महिला सुरक्षा दस्ता का उद्देश्य
1.जम्मू कश्मीर के किसी भी क्षेत्र में संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए महिला सुरक्षा दस्ते को शुरू किया गया है।2. इसका मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कोचिंग सेंटरों और ऐसे अन्य स्थानों पर लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा करना है।
3.इन सभी गस्तों को दिन के दौरान educational institutions सहित पूरे शहर में तैनात किया जाएगा।
4.सभी शिक्षण संस्थानों को भी कहा गया है कि अगर उनके क्षेत्र में कोई घटना होती है तो महिला दस्ते को जरूर संपर्क करें।
5.खालिदा परवीन ने कहा है कि ये दस्ते शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन के भी संपर्क में रहेंगे ताकि किसी भी emergency की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
इस महिला दस्ते का महत्व
श्रीनगर शहर में महिला सुरक्षा दस्ता शुरू करने का एकमात्र उद्देशय सही है कि क्षेत्र की सभी महिलाओं को अधिक सुरक्षित महसूस करवाना।
Source: Safalta
कुछ समय से बहुत सी लड़कियों को कॉलेजों या कोचिंग सेंटरों के बाहर परेशान किया जा रहा था, इस लिए पुलिस ने इन महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। पुलिस को उम्मीद है कि अब यह घटनाएँ रुक जाएगी क्योंकि अब ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट करने के लिए एक विशेष दस्ता होगा। जो कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर वक्त समर्पित रहेगा।महिला हेल्पलाइन
श्रीनगर पुलिस एक समर्पित महिला हेल्पलाइन नंबर भी लॉन्च करेगा जो कि विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विषयों के लिए 24×7 चालू रहेगा।इस महिला दस्त को शुरू करने के पिछे क्या कारण है?
श्रीनगर में कुछ दिन पहले एक महिला के उपर एसिड फेक दिया गया था और इस एसिड अटैक की घटना के बाद महिलाओं के सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए ही, महिला सुरक्षा दस्ता बनाया गया है। इस एसिड अटैक में बच्ची की दोनों आंखों में गहरी चोटें आई हैं। इसके अलावा एक और अन्य घटना में दो तस्करों ने दो लड़कियों पर हमला कर दिया, जिससे वे घायल हो गईं थी साथ ही क्षेत्र में महिलाओं से जुड़े अपराध दिनों दिन बढ़ रहे थे।मध्य कश्मीर रेंज के उप महानिरीक्षक सजीत कुमार ने इन दस्तों की शुरुआत की और इस पहल के लिए श्रीनगर पुलिस की सराहना की।
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