प्राचीन भारत में धार्मिक आंदोलन

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Mon, 16 Aug 2021 09:04 AM IST

Source: TOI

भारत में धार्मिक आंदोलन

बौद्ध धर्म

महात्मा बुद्ध

  • महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई.पू मैं नेपाल की तराई में स्थिति कपिलवस्तु के समीर लुंबिनी ग्राम में हुआ था। (जन्म प्रतीक-कमल व सांड)
  • इनके पिता का नाम शुध्दोधन (शक्य गण के प्रधान) तथा माता का नाम महामाया (कोलियागण की राजकुमारी) था।
  • 35 वर्ष की आयु में गया (बिहार) में उरुवेला नामक स्थान पर पीपल वृक्ष के नीचे निरंजना (फल्गु) नदी के तट पर वैशाखा क पूर्णिमा की रात्री में समाधिस्थ अवस्था में इनको ज्ञान (निर्वाण) प्राप्त हुआ।
    (ज्ञान प्रतीक- पीपल  बोधि वृक्ष)
  • ग्रह-त्याग करने के बाद सिद्धार्थ(बुद्ध) ने वैशाली के आलारकालाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की।
  • उरुवेला मैं सिद्धार्थ को कौण्डिन्य, वप्पा ,भदिया महानामा एंव अस्सागी नामक पाँच साधन मिले। बिना अन्न-जल ग्रहण किए 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाखी की पूर्णिमा की रात निरंजना(फल्गु) नदी के किनारे, पीपल वृक्ष के नीचे, सिद्धार्थ को ज्ञान प्रप्त हुआ। ज्ञान-प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ बुद्ध के नाम से जाने गए तथा वे स्थान बोधगया कहलाया।
  • बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ (ऋषिपतनम्) मैं दिया, जिसे बौद्धग्रंथ में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा गया है।
  • महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश पाली में दिया जो जनभाषा थी।
  • 483ई.पू. 80 वर्ष की आयु में महात्मा बुद्ध का देहांत (महापरिनिर्वाण) कुशीनगर में हुआ(प्रतीक-स्तूप)।
  • बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं- बुद्ध,धम्म तथा संघ।बौद्धों का सबसे पवित्र त्योहर वैशाख पूर्णिमा है, जिससे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। बुद्ध का जन्म ज्ञान प्राप्ति एंव महापरिनिर्वाण वैशाख पूर्णिमा को ही हुई।
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              आष्टांगिक मार्ग

  1. सम्यक् दृष्टि

  2. सम्यक् संकल्प 
  3. सम्यक्  वाणी 
  4. सम्यक्  कर्गन्त
  5. सम्यक्  आजीव 
  6. सम्यक्  व्यायाम
  7. सम्यक्  स्मृति
  8. सम्यक्  समाधि
  • बुद्ध ने चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया जो इस प्रकार है- 1.दु:ख 2. दु:ख समुदाय 3. दु:ख निरोध 4. दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपघा।
  • बौध्द धर्मग्रन्थ के महान टीकाकार बुध्दघोष है।
  • सुतापिटक को बौध्द धर्म का एनसाइलोपीडिया कहा जाता है।
  • सांसारिक दुखों से मुक्ति हेतु, बुध्द ने आष्टांगिक मार्ग की बात कही।
  • बुध्द के आष्टांगिक मार्ग का स्रोत तैत्तिरीय उपनिषद् है।

                          बौद्ध महासंगीतियाँ
 

संगीति समय स्थल शासक संगीति अध्यक्ष
प्रथम बौद्ध संगीति 483ई.पू. सप्तपर्णि गुफा(राजगृह, बिहार) अजातशत्रु(हयैक वंश) महाकस्सप
द्वितीया बौद्ध संगीति 383ई.पू. चुल्लबग्गा(वैशाली, बिहार) कालाशोक(शिशुनाग वंश) सब्बकामि
तृतीया बौद्ध संगीति 250ई.पू. पाटलिपुत्र (मगध, बिहार) अशोक(मौर्य वंश) मोग्गलिपुत्त तिस्स 
 चतुर्थ र्बौद्ध संगीति 72ई.पू.  कुण्डलवन (कश्मीर) कनिष्क (कुषाण वंश) वसुमित्र
  • इस संगीति में बौद्ध धर्म हीनयान  और महायान में विभत्त हो गया था।