएगी और बैट्समैन को कोईरन नहीं मिलेगा। इसके अलावा कोई भी बॉल जो बैट्समैन को पिच छोड़ने के लिए मजबूर करेगी उसे भी नो बॉलकहा जाएगा।
4. फील्डर के अनुचित बर्ताव पर 5 रन की होगी पेनाल्टी-
बॉलर के गेंद फेंकने से ठीक पहले जानबूझकर कोई अनुचित हरकत करता है तो अंपायर उसे गेंद को डेड बॉल देने के अलावा बैटिंग करने वाली टीम को पेनाल्टी के रूप में 5 रन दे सकते हैं। अब इस नए नियम को और सख्त किया गया है, अब ऐसे करने पर अंपायर बैटिंग टीम को 5 रन दे सकता है इसके अलावा अनुचित छींटाकशी पर रोक लगेगी।
5. रन आउट -
अगर कोई गेंदबाज गेंद फेंकने से ठीक पहले नॉन स्ट्राइक पर खड़े बैट्समैन की गिल्लियां बिखेरकर उसे आउट करता है तो इसे रन आउट माना जाएगा पहले इसे मांकडिंग माना जाता था।
6. धीमी ओवर गति पर जुर्माना-
टी20 क्रिकेट में धीमी ओवर गति पर जुर्माने का प्रावधान लाया गया है। 2023 वर्ल्ड कप के बाद इसे वनडे में भी लागू किया जाएगा। इस नए नियम के मुताबिक बॉलिंग करने वाली टीम को निश्चित समय के अंदर अपनी आखिरी ओवर शुरू करना होगा, अगर तय किए गए समय पर कोई टीम अपना आखिरी ओवर नहीं शुरू कर पाती है तो टाइमलाइन के बाद जितने भी ओवर होते हैं उनमें एक फिल्डर बाउंड्री से हटाकर 30 गज के दायरे के अंदर रखना पड़ता है।
7. हाइब्रिड पिच
महिला और पुरुष एवं टी-20 मैचों को खेलने की शर्तों में संशोधन किए जाएंगे ताकि दोनों टीम के सहमत होने पर हाइब्रिड पिच का उपयोग किया जा सके। अब सभी पुरुषों और महिलाओं के वनडे और टी-20 मैचों में ही किया जा सकता है।
8. गेंद फेंकने से पहले नहीं होगा रन आउट
पहले यह नियम था कि अगर कोई बैटमैन बॉल खेलने से पहले बाहर आ जाता है तो गेंदबाज थ्रो करके उसे रन आउट कर सकता था, लेकिन अब यह नियम बदल दिया गया है और अगर कोई बॉलर ऐसा करने की कोशिश करता है तो वह बॉल डेड बॉल मानी जाएगी। अब बल्लेबाज के पास खुलकर अपनी क्रीज का इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता होगी।
International Day of Nonviolence 2022, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस क्यों मनाया जाता है, जाने इसके इतिहास एंव महत्व के बारे में
International Day of Nonviolence 2022 : हर साल विश्व स्तर पर 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता और अहिंसा के दर्शन एवं रणनीति के अग्रणी महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस शिक्षा और जन जागरूकता के माध्यम से विश्व स्तर पर अहिंसा के संदेश को प्रसारित करने के लिए मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस का इतिहास
15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने के लिए स्वीकृति दी थी। हर साल 2 अक्टूबर को विश्व स्तर पर अहिंसा के साथ भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। साल 2022 में वैश्विक शांति आइकन की 153 वीं जयंती मनाई जाएगी। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।
महात्मा गांधी के जीवन और उनके नेतृत्व के बारे में विस्तार से
महात्मा गांधी जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में उत्कृष्ट योगदान दिए हैं, साथ ही दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों के लिए हमेशा से प्रेरणा रहे हैं। अपने पूरे जीवनकाल के दौरान गांधी जी अहिंसा के पथ पर बने रहे और बिना हिंसा किए देश को आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनके कार्यों के पीछे का सिद्धांत जिसमें 1930 के ऐतिहासिक नमक मार्च के साथ ब्रिटिश कानून के लिए बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा को प्रोत्साहित करना था, और वह यह था कि जस्ट मीन्स टू जस्ट एंड्स इसका अर्थ है शांतिपूर्ण समाज को प्राप्त करना तर्कहीन है। महात्मा गांधी का मानना था कि भारतीयों को उपनिवेशवाद से आजादी की लड़ाई में हिंसा या नफरत का प्रयोग नहीं करना है बल्कि अहिंसा से भी यह जंग जीती जा सकती है।
महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकों के बारे में
1.द स्टोरी ऑफ माय एक्सपेरिमेंट विथ ट्रुथ
2.द मोरल बेसिस ऑफ़ वेजिटेरियनिस्म
3.पीस द वर्ड्स एंड इंस्पिरेशन ऑफ महात्मा गांधी
4.हिंद स्वराज
5.दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह
6.मेरे सपनों का भारत
7.ग्राम स्वराज
8. रचनात्मक कार्यक्रम - इसका अर्थ और स्थान
9.ऑल मैन आर ब्रदर्स
10. गांधी के अनुसार गीता
Light Combat Helicopter LCH, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के क्या खासियत हैं
Light Combat Helicopter, LCH : इंडियन एयर फोर्स को 3 अक्टूबर 2022 सोमवार को एक नई ताकत मिल गई है। भारतीय वायु सेना में युद्ध कौशल को मजबूत करने के लिए देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter, LCH ) के पहले जत्थे को शामिल किया गया है। पहले जत्थे में भारतीय वायु सेना को 10 हेलीकॉप्टर दिए गए हैं। राजस्थान जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वदेशी निर्मित हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया है।
इस हेलीकॉप्टर की क्या खासियत है
एयर फोर्स में शामिल होने वाला यह नया हेलीकॉप्टर हवाई युद्ध में सक्षम है और संघर्ष के दौरान धीमी गति से चलने वाले विमानों, ड्रोन और बख्तरबंद टैंकरों से निपटने में वायु सेना की सहायता करेगा। इस प्रक्षेपण कार्यक्रम का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। इस कार्यक्रम के दौरान वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीआर चौधरी भी मौजूद थे, और इसका नामकरण भी किया गया है इन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर का नाम प्रचंड रका गया है।
इस हेलीकॉप्टर के बारे में
इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मंडलों की मंत्रिमंडल समिति सीसीएस की बैठक में भारत में ही निर्मित 15 एलसीएच को 3887 करोड़ रुपए में खरीदने की मंजूरी दी गई थी। इन 15 हेलीकॉप्टर में से 10 भारतीय वायु सेना के लिए और 5 थल सेना के लिए खरीदे गए थे। अधिकारियों ने यह कहा था कि हथियारों और इंधन के साथ 5000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकते है।
इन हेलीकॉप्टरों को कहां तैनात किया जाएगा
इन हेलीकॉप्टरों को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने डेवलप किया है और इसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। इन हेलीकॉप्टरों को सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लद्दाख और रेगिस्तानी इलाकों में हेलीकॉप्टर को बड़े पैमाने पर तैनात किया जाएगा। इंडियन एयर फोर्स में पिछले 3 - 4 सालों में चिनूक, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और अब एलसीएच को शामिल करने के साथ कई हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया है। भारतीय वायु सेना अब चिनूक हेलीकॉप्टर में महिला पायलट को भी तैनात कर रहे हैं जो उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर नियमित अपूर्ति मिशन करने जा रहे। वहीं, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन, भारतीय निर्मित, स्वदेशी रूप से डिजाइन, डेवलप और निर्मित अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है।
YUVA 2.0 : केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 2 अक्टूबर 2022 को युवा 2.0 युवा लेखकों को प्रशिक्षित एवं परामर्श देने वाली योजना को लॉन्च किया है। युवा (युवा, आगामी और बहुमुखी लेखकों), देश में पढ़ने, लिखने और पुस्तक की संस्कृति को बढ़ावा देने एवं भारतीय परियोजनाओं को मजबूती देने के लिए युवा और उभरते लेखकों जिनकी उम्र 30 साल से कम है उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए यह एक लेखक परामर्श कार्यक्रम है।
युवा 2.0 के बारे में
शिक्षा मंत्रालय द्वारा युवा योजना 29 मई 2021 को पहली बार शुरू की गई थी। युवा 1.0 की सफलता के बाद शिक्षा मंत्रालय ने युवा 2.0 को लॉन्च किया है। India@75 Project परियोजना (आजादी के अमृत महोत्सव) का ही एक हिस्सा है, जो लोकतंत्र (संस्थाएं, घटनाएं, लोग, संवैधानिक मूल्य, अतीत, वर्तमान, भविष्य) के विषय पर लेखकों की युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण को एक इनोवेशन और रचनात्मक तरीके से प्रेजेंट करता है। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत, युवा कार्यक्रम की कार्यान्वयन एजेंसी है, जो इस कार्यक्रम का संचालन करेगी।
युवा 2.0 से जुड़े FAQ
1. युवा/ YUVA का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर- युवा/ YUVA का फुल फॉर्म है यंग, अपकमिंग एंड वर्सटाइल ऑथर्स है।
2. युवा योजना की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर- युवा योजना सबसे पहले 29 मई 2021 को शुरू की गई थी।
3. युवा योजना किस मंत्रालय के अंतर्गत आती है?
उत्तर- शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत।
4.युवा के कितने सीरीज लॉन्च हो चुके हैं ?
उत्तर- 2 युवा 1.0 ।
युवा 2.0 ।
5.वर्तमान शिक्षा मंत्री कौन हैं?
उत्तर- धर्मेंद्र प्रधान।
6.युवा 2.0 को कब लांच किया गया?
उत्तर- 2 अक्टूबर 2022।
7.युवा योजना किस क्षेत्र से संबंधित है?
उत्तर- लेखकों के लिए परामर्श और ट्रेनिंग से संबंधित है।
8. युवा 2.0 क्या है?
उत्तर- युवा लेखकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक परामर्श कार्यक्रम है।
9. युवा 2.0 के लिए लेखकों की उम्र सीमा क्या है?
उत्तर- 30 साल से कम है।
Most Visited Monument in India, भारत के टॉप 5 पर्यटन स्थल जहां विदेशी आते हैं सबसे ज्यादा घुमने
Most Visited Monument in India, भारत के टॉप 5 पर्यटन स्थल जहां विदेशी आते हैं सबसे ज्यादा घुमने
List of Most Visited Monument in India : हर साल भारत में लाखों फॉरेन टूरिस्ट घूमने आते हैं, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें इंडिया की टूरिज्म इंडस्ट्री रिलेटेड कुछ नई बातें सामने आई है। जिसमें रिपोर्ट में उन जगहों के लिए एक लिस्ट जारी की है जिसमें इस साल सबसे ज्यादा टूरिस्ट घूमने आए हैं। ताजमहल भारत का सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन और सात अजूबों में से एक है, लेकिन इस साल के इस रिपोर्ट में टूरिस्ट के मामले में ताजमहल जारी लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। आइए जानते हैं कि ताजमहल के अलावा वह कौन सी जगह है जो भारत में टूरिस्ट के मामले में पहला स्थान हासिल किया है।
1. महाबलीपुरम (Mahabalipuram) : महाबलीपुरम जिसे मामल्लापुरम नाम से भी जाना जाता है और यह स्मारकों का समूह कहा जाता है। यह खूबसूरत जगह तमिलनाडु में स्थित है। महाबलीपुरम में 40 स्मारकों का समूह है जिसमें देवी-देवताओं के खूबसूरत मंदिर और प्रचीन गुफाएं बनी हुई हैं। इस साल महाबलीपुरम में डेढ़ लाख लोगों ने इस क्षेत्र का दौरा किया है। सर्वे के मुताबिक महाबलीपुरम इस साल का टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिस्ट में पहले स्थान पर है।
2. ताजमहल (Taj Mahal) : ताजमहल दुनिया में सात अजूबों में से एक है, जो अपनी खूबसूरती से लोगों को आकर्षित करती है। सफेद मार्बल से बना यह महल मुगल शासक शाहजहां की प्रेम की निशानी है। इस महल को शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था इस साल आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक ताजमहल पर लगभग 40000 लोग घूमने आए थे।
3. सालुवनकुप्पम स्मारक (Saluvankuppam Monuments) : सालुवनकुप्पम स्मारक तमिलनाडु में स्थित है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक 25000 से ज्यादा लोग इस साल यहां घूमने आए थे।
4. आगरा फोर्ट (Agra Fort) : रिपोर्ट के मुताबिक आगरा फोर्ट चौथे नंबर पर है। आगरा फोर्ट में इस साल 13598 लोग पर्यटक केंद्र था। दिल्ली आने से पहलेआगरा फोर्ट मुगल शासक अकबर का किला घर हुआ करता था।
5. जिंजी फोर्ट (Gingee Fort) : जिंजी फोर्ट इस साल टूरिस्ट में रिपोर्ट पांचवें स्थान पर है। यह जगह तमिलनाडु में स्थित है, इस कोर्ट की दीवारें इतनी मजबूत है कि इसमें घुसना असंभव है। इस फोर्ट को konar dynasty द्वारा बनवाया गया था। इस साल जिंजी फोर्ट पर 10483 यात्री घूमने आए थे।