पोषण क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं
जीवन सबंधी क्रियाओ (life process )को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रत्येक जिव की दो प्रमुख आवश्कताएँ है -- (i )जीवन की उपापचयी क्रियाओं (metabolic activities )के सञ्चालन के लिए निरंतर ऊर्जा की आपूर्ति ,तथा (ii)शरीर की वृद्धि तथा टूटे -फूटे ऊतकों की मरम्मत के लिए जीवद्रव्य का निर्माण | इन आवस्यक्ताओं की पूर्ती के लिए तथा अपने जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्रत्येक जिव को जीवनपर्यन्त भोजन की जरूरत होती है | भोजन में स्तिथ विभिन्न् तत्त्व ये कार्य करते है | भोजन के ऐसे तत्व पोषक तत्त्व कहलाते है | अतः ,वह विधि जिससे जिव पोषक तत्त्वों को ग्रहण कर उनका उपयोग करते है ,पोषण कहलाते है | ये दो प्रकार के है 1 -सुपोषण 2 -परपोषण
khadya padhartho ka kosika tak pahuchna hi poshan h
पोषण शब्द उन सभी क्रियाओं के कुल योग को प्रदर्शित करता है जिसमें कच्चे भोज्य पदार्थ को शरीर के उपयोगी पदार्थों में बदला जाता हैll पोषण मुख्यतः दो प्रकार का होता है:- 1- स्वपोषी पोषण 2- परपोषी पोषण
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