Weekly Current Affairs Magazine Free PDF: डाउनलोड करे |
यह अकाल उन कई अकालों और अकाल से उत्पन्न महामारियों में से एक है जिसने 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप को बिलकुल तबाह कर दिया था. इस अकाल का जिम्मेदार मौसम के साथ साथ ईस्ट इंडिया कंपनी की नीतियों के संयोजन को भी ठहराया जाता है. अकाल की शुरुआत सन 1769 में एक असफल मानसून से हुयी, जिसके कारण व्यापक सूखा और लगातार दो चावल की फसलों की खेती असफल हो गई . 1765 के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी की शोषणकारी कर राजस्व नीतियों के साथ हीं युद्ध की तबाही ने ग्रामीण आबादी के आर्थिक संसाधनों को पंगु बना दिया.
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
Bengal Famine of 1770 के कारण -
- प्लासी और बक्सर की लड़ाई के बाद, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल पर दीवानी अधिकार हासिल कर लिया था .
- नवाब केवल नाममात्र का प्रमुख था जबकि वास्तविक शक्ति कंपनी के प्रमुख के पास थी.
- कंपनी केवल अपने लिए राजस्व और मुनाफे में अधिक से अधिक वृद्धि करने में रुचि रखती थी, जबकि स्थानीय किसानों और अन्य लोगों की दुर्दशा पूरी तरह से अनभिज्ञ थी.
- कंपनी के शासन से पहले, भू-राजस्व पर कर की दर कृषि उपज का केवल 1/10वां हिस्सा थी. लेकिन कंपनी ने इसे रातों रात बढ़ाकर 50% उत्पाद कर दिया.
- जिन किसानों ने अपनी पिछली उपज से अतिरिक्त उपज का भंडारण किया था, उन्हें उपज का भण्डारण करने की अनुमति नहीं दी गयी.
- अंग्रेजों ने किसानों को धान जैसी खाद्य फसलों के बजाय निर्यात के लिए नकदी फसलों जैसे कि खसखस और नील उगाने के लिए मजबूर कर दिया था. इससे आम लोगों के लिए खाद्य अनाज की भारी कमी हो गई.
- सन 1768 में फसलों की मामूली कमी हुई थी जो एक खतरनाक स्थिति नहीं थी.
- लेकिन सन 1769 में जब मानसून में पहले तो बारिश हीं नहीं हुयी और फिर उसके बाद भयंकर सूखा पड़ा. सन 1769 में भुखमरी से लोगों की मौतें होनी शुरू हुईं, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने इस स्थिति को नजरअंदाज कर दिया.
- सन 1770 तक, मृत्यु संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी और लगभग 10 मिलियन लोग इस मानव निर्मित तबाही के शिकार हो गए .
- इस सब के बाद भी कंपनी ने उन किसानों से कर एकत्र करना जारी रखा जो अकाल के कारण कृषि राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर की दर में और वृद्धि करके भुगतान कर सकते थे.
- यह अकाल काफी हद तक कंपनी की कर और राजस्व नीतियों और बढ़ती भुखमरी के प्रति कंपनी के अधिकारियों की उदासीनता के कारण उत्पन्न हुआ था.
Bengal Famine of 1770 के अकाल के परिणाम -
- इस अकाल के दूरगामी परिणाम हुए जिसने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप को बल्कि दुनिया को भी हमेशा के लिए बदल दिया:
- अकाल की स्थिति सन 1770 तक अच्छी वर्षा होने के कारण शांत हो गई लेकिन स्थानीय आबादी के 1/3% पर दावा करने से पहले नहीं.
- अकाल के परिणामस्वरूप भूमि का एक बड़ा हिस्सा बंजर हो गया था.
- इस अकाल के परिणामस्वरूप बहुत सारी कृषि भूमि दशकों तक जंगल बनी रही.
- इसके परिणामस्वरूप बंगाल में ठगों और डकैतों के बैंड का खतरा बहुत बढ़ गया था.
- विश्व स्तर पर, 1765 में ईस्ट इंडिया कंपनी का लाभ पंद्रह मिलियन रुपये से बढ़कर 1777 में तीस मिलियन हो गया.
- मुनाफे में भारी उछाल के बावजूद, कंपनी को आर्थिक रूप से नुकसान होता रहा और 1773 में चाय अधिनियम पारित करने के लिए संसद को प्रभावित किया गया.
- अधिनियम ने करों के भुगतान के बिना, अमेरिकी उपनिवेशों को चाय के सीधे शिपमेंट की अनुमति दे दी. इससे स्थानीय व्यापारी इस कदर नाराज हो गए कि उन्होंने इस कदम का विरोध करना शुरू कर दिया. ऐसा ही एक विरोध सन 1773 की बोस्टन टी पार्टी का विरोध था.
- विरोध के परिणाम स्वरुप अंततः सन 1776 में अमेरिकी क्रांति में परिणत होने वाली घटनाओं की एक लम्बी श्रृंखला ने जन्म लिया.
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी
भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण